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गत 26 नवम्बर को नई दिल्ली में 9 जगहों पर हजारों सन्तों एवं आम लोगों ने पदयात्रा कर सरकार को चेताया कि वह हिन्दुओं को अपमानित एवं बदनाम न करे, अन्यथा उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। पदयात्रा का आयोजन धर्म रक्षा मंच, दिल्ली प्रान्त ने मालेगांव बम विस्फोट की आड़ में सन्तों, सेना और हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों को बदनाम करने की साजिश के विरोध में किया था।पहली पदयात्रा हनुमान मन्दिर (कनाट प्लेस) से संसद मार्ग तक हुई। इसका नेतृत्व विश्व हिन्दू परिषद् के अन्तरराष्ट्रीय महामंत्री डा. प्रवीण भाई तोगड़िया ने किया। शंकराचार्य माधवाश्रम जी महाराज के सान्निध्य में सम्पन्न इस पदयात्रा में धर्म रक्षा मंच के संयोजक महंत ज्ञानदास जी (अयोध्या), सह संयोजक स्वामी हंसदास जी (हरिद्वार) व विश्व हिन्दू परिषद् के केन्द्रीय मंत्री श्री राजेन्द्र सिंह पंकज, श्री चम्पत राय, श्री बी.एल. शर्मा “प्रेम”, महंत रामप्रकाश दास जी (पंजाब), महंत रामस्वरूप दास जी एवं महंत रामेश्वर दास जी (जम्मू), परमार्थ निकेतन (ऋषिकेश) के संस्थापक स्वामी चिदानन्द सरस्वती, नामधारी सन्त श्री जसबीर सिंह, बजरंग दल के संयोजक श्री प्रकाश शर्मा सहित हरिद्वार एवं वृन्दावन के 13 प्रमुख अखाड़ों के मुख्य सन्त सम्मिलित हुए। पदयात्रा में शामिल सन्त नारे लगा रहे थे-“सन्तों को फांसी, अफजल को माफी” “सरकार के देखो पाप, सन्तों को जेल और अफजल की फांसी माफ” “सन्तों का अपमान, नहीं सहेगा हिन्दुस्थान” “साध्वी का नारको बार-बार आतंकी का नहीं एक भी बार”पदयात्रा की समाप्ति पर उपस्थित जनसमुदाय को सम्बोधित करते हुए डा. प्रवीण भाई तोगड़िया ने कहा कि संप्रग सरकार इस्लामी आतंकवादियों को बचाने के लिए एक षड्यंत्र के तहत सन्तों, सेना और हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों को बदनाम कर रही है। क्योंकि यही लोग 15-20 साल से जिहादियों को खत्म करने की मांग कर रहे हैं। डा. तोगड़िया ने कहा कि मालेगांव बम विस्फोट से पहले जम्मू में रघुनाथ मन्दिर, गांधीनगर में अक्षरधाम मन्दिर, वाराणसी में संकटमोचन हनुमान मन्दिर, अयोध्या में रामजन्मभूमि पर जिहादी हमले हो चुके हैं। इनमें से अधिकांश मामलों की जांच अभी तक ठीक से नहीं हो पाई है। जबकि हमलावर हमला करने के बाद उसकी जिम्मेदारी भी ले रहे हैं। दूसरी ओर मालेगांव बम धमाके के सिलसिले में बिना किसी सबूत के हिन्दुओं को प्रताड़ित किया जा रहा है, सेना को बदनाम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हिन्दुओं को झूठे आरोप में प्रताड़ित करने वाले एटीएस अधिकारियों का भी नारको टेस्ट होना चाहिए, ताकि यह पता चले कि वे किसके इशारे पर सन्तों एवं सेना को बदनाम कर रहे हैं।इसके बाद संगम विहार से कालका जी, सरोजिनी नगर से लाजपत नगर, मालवीय नगर से महरौली, शाहदरा से गांधीनगर, मण्डावली से त्रिलोकपुरी, शाहदरा से मण्डोली, नन्दनगरी से यमुना विहार, प्रशान्त विहार से रोहिणी सेक्टर-8, मोतीनगर से बाली नगर तक पदयात्राएं हुईं। इनमें बड़ी संख्या में साधु-सन्तों एवं स्थानीय निवासियों की भागीदारी रही। ये सन्त मुख्य रूप से हरिद्वार, वृन्दावन, मेरठ, ऋषिकेश, चण्डीगढ़, अम्बाला, शिमला आदि स्थानों से आए थे।इससे पहले उदासीन आश्रम (पहाड़गंज) में वरिष्ठ सन्तों एवं अनेक संगठनों के प्रतिनिधियों की एक बैठक हुई। इसमें निर्णय लिया गया कि हिन्दुओं को अपमानित करने के खिलाफ पूरे देश में जन-जागरण अभियान चलाया जाएगा। साथ ही यह भी फैसला हुआ कि 12-13 जनवरी, 2009 को प्रयाग के माघ मेले में हिन्दुओं का एक देशव्यापी सम्मेलन होगा। प्रतिनिधि14
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