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प्रिय बन्धुओ,सप्रेम जय श्रीराम।अच्छी हस्तलिपि में भाव बेहतर संप्रेषित किए जा सकते हैं। वैसे भी हस्तलिपि आपके मन और विचारों का दर्पण होती है। जैसे आप ध्यान और प्राणायाम से अपने मन को अच्छा बना सकते हैं वैसे ही अभ्यास द्वारा हस्तलिपि भी सुंदर, सुघढ़ बनाई जा सकती है। पिछले दिनों पुणे जाना हुआ तो वहां श्री अरविंद गोखले से भेंट हुई। वे बहुत समर्पण और निष्ठा से हस्तलिपि सुधारने का अभियान चला रहे हैं। विडम्बना यह है कि विद्यालयों में बार-बार प्रार्थना करने के बाद भी हस्तलिपि सुधारने की कला की निशुल्क कक्षा लेने का समय बड़ी मुश्किल से मिलता है। वे जब लिखते हैं तो ऐसा लगता है कि छपा हुआ है। देवनागरी लिपि लिखने की एक विशेष पद्धति है जो कलम की शैली में स्याही वाले पैन की निब तराशकर लिखी जाती है। एड जैल या सिक्के के पैनों ने तो हमारी हस्तलिपि ही नहीं देवनागरी लिपि का सौंदर्य ही बिगाड़ दिया है। उन्होंने अपनी हस्तलिपि में प्रभु का नाम लिखा, वह देखिए-आपकी भी हस्तलिपि ऐसी हो सकती है। यदि उनसे सम्पर्क करना चाहें तो इस पते पर कर सकते हैं-श्री अरविंद रामचंद्र गोखले,फ्लैट नं0 11-12 बी,तारांगण सहकारी गृह संस्था म0डहाणकर कालोनी, कौथरुड,पुणे-411038शेष अगली बारआपका अपनात.वि.8
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