|
-डा. श्रीकान्तकभी स्वार्थ में डिग न सके जो,कभी मोह में फंस न सके जो,सदा त्यागमय,विलग लोभ से,स्वयं, स्वयं का, घर का स्वाहाजीवन का नैवेद्य चढ़ाता,राष्ट्रभक्ति का भाव जगाता-फड़क रहा हो,मातृ-भूमि हित प्राण चढ़ाने-तड़फ रहा हो।स्वयं सन्त- सर्वस्व त्याग कीमहामूर्ति-
टिप्पणियाँ