|
समझदार चिड़ियामैं भी चिड़िया तू भी चिड़िया,फिर क्यों झगड़ें आपस में।मेरी तेरी एक बात है,बात न बिगड़े आपस में।।नस-नस में नफरत है कितनी?दिल दिमाग में आग लगी।किसी और की करामात है,कमजोरी कुछ हाथ लगी।।घात लगाए बैठा कोई,बहकाता है दोनों को।उल्लू सीधा करता रहता,लड़ा भिड़ा कर दोनों को।।आओ बहन समझ लें सच को,भेद भाव अब दूर करें।दुश्मन के मन के सपनों को,मिलकर चकनाचूर करें।।द आचार्य मायाराम पतंग13
टिप्पणियाँ