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ढाई घंटे चली गोलीबारी, तीन पुलिसकर्मी शहीद- पंचानन अग्रवालअ.भा.वि.प. ने कीमाकपा (माले) पर प्रतिबंध की मांगगत 24 मार्च को गजपति जिले के रामगिरि-उदयगिरि इलाके में हुए नक्सली हमले के विरोध में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् ने माकपा (माले) पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। अ.भा.वि. प. के राज्य सचिव श्री निर्मल सारंगी ने कहा कि राज्य के पश्चिमी तथा पूर्वी, दोनों भाग माकपा (माले) समर्थित उग्रवादी संगठन के नियंत्रण में हैं। इस संगठन पर तुरंत प्रतिबंध लगाया जाए।उडीसा राज्य एक बार फिर नक्सली हिंसा की तपिश झेल रहा है। गत 24 मार्च की सुबह करीब 500 सशस्त्र नक्सलियों ने उड़ीसा के गजपति जिले के उदयगिरि-रामगिरि इलाके के पुलिस थाने, पुलिस बैरक, जेल, टेलीफोन एक्सचेंज, तहसील कार्यालय, सरकारी राजकोषीय कार्यालय सहित अन्य स्थानों पर हमले किए। नक्सलियों का एक दल उदयगिरि स्थित जेल की दीवार को बम से उड़ाकर अपने कुछ नेताओं सहित 45 लोगों को छुड़ा ले गया, जबकि नक्सलियों के एक दूसरे गुट ने पुलिस छावनी पर हमला किया तथा एक इंस्पेक्टर रंजन मलिक और एक जेल अधीक्षक रवि नारायण सेठी को बंदी बना लिया। करीब ढाई घंटे चली मुठभेड़ में तीन पुलिसकर्मी शहीद हो गए और कई अन्य घायल हो गए। बताया गया कि नक्सली हमलावरों का एक गुट आंध्रप्रदेश के विजयनगर जिले से आया था जबकि एक अन्य नक्सली गुट ने राज्य सरकार के राजकोषीय कार्यालय में लूटपाट की तथा वहां रखे भूमि संबंधी सारे दस्तावेज जलाकर नष्ट कर दिए। नक्सलियों ने यह हमला बहुत सुनियोजित तरीके से किया था। उन्होंने सबसे पहले सड़क पर पेड़ गिराकर सड़क मार्ग बाधित कर दिया। इसके बाद टेलीफोन एक्सचेंज में बम विस्फोट कर जिले का अन्य भागों से टेलीफोन संपर्क भी ध्वस्त कर दिया। उड़ीसा राज्य सशस्त्र बल के सहायक कमांडेंट के.एस. गौड़ ने बताया कि नक्सली हल्की मशीनगन, ग्रेनेड, एके-47 रायफल, इन्सास रायफलों, हथगोलों एवं बमों से लैस थे। घटना के 24 घंटे बाद बाद तक भी राज्य की पुलिस अपह्मत अधिकारियों का पता लगाने में नाकाम रही थी। इस बीच उड़ीसा के माओवादी संगठन ने प्रशासन के नाम मीडिया को भेजे एक पत्र में धमकी दी है कि नक्सली बताकर गिरफ्तार किए गए जनजातीय लोगों को नहीं छोड़ा गया तो अपह्मत अधिकारियों को मार दिया जाएगा। इस पूरी घटना के बाद राज्य प्रशासन सकते में है। उड़ीसा में माओवादी संगठन के अध्यक्ष सुनील द्वारा हस्ताक्षरित इस पत्र में कहा गया है कि गजपति जिले के मांद्राबाजू, रायगढ़ जिले के माईकच, गंजाम जिले के गोपालपुर, नवरंग जिले के राईघर, चिल्का व कलिंगनगर आदि स्थानों पर राज्य तथा केंद्र की ओर से किए जा रहे अत्याचार के विरोध में यह हमला किया गया है। पत्र में आगे कहा गया है कि उड़ीसा सरकार की गलत नीतियों के विरोध में सरकारी अधिकारियों को बंधक बनाया गया है। उधर घटना के दो दिन बाद पीड़ितों का हालचाल पूछने राज्य के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने घटनास्थल का दौरा किया। उन्होंने कहा कि सरकार माओवादियों से निपटने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ेगी।27
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