पाठकीय
May 11, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

पाठकीय

by
Aug 7, 2007, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 07 Aug 2007 00:00:00

विकृत विदेशी सोच से स्वदेश का विकास कैसे होगा?-कुप्.सी.सुदर्शनसरसंघचालक, रा.स्व.संघजोधपुर में समारोह को संबोधित करते हुए श्री कुप्.सी.सुदर्शन”देश को सही अर्थों में प्रगति पथ पर ले जाना है तो विकास की भारतीय पद्धति को अपनाना होगा।” राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री कुप्.सी.सुदर्शन ने द्वितीय वर्ष, संघ शिक्षा वर्ग के समापन अवसर पर उक्त विचार व्यक्त किए। वे गत 16 जून को जोधपुर में राजस्थान के 249 स्थानों से आए 337 शिक्षार्थियों एवं गण्यमान्य नागरिकों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विकास की आधुनिक अवधारणा, जो मूलत: पाश्चात्य जगत द्वारा सम्पूर्ण विश्व पर थोपी गई है, अधूरी है। यह प्रकृति का अन्धाधुन्ध दोहन करके गम्भीर असंतुलन उत्पन्न करती है। इसके दुष्परिणाम हमारे समक्ष दिन-प्रतिदिन विकराल रूप में परिलक्षित हो रहे हैं।श्री सुदर्शन ने कहा कि विकृति वस्तुत: पश्चिमी सोच में है। पश्चिम केवल शरीर, मन और बुद्धि के बारे में विचार करता है। इन तीन के विकास से संघर्ष का जन्म होता है। इतिहास साक्षी है कि इसी अवधारणा के कारण ईसाईयत, इस्लाम, कम्युनलिज्म और आज उपभोक्तावाद ने विश्व में संघर्ष का ही विकास किया है। इसके विपरीत हिन्दू संस्कृति शरीर, मन और बुद्धि के साथ आत्मा का भी विचार करती है। आत्मा का विचार समूचे प्राणी जगत को आपस में जोड़ता है। संघर्ष को दूर करता है। प्रकृति के नियंत्रित उपभोग पर बल देता है। प्रकृति से सामंजस्य स्थापित करने को हमारे यहां धर्म कहा जाता है। अंग्रेजों ने केवल हमारी पूजा पद्धति को धर्म समझा, इसी से भ्रम उत्पन्न हुआ, जिसका दुष्प्रभाव हम आज भी भुगत रहे हैं।श्री सुदर्शन ने “अंग्रेजों के कारण हमने क्या खोया?” इसकी विस्तार से चर्चा करते हुए बताया कि अंग्रेजों की कूटनीति के कारण पश्चिमी सोच वाला तत्कालीन नेतृत्व देश विभाजन के लिए राजी हुआ। स्वतन्त्र होने पर भी हमारी शिक्षा पद्धति वही रही। अपनी उदार जीवन पद्धति को हमने ही सांप्रदायिकता का नाम दे दिया। मुसलमानों को अल्पसंख्यक मानते हुए उन्हें राष्ट्र की मुख्यधारा से अलग रखने के प्रयास होते रहे। आरक्षण, जिसका एक निश्चित अवधि तक उपयोग होना था, वोट बैंक की राजनीति के कारण उसका दुरुपयोग होता रहा हैं। हमारे द्वारा स्वीकार की गई अर्थव्यवस्था भी त्रुटिपूर्ण रही। हर हाथ को काम की बजाय हमने अधिक उत्पादन को प्राथमिकता दी, जिसके दुष्परिणाम आर्थिक विषमता व बढ़ती बेरोजगारी के रूप में हमारे समक्ष हैं।उन्होंने कहा कि विचार करें हम हम कौन हैं? हमारी विरासत क्या है? उसका स्मरण करें। उसे भूलकर हम पश्चिमी विचारधारा में बह गए हैं। उन्होंने हिन्दुओं की घटती जनंसख्या पर भी चिन्ता व्यक्त करते हुए इसके दुष्परिणामों की व्याख्या की। इस दृष्टि से उन्होंने हिन्दू समाज से सजग रहने का आह्वान किया। प्रतिनिधिभारतीय संस्कृति और विचार ही दुनिया में शांति और विकास का मार्ग प्रशस्त करेंगे-मोहनराव भागवतसरकार्यवाह, रा.स्व.संघदिल्ली में समारोह को संबोधित करते हुए श्री मोहनराव भागवतगत 16 जून को दिल्ली के सेवाधाम परिसर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विशेष शिक्षण वर्ग का समापन हुआ। भारत सरकार में सचिव व विभिन्न देशों में राजदूत और उच्चायुक्त जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रहे श्री ओमप्रकाश गुप्ता ने समापन कार्यक्रम की अध्यक्षता की। रा.स्व.संघ के सरकार्यवाह श्री मोहनराव भागवत विशेष रूप से उपस्थित थे। कार्यक्रम का शुभारंभ भारत माता के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। ध्वजारोहण एवं प्रार्थना के पश्चात् शिविर में 20 दिन से प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे 413 शिक्षार्थियों ने सामूहिक संचलन, घोष, शारीरिक, योग इत्यादि का प्रदर्शन किया। उल्लेखनीय है कि इस विशेष वर्ग में सभी प्रशिक्षार्थी 41 से 65 आयु वर्ग के थे।स्वयंसेवकों एवं उपस्थित गण्यमान्य नागरिकों को सम्बोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह श्री मोहनराव भागवत ने कहा कि वर्तमान समय को देखते हुए यह आवश्यक है कि भारत सहित दुनियाभर में हिन्दू अपनी संस्कृति के गौरव का स्मरण करें। आज विकसित देश विकासशील देशों का शोषण कर रहे हैं, जिससे समस्याएं बढ़ रही हैं। विश्व में सुख, शान्ति एवं समस्याओं का समाधान केवल भारतवर्ष के प्राचीन विचारों एवं संस्कृति में ही है।उन्होंने कहा कि एक ओर सुविधाएं बढ़ रही हैं तो दूसरी ओर गरीबी भी बढ़ रही है। राष्ट्रीयता की भावना कमजोर हो रही है। वन्देमातरम का विरोध, संसद पर आक्रमण करने वालों का बचाव, रामसेतु एवं राम मंदिर की उपेक्षा इत्यादि विषय 85 प्रतिशत हिन्दू समाज को उद्वेलित कर रहे हैं। महामहिम राष्ट्रपति जी ने कहा था, “शक्ति की उपासना” नहीं होने के कारण ही यह सब हो रहा है। वीर सावरकर, चक्रवर्ती राजगोपालाचारी आशावान थे कि आजादी मिलने के बाद देश का उत्थान होगा, परन्तु आज धन-प्रतिष्ठा बढ़ने से भ्रष्टाचार एवं दोषपूर्ण जीवन शैली का प्रादुर्भाव हो गया है। देश विचार, भाषा, प्रांत, जाति में बंट गया है। उन्होंने ने कहा कि इन सभी विपरीत परिस्थितियों में हिन्दुत्व की भावना को प्रबल, संगठित एवं जागरूक बनाकर देश के लिए अपने को योग्य कैसे बनाया जाए, यही संघ का प्रशिक्षण है। संघ को जानने के लिए संघ में आना आवश्यक है। सम्पूर्ण समाज मिलकर देश का भविष्य उज्ज्वल करेगा।अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में श्री गुप्ता ने कहा कि अनेक देशों में विभिन्न पदों पर कार्य करते हुए मुझे अनुभव हुआ है कि “सैल्फ इम्पोज्ड स्लेवरी” की भावना से ग्रस्त हिन्दू समाज किसी का भी शासन स्वीकार कर लेता है। इसी कारण अंग्रेजों व उससे पहले मुगलों ने सदियों तक भारत पर शासन किया। हिन्दुस्थान में ही हिन्दू दूसरे दर्जे का नागरिक माना जाता है। आजादी के 60 वर्ष बाद भी कुछ पद केवल अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित हैं। प्रश्न उठता है क्या हिन्दू अन्य समुदायों की तुलना में बराबर का नागरिक समझा जाता है? यदि नहीं तो फिर हिन्दू समाज को भारतवर्ष के उत्थान के लिए स्वाभिमान जाग्रत करना होगा और संगठित होना होगा। संघ यही कार्य कर रहा है। इं.वि.सं.के.दिल्ली में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक विचार और विस्तार पर बल -आलोक गोस्वामीबैंक घोटाला…हत्या के आरोपी का बचाव…राजनीतिक रसूख के बल पर कानून की धज्जियां उड़ाने जैसे आरोपों से घिरी हैं कांग्रेस की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार… प्रतिभा पाटिल तो इस तरह होगा महिला विकास? -अरुण शौरी, पूर्व केन्द्रीय मंत्रीगुरुवायूर मंदिर पर माकपाई राजनीति के विरुद्ध भाजपा का महिला सत्याग्रह मलयालम अभिनेत्री सुकुमारी और मेनका सहित हजारों महिलाएं सत्याग्रह में शामिल मंदिरों में कम्युनिस्टों का षडंत्र हिन्दुओं के धैर्य की परीक्षा न लें -प्रदीप कुमारविदेशी ईसाई पास्टर का मतान्तरण अभियान 0 हिन्दू एक्य वेदी ने दर्ज की शिकायतआतंकवादियों का गढ़ बना उत्तर प्रदेश निशाने पर फिर अयोध्या? -लखनऊ‚ प्रतिनिधि के साथ अयोध्या से अशोक चटर्जीगुरूवायूर श्रीकृष्ण-14इस सप्ताह आपका भविष्यऐसी भाषा-कैसी भाषा थार में हाईटेक डेजर्ट सफारीदिशादर्शन निष्ठा की निष्कंप लौ – तरुण विजयचीनस्य बुद्ध:, बुद्धस्य भारतम्-16 भारत के समंत भद्र, चीन के बोधिसत्व -तरुण विजयमंथन सोनिया की षड्यंत्री राजनीति के खतरे – देवेन्द्र स्वरूपगवाक्ष सुनिए खुशवन्त सिंह जी! – शिवओम अम्बरप्रतिभा पाटिल के गृह जिले जलगांव में हत्या किसने की, दबाव किसने डाला…अंग्रेजियत की मानसिकता और उसके ऊ‚पर एक विचार जिसे रास्ते से अंग्रेजी आई उसे तो जानो – डा. अजित गुप्ता, अध्यक्ष, राजस्थान साहित्य अकादमीप्रतिभा से साक्षात्कार में अमिताभ ने कहा- मन का हो तो अच्छा, मन का ना हो तो ज्यादा अच्छा “नमस्ते सिनेमा” की 100 कड़ियां – प्रतिनिधिभारतीय संस्कृति की गंगोत्री है ऋग्वेद – ह्मदयनारायण दीक्षितयूनेस्को ने ऋग्वेद को विश्व की ज्ञाननिधि माना -डा. शशि तिवारी, प्राध्यापक, संस्कृत विभाग, मैत्रेयी महाविद्यालय, दिल्लीस्व. अम्बिका प्रसाद “दिव्य” पुरस्कारों हेतु प्रविष्टियां आमंत्रित -जगदीश किंजल्क, संयोजक, दिव्य पुरस्कारगुरु गोविन्द सिंह जी के जफरनामा और हिकायतनामा का हिन्दी में काव्यानुवाद डा. मुरली मनोहर जोशी ने “विजय प्रपत्र” का लोकार्पण करते हुए कहा- गुरु गोविन्द सिंह ओंकार के प्रतिरूप थे – प्रतिनिधिडा. श्याम सिंह शशि को शैलीकार सम्मान – प्रतिनिधिकब पसीजेंगे देवगण? – इन्दिरा मोहनदेशभर में आयोजित संघ शिक्षा वर्गों पर एक नजरमहिलाओं को सक्षम बनाते हैं ये शिविर – प्रमिलाताई मेढ़े, प्रमुख संचालिका, राष्ट्र सेविका समितिराजस्थान के गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया ने गुर्जर आंदोलन पर कहा- हमने कभी आरक्षण देने की बात नहीं कही थी!!वेश साधु का, काम शैतानीपाकिस्तान में मतदाता सूची से एक करोड़ नाम गायब जनरल का नया पैंतरा! -मुजफ्फर हुसैनफ्रेंड्स आफ तिब्बत की संगोष्ठी में गूंजी मांग तिब्बत को आजाद करो – प्रतिनिधिआंध्र प्रदेश में ईसाईकरण के विरुद्ध अध्यादेश के बाद हैदराबाद में विजयोत्सव पेजावर स्वामी ने किया रामसेतु रक्षण का आह्वान – वि.सं.के., हैदराबाद2अंक-सन्दर्भ, 3 जून,2007पञ्चांगसंवत् 2064 वि. वार ई. सन् 2007आषाढ़ कृष्ण 8 रवि 8 जुलाई, 07″” 9 सोम 9 “””” 11 मंगल 10 “”(दसवीं तिथि का क्षय)”” 12 बुध 11 “””” 13 गुरु 12 “”(प्रदोष व्रत)”” 14 शुक्र 13 “”आषाढ़ अमावस्या – शनि 14 “”टकसालआधुनिक द्रोण केटकसाल में”अर्जुन ही अर्जुन”ढलते हैं…।जहां एकलव्य-सिर्फ “अंगूठा” ही नहींपूरा हाथ और गलाकटाये मिलते हैं।-श्रीराम साहू “अकेला”ग्रा.-बनसूला, पो.-बसनाजिला-महासमुंद (छ.ग.)जगत् विख्यात सुनीता!चांद सितारों से भरा, छोड़ा वह संसारआयी अपने लोक में, साहस लिए अपार।साहस लिए अपार, कठिन पथ तुमने जीताहुआ जगत विख्यात तुम्हारा नाम सुनीता।कह “प्रशांत” महिलाएं नहीं किसी से कम हैंबुरा लगे या भला, पुरुष से ज्यादा दम है।।-प्रशांतआतंक की गहराती जड़ेंआवरण कथा “गोरखपुर के सूत्र कहां?” से सिद्ध होता है कि केन्द्र में संप्रग सरकार के समय आतंकवादियों के हौंसले बुलन्द रहे हैं। ऐसा लगता है मानो आतंकवादियों को खुली छूट है, और उन्हें सेकुलरों का समर्थन है। पहले अयोध्या, काशी और अब गोरखपुर में धमाका कर आतंकवादियों ने जता दिया है कि उनकी जड़ें उत्तर प्रदेश में जम चुकी हैं। गोरखपुर के सांसद योगी आदित्यनाथ बार-बार सरकार को चेता रहे हैं कि पूर्वाञ्चल की स्थिति बिगड़ रही है, किन्तु उनकी बातों पर सरकार ध्यान नहीं दे रही है।-सुहासिनी प्रमोद वालसांगकरदिलसुखनगर, हैदराबाद (आं.प्र.)आए दिन होने वाले आतंकवादी हमलों और बम विस्फोटों में कितने ही निरपराध नागरिक मारे जा रहे हैं। इन विस्फोटों के लिए उत्तरदायी संगठन आई.एस.आई., नक्सली और माओवादी भारत के विभिन्न अंचलों में सक्रिय हैं। संप्रग सरकार की नीतियां आतंकवादियों का उत्साह बढ़ाने में मददगार हैं। सच्चाई यह है कि देश के नीति-नियंता राजनीतिक संकीर्णता और स्वार्थपरता की चादर ओढ़कर आतंकवाद जैसे भयंकर मसले का समाधान नहीं ढूंढ सकते। आश्चर्य नहीं है कि संसद पर हमले का दोषी अफजल, जिसे सर्वोच्च न्यायालय फांसी पर लटकाए जाने की सजा सुना चुका है, इन छद्म-सेकुलर राजनीतिज्ञों की मेहरबानी से अब तक बचा हुआ है।-रमेश चन्द्र गुप्तानेहरू नगर, गाजियाबाद (उ.प्र.)अयोध्या और काशी में आतंकवादी हमलों के बाद आशंका जताई जा रही थी कि गोरखपुर में भी आतंकवादी हमले हो सकते हैं। 22 मई, 2007 को यह आशंका सच साबित हुई। किन्तु बाबा गोरखनाथ की कृपा से आतंकवादी अपने उद्देश्यों में सफल नहीं हो सके। 26 जनवरी, 1993 को भी नगर के मेनका चलचित्र गृह में विस्फोट हुआ था जिसमें एक व्यक्ति की मृत्यु हुई थी। उस समय भी सरकार ने यह कह कर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली थी कि इसके पीछे आई.एस.आई. का हाथ है। इस बार भी सिर्फ लकीर पीटी गई, इसके बावजूद कि दूसरे ही दिन फैजाबाद में 10 कि.ग्रा. विस्फोटक पकड़ा गया था।-चन्द्रकान्त यादवचांदीतारा, साहूपुरी, चन्दौली (उ.प्र.)मीडिया ध्यान देचर्चा सत्र “सन्तों के सेवा कार्य भी तो दिखाए मीडिया” में साध्वी ऋतम्भरा जी के विचार अच्छे लगे। आज खबरिया चैनल आपस में होड़ लगाते हुए किसी भी घटना को बढ़ा-चढ़ाकर घंटों दिखाते रहते हैं। इसमें सच्चाई कितनी होती है, यह भगवान ही जाने। मीडिया हिन्दुओं की भावनाओं को अधिक ठेस पहुंचा रहा है।-वीरेन्द्र सिंह जरयाल28ए, शिवपुरी विस्तार, कृष्ण नगर (दिल्ली)सजीव चित्रणआजकल पाञ्चजन्य के नये अंक की प्रतीक्षा बेसब्राी से करते हैं। श्री तरुण विजय द्वारा लिखित “चीनस्य बुद्ध:, बुद्धस्य भारतम्” यात्रा वृत्तान्त इतना सजीव है कि लगता है कि उनके साथ हम भी कुमार जीव एवं सामन्तभद्र के साथ वार्तालाप करने के लिए काश्गर-काशी पहुंच गए हैं। यात्रा वृत्तान्त को पढ़कर गौरव-बोध होता है। हमारे पूर्वज बौद्ध धर्म के प्रचार करने के लिए एशिया के अनेक देशों में तलवार लेकर नहीं, विचार, ज्ञान और शील का बल लेकर गए थे। उनके स्मृति-प्रतीक आज भी उन देशों में मिल जाते हैं।-आनन्द जी झासावरकर पुस्तकालय, महेन्द्रू, पटना (बिहार)श्री तरुण विजय के “साथ” चीन की यात्रा सुखद लग रही है, स्वस्तिकर भी। इधर इसी कारण पाञ्चजन्य कुछ अधिक उत्कण्ठा के साथ प्रतीक्षित रहता है।-डा. शिवओम अम्बर4/10, नुनहाई स्ट्रीट, फर्रुखाबाद (उ.प्र.)तस्लीमा और हिन्दू समाजबंगलादेश की प्रसिद्ध लेखिका तस्लीमा नसरीन के दर्द को पाठकों तक पहुंचा कर आपने बहुत ही अच्छा काम किया है। जब 1992 में अयोध्या में बाबरी ढांचा टूटा था, तब पाकिस्तान और बंगलादेश में रहने वाले हिन्दुओं पर भी कट्टरपंथियों का कहर टूटा था। बंगलादेश में वहां के हिन्दुओं पर जो जुल्म हुए थे, उसे तस्लीमा नसरीन की आत्मा चीत्कार कर उठी थी। उन्होंने हिन्दुओं पर हुए जुल्मों को अपने “लज्जा” उपन्यास के माध्यम से पूरी दुनिया को बताया था। इसके बाद से ही उन पर भी कट्टरपंथियों का कहर टूटना शुरू हुआ था जो आज तक जारी है। यदि भारत के सेकुलर तस्लीमा नसरीन को भारत की नागरिकता दिलाने में बाधा डाल रहे हैं तो राष्ट्रभक्त वीरों की संयुक्त शक्ति उनकी सहायता में आगे क्यों नहीं आ रही? क्या हम केवल “हिन्दू हितों” के नारे ही उछाल सकते हैं, या जिन्होंने वास्तव में हिन्दू हितों की रक्षा का साहस दिखाया है, उनकी सहायता के लिए भी आगे आ सकते हैं? यह लड़ाई केवल तस्लीमा नसरीन जैसे बेबाक लोगों की ही नहीं, हिन्दू हितों को चाहने वालों की भी है। केवल सेकुलरों को कोसने से कुछ नहीं होगा। अपनी शक्ति का हिन्दू हितों के लिए उपयोग करने से ही कुछ होगा।-देवेन्द्र पाल11/220 बी, नजदीक ई.ओ. कोठीसिनेमा रोड, बटाला (पंजाब)गिलहरी का सम्मानपुदुच्चेरी के कृषि एवं वन मंत्री श्री वी.वैद्यलिंगम ने गिलहरी को “राजकीय जीव” का दर्जा देने की घोषणा कर भारतीय संस्कृति के प्रति अपना सकारात्मक दृष्टिकोण प्रकट किया है, जिसके लिए वे बधाई के पात्र हैं। केन्द्र सरकार तथा प्रान्तों की सरकारों को भी अभारतीयता के पीछे आंखें बंद कर दौड़ने की बजाय अपने गौरव को बनाये रखने में रुचि लेनी चाहिए।-ईश्वरचन्द्र पालन्यू मीनाल रेसीडेंसी, सी-19, जे.के. रोड, भोपाल (म.प्र.)नए क्षितिज का दिग्दर्शकनेपाल के पूर्व उप प्रधानमंत्री तथा एमाले नेता श्री माधव नेपाल का श्री तरुण विजय द्वारा लिया गया साक्षात्कार नए क्षितिज का दिग्दर्शक है। निश्चय ही नेपाल का नया संविधान नेपाल को सम्प्रभुता-सम्पन्न गणराज्य की गरिमा देगा, साथ ही उसके सांस्कृतिक चरित्र की भी रक्षा करेगा। भारत और नेपाल के बीच संस्कृति के ऐसे सांझे सूत्र हैं जो दोनों देशों के बीच प्रेम ही बढ़ाते हैं। पशुपतिनाथ मंदिर, जनकपुर धाम और लुंबिनी नेपाल के आध्यात्मिक सौंदर्य के गवाह हैं, जिनसे भारत भावनात्मक रूप से जुड़ा है। इसके साथ-साथ नेपाल की नई सरकार को एक करोड़ तराई वासी मधेशियों को भी सम्मानपूर्वक राष्ट्र की मूलधारा में जोड़ना होगा। वे नेपाल के अविभाज्य अंग हैं।-इन्दिरा किसलयबल्लालेश्वर, रेणुका विहारनागपुर (महाराष्ट्र)पुरस्कृत पत्रलेकिन सबक नहीं सीखापिछले साल चीनी राष्ट्रपति हू जिनताओ के भारत दौरे के समय नई दिल्ली में चीनी राजदूत ने अरुणाचल प्रदेश को चीन का हिस्सा बताया था। हाल ही में जर्मनी में सम्पन्न जी-आठ सम्मेलन से पूर्व चीनी प्रधानमंत्री ने वही बेतुका दावा दोहराया, पर प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह ने चीन को भारत का अच्छा पड़ोसी घोषित कर डाला। इस बीच अरुणाचल प्रदेश के भाजपा सांसद श्री किरण रिजीजु ने रहस्योद्घाटन किया कि चीन ने तवांग जिले की 2,000 वर्ग किलोमीटर भारतीय भूमि पर अवैध कब्जा कर लिया है। यह उसके द्वारा लौंगजू पर 1962 से ही बनाकर रखे गए अवैध कब्जे के अतिरिक्त है। 1962 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पं. नेहरू ने घोषणा की थी कि चीन ने नेफा (वर्तमान अरुणाचल प्रदेश) पूरी तरह से खाली कर दिया है। अब यह तथ्य सामने आया है कि चीन ने यहां का लौंगजू क्षेत्र कभी खाली ही नहीं किया। अब प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह चीनी मैत्री के प्रशंसा-गीत गाने में व्यस्त हैं। यह राष्ट्रीय हितों के साथ वैसा ही विश्वासघात दिखता है, जैसा पं. नेहरू ने 1950 से 1962 के बीच किया था।1950 में तिब्बत पर चीनी कब्जे के केवल दो वर्ष बाद 1952 में जनरल कुलवंत सिंह ने सरकार को भेजी एक रपट में चीनी खतरे तथा भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ के उसके प्रारंभिक प्रयासों की ओर ध्यान आकृष्ट किया था। पर वह रपट दबा दी गई। सन् 1954 में चीन ने अक्साईचिन पर कब्जा कर तिब्बत को सिंकियांग से जोड़ने वाली सड़क का 400 मील हिस्सा भारतीय क्षेत्र में से निकाला। भारत-तिब्बत सीमा पुलिस ने यह जानकारी सरकार को दी थी। पर पं. नेहरू ने इसे राष्ट्र से छुपाए रखा। वह भारत-चीन की दो हजार साल पुरानी दोस्ती का ढिंढोरा पीटते रहे। जुलाई 1954 में ही चीनी फौज ने बाराहोती (पिथौरागढ़) में घुसपैठ की। पं. नेहरू ने “हिन्दी-चीनी भाई-भाई” का राग अलापा। सितम्बर 1956 में चीनी शिपकी ला दर्रे में घुसे। नेहरू सरकार तय न कर सकी कि क्या प्रतिक्रिया करे। सन् 1958 में चीनी सरकार ने नक्शे छापकर लद्दाख तथा नेफा को अपना भाग बताया। फिर भी नेहरू सरकार सोती रही। अंत में 1962 की पराजय के बाद वह जागी। एक बार फिर इतिहास स्वयं को दोहरा रहा है। साफ है, कांग्रेस सरकार ने इतिहास से कोई सबक नहीं सीखा।-अजय मित्तलखंदकमेरठ (उत्तर प्रदेश)3

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

पद्मश्री वैज्ञानिक अय्यप्पन का कावेरी नदी में तैरता मिला शव, 7 मई से थे लापता

प्रतीकात्मक तस्वीर

घर वापसी: इस्लाम त्यागकर अपनाया सनातन धर्म, घर वापसी कर नाम रखा “सिंदूर”

पाकिस्तानी हमले में मलबा बनी इमारत

दुस्साहस को किया चित

पंजाब में पकड़े गए पाकिस्तानी जासूस : गजाला और यमीन मोहम्मद ने दुश्मनों को दी सेना की खुफिया जानकारी

India Pakistan Ceasefire News Live: ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य आतंकवादियों का सफाया करना था, DGMO राजीव घई

Congress MP Shashi Tharoor

वादा करना उससे मुकर जाना उनकी फितरत में है, पाकिस्तान के सीजफायर तोड़ने पर बोले शशि थरूर

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

पद्मश्री वैज्ञानिक अय्यप्पन का कावेरी नदी में तैरता मिला शव, 7 मई से थे लापता

प्रतीकात्मक तस्वीर

घर वापसी: इस्लाम त्यागकर अपनाया सनातन धर्म, घर वापसी कर नाम रखा “सिंदूर”

पाकिस्तानी हमले में मलबा बनी इमारत

दुस्साहस को किया चित

पंजाब में पकड़े गए पाकिस्तानी जासूस : गजाला और यमीन मोहम्मद ने दुश्मनों को दी सेना की खुफिया जानकारी

India Pakistan Ceasefire News Live: ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य आतंकवादियों का सफाया करना था, DGMO राजीव घई

Congress MP Shashi Tharoor

वादा करना उससे मुकर जाना उनकी फितरत में है, पाकिस्तान के सीजफायर तोड़ने पर बोले शशि थरूर

तुर्की के सोंगर ड्रोन, चीन की PL-15 मिसाइल : पाकिस्तान ने भारत पर किए इन विदेशी हथियारों से हमले, देखें पूरी रिपोर्ट

मुस्लिम समुदाय की आतंक के खिलाफ आवाज, पाकिस्तान को जवाब देने का वक्त आ गया

प्रतीकात्मक चित्र

मलेरकोटला से पकड़े गए 2 जासूस, पाकिस्तान के लिए कर रहे थे काम

प्रतीकात्मक तस्वीर

बुलंदशहर : पाकिस्तान के समर्थन में पोस्ट करने वाला शहजाद गिरफ्तार

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies