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-इन्द्रेश कुमार, सदस्य, अ.भा. कार्यकारी मण्डल, रा.स्व.संघ”जब शिक्षा में व्यवसायवाद आता है तो उद्देश्यहीनता के साथ-साथ भ्रष्टाचार भी स्वत: पनपता है। शिक्षा के व्यावसायीकरण ने मां एवं मातृभूमि का रिश्ता ही बदल दिया है। ऐसे समय में सामाजिक संवेदना व कार्य-सं
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