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अभारतीयकरण के विरुद्ध है हमारा संघर्ष- प्रो. जगमोहन सिंह राजपूतपूर्व निदेशक, एन.सी.ई.आर.टी.गत 20 मई को बिहार की राजधानी पटना में शिक्षा बचाओ आंदोलन समिति द्वारा “शिक्षा एवं केन्द्रीय पाठ्यक्रम का अभारतीयकरण” विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसके मुख्य वक्ता थे राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान व प्रशिक्षण परिषद् (एन.सी.ई.आर.टी.) के पूर्व निदेशक प्रो.जगमोहन सिंह राजपूत। उन्होंने कहा कि 35 वर्षों तक देश में बुद्ध, महावीर, गुरु तेग बहादुर जैसे अनेक महापुरुषों के बारे में भ्रांतिपूर्ण शिक्षा दी जाती रही। स्कूली शिक्षा में सभी मत-पंथों का मूल सार समाहित किए जाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि दूसरे मत-पंथों के प्रति सम्मान भी जरूरी है। संगोष्ठी को पटना उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश श्री राजेन्द्र प्रसाद, पटना विधि कालेज के प्राचार्य डा. के.एन. पोद्दार सहित अनेक विद्वानों ने सम्बोधित किया।शिक्षा बचाओ आंदोलन समिति, ब्राज प्रांत का प्रांतीय सम्मेलन गत 16 मई को अलीगढ़ में सम्पन्न हुआ। इसके मुख्य वक्ता थे शिक्षा बचाओ आंदोलन समिति के राष्ट्रीय संयोजक श्री दीनानाथ बत्रा। उन्होंने कहा कि एन.सी.ई.आर.टी. देश की शिक्षा को विकृत कर रही है। इसकी इतिहास की पाठ पुस्तकों में एक ओर छत्रपति शिवाजी को “धोखेबाज” और गुरु तेग बहादुर को “अपराधी” की तरह प्रस्तुत किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर मुगल शासक औरंगजेब को “जिन्दा पीर” की उपाधि देकर उसका महिमामंडन किया गया है। हमारा संघर्ष शिक्षा के इसी अभारतीयकरण के विरुद्ध है। सम्मेलन में आगरा विश्वविद्यालय, आगरा के पूर्व कुलपति डा. गिरीश चंद्र सक्सेना और इतिहासविद् डा. तरुण शर्मा सहित कई विशिष्टजन उपस्थित थे। -प्रतिनिधि26
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