क्या पाकिस्तान की दया पर निर्भर हैं
July 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

क्या पाकिस्तान की दया पर निर्भर हैं

by
Jul 5, 2006, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 05 Jul 2006 00:00:00

गुजरात के मछुआरे?

-प्रतिनिधि

हिन्दुस्थान की जनसंख्या 100 करोड़ से भी अधिक है जबकि पाकिस्तान सिर्फ 15 करोड़ की आबादी वाला देश है यानी भारत के एक राज्य उत्तर प्रदेश की जनसंख्या के लगभग बराबर। लेकिन भारत के सैकड़ों मछुआरों की रोजी-रोटी का आधार यानी उनकी नौकाएं पाकिस्तान की सामुद्रिक एजेंसी के कब्जे में हैं। इन मछुआरों को भी पहले पाकिस्तान ने पकड़ लिया था। बाद में उनको तो रिहा कर दिया पर उनकी नावें अब तक नहीं छोड़ी गई हैं। ये गरीब मछुआरे उन नावों के बिना मछली पकड़ने समुद्र में नहीं जा सकते। वर्ष 1994-95 में 24, 1996-97 में 28, 1997-98 में 158, 1998-99 में 196, 1999-2000 में 115, 2000-01 में 242 तथा 2002-03 में भारत के 200 मछुआरों को पाकिस्तान की सामुद्रिक एजेंसी द्वारा गुजरात के जखो समुद्री क्षेत्र से पकड़ लिया गया था। बाद में 409 मछुआरों को छोड़ तो दिया गया लेकिन उनकी नावों को पाकिस्तान ने अपने कब्जे में रख लिया। बाकी बचे मछुआरों को हमारी सरकार पाकिस्तान से आज तक नहीं रिहा करवा सकी है। 1 मार्च, 2003 को पाकिस्तान द्वारा गुजरात के मछुआरों की 280 नावें छोड़ी गईं लेकिन शीघ्र ही 147 मछुआरों तथा 25 नावों को फिर से पकड़ लिया गया। फिर 21 अप्रैल, 2003 को 39 नावें एवं 167 मछुआरों को पकड़ा गया। इसके बाद 13 सितंबर, 2005 को 4 नावें और 24 मछुआरे, 22 सितंबर, 2005 को 3 नावें और 16 मछुआरे, 28 सितंबर, 2005 को 7 नावें और 42 मछुआरे, 16 अक्तूबर, 2005 को 9 नावें व 52 मछुआरे, 5 नवंबर, 2005 को 3 नावें और 17 मछुआरे, 13 फरवरी, 2006 को 24 मछुआरे तथा 27 मार्च, 2006 को गुजरात के जखो जलक्षेत्र से ही 5 नावें एवं 27 मछुआरे पाकिस्तानी सामुद्रिक एजेंसी द्वारा भारतीय जल सीमा में अनधिकृत रूप से प्रवेश करके बंदूक की नोंक पर पकड़ लिए गए। इतना ही नहीं 13 फरवरी, 2006 को एक विधवा मां का जवान बेटा शांतिलाल मगनलाल स्कूल की पढ़ाई छोड़कर परिवार चलाने के लिए भारत की जल सीमा में “अवनी” नामक नाव (वी.आर.एल.- 10080) पर मछलियां पकड़ने गया था। तभी अचानक पाकिस्तान की सामुद्रिक एजेंसी ने गोलियों की बौछार शुरू कर दी जिसमें 21 वर्षीय शांतिलाल की मौत हो गई। उसकी मौत से उसकी विधवा मां तथा छोटे भाई-बहनों पर मानो पहाड़ ही टूट पड़ा। केवल उस विधवा मां के घर में ही नहीं बल्कि पूरे गांव-वणाकबारा दीव-में मातम छा गया। मछुआरों के प्रतिनिधि लक्ष्मणभाई चारणियाजी ने उस घटना का पूरा वर्णन राजकोट के देशभक्त नागरिक संघ के मंत्री श्री एम.के.पाल को भेजा। उन्होंने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में एक आवेदन दाखिल कर कहा कि विधवा मछुआरन के जवान बेटे की भारतीय जल सीमा में पाकिस्तानी सामुद्रिक एजेंसी द्वारा की गई बेरहम हत्या की घटना भारत सरकार की गंभीर लापरवाही दर्शाती है। अत: भारत सरकार उस विधवा मां को सहायतार्थ 10 लाख रुपए दे।

हालांकि 16 फरवरी, 2005 को भारत के तत्कालीन विदेश मंत्री श्री नटवर सिंह तथा पाकिस्तान के विदेश मंत्री श्री खुर्शीद अहमद कसूरी के बीच एक संयुक्त समझौता इस्लामाबाद में हुआ था। इसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि दोनों देश एक-दूसरे के नागरिक कैदी एवं मछुआरों को उनकी नावों के साथ ही छोड़ेंगे। परंतु इस समझौते के बावजूद पाकिस्तान भारत के मछुआरों की 290 नावें, जिनकी कीमत लगभग 55 करोड़ रुपए है, अपने पास रखे हुए है। यह साफ तौर पर अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है। यहां तक कि भारतीय मछुआरों की जब्त की गई कई नावों का उपयोग पाकिस्तान की सामुद्रिक एजेंसी द्वारा समुद्र की निगरानी में किया जा रहा है।

इस समय गुजरात के 550 निर्दोष और गरीब मछुआरे पाकिस्तान की जेलों में यातना झेल रहे हैं। ऐसे में दोनों देशों के बीच सड़क और रेल सेवा आरंभ करने का क्या लाभ? पिछले दिनों भारत के विदेश मंत्रालय, गृह मंत्रालय एवं भारत के राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को गुजरात के निर्दोष मछुआरों के अमूल्य मानवाधिकारों के हनन के विरूद्ध एक शिकायत पत्र सौंपा गया है। अब देखना है कि राष्ट्रीय मानवाधिकारों आयोग को इसके लिए समय कब मिलता है? गुजरात के मछुआरों की दयनीय दशा पर पोरबंदर के मछुआरों के प्रतिनिधि श्री प्रेमजीभाई एवं श्री मनीषभाई लोदारी कहते हैं कि पाकिस्तान की सामुद्रिक एजेंसी द्वारा भारतीय मछुआरों को पकड़कर जेलों में डालने से उनके बुढ़े मां-बाप व बच्चे भूखे मरने लगते हैं। भारत सरकार को गुजरात के निर्दोष मछुआरों तथा उनके परिवारों के मानवाधिकारों की जैसे कोई चिंता ही नहीं है। गुजरात के मछुआरे कहते हैं कि हमारे जीवन जीने का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार-पाकिस्तान की सामुद्रिक एजेंसी की दया पर निर्भर है। क्या 100 करोड़ से भी ज्यादा आबादी वाले देश की सरकार को गुजरात के गरीब, निर्दोष मछुआरों के मानवाधिकारों की कोई चिंता है? गत 12 जनवरी, 2006 को राष्ट्रपति डा. अब्दुल कलाम राजकोट गए थे तब श्री एम.के.पाल ने उनसे भेंट करके उन्हें गुजरात के मछुआरों की पीड़ा से अवगत कराया था। श्री पाल के साथ मछुआरा समाज के प्रतिनिधि मनीष लोदारी और स्वामिनारायण पंथ के स्वामी त्यागवल्लभ जी भी थे। राष्ट्रपति ने उन्हें आश्वासन दिया कि वे इस विषय पर गंभीरता से विचार करेंगे।

29

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

फैसल का खुलेआम कश्मीर में जिहाद में आगे रहने और खून बहाने की शेखी बघारना भारत के उस दावे को पुख्ता करता है कि कश्मीर में जिन्ना का देश जिहादी भेजकर आतंक मचाता आ रहा है

जिन्ना के देश में एक जिहादी ने ही उजागर किया उस देश का आतंकी चेहरा, कहा-‘हमने बहाया कश्मीर में खून!’

लोन वर्राटू से लाल दहशत खत्म : अब तक 1005 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

यत्र -तत्र- सर्वत्र राम

NIA filed chargesheet PFI Sajjad

कट्टरपंथ फैलाने वालों 3 आतंकी सहयोगियों को NIA ने किया गिरफ्तार

उत्तराखंड : BKTC ने 2025-26 के लिए 1 अरब 27 करोड़ का बजट पास

लालू प्रसाद यादव

चारा घोटाला: लालू यादव को झारखंड हाईकोर्ट से बड़ा झटका, सजा बढ़ाने की सीबीआई याचिका स्वीकार

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

फैसल का खुलेआम कश्मीर में जिहाद में आगे रहने और खून बहाने की शेखी बघारना भारत के उस दावे को पुख्ता करता है कि कश्मीर में जिन्ना का देश जिहादी भेजकर आतंक मचाता आ रहा है

जिन्ना के देश में एक जिहादी ने ही उजागर किया उस देश का आतंकी चेहरा, कहा-‘हमने बहाया कश्मीर में खून!’

लोन वर्राटू से लाल दहशत खत्म : अब तक 1005 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

यत्र -तत्र- सर्वत्र राम

NIA filed chargesheet PFI Sajjad

कट्टरपंथ फैलाने वालों 3 आतंकी सहयोगियों को NIA ने किया गिरफ्तार

उत्तराखंड : BKTC ने 2025-26 के लिए 1 अरब 27 करोड़ का बजट पास

लालू प्रसाद यादव

चारा घोटाला: लालू यादव को झारखंड हाईकोर्ट से बड़ा झटका, सजा बढ़ाने की सीबीआई याचिका स्वीकार

कन्वर्जन कराकर इस्लामिक संगठनों में पैठ बना रहा था ‘मौलाना छांगुर’

­जमालुद्दीन ऊर्फ मौलाना छांगुर जैसी ‘जिहादी’ मानसिकता राष्ट्र के लिए खतरनाक

“एक आंदोलन जो छात्र नहीं, राष्ट्र निर्माण करता है”

‘उदयपुर फाइल्स’ पर रोक से सुप्रीम कोर्ट का इंकार, हाईकोर्ट ने दिया ‘स्पेशल स्क्रीनिंग’ का आदेश

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies