मंगलम, शुभ मंगलम
July 13, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

मंगलम, शुभ मंगलम

by
Oct 12, 2006, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 12 Oct 2006 00:00:00

इस स्तम्भ में दम्पत्ति अपने विवाह की वर्षगांठ पर 50 शब्दों में परस्पर बधाई संदेश दे सकते हैं। इसके साथ 200 शब्दों में विवाह से सम्बंधित कोई गुदगुदाने वाला प्रसंग भी लिखकर भेज सकते हैं। प्रकाशनार्थ स्वीकृत प्रसंग पर 200 रुपए का पुरस्कार दिया जाएगा।आपको पाकर धन्य हुई मैंअपने पति श्री आञ्जनेय आचार्य के साथ श्रीमती सरोजनीश्रद्धेय,इसी वर्ष हमारे विवाह के 50 वर्ष पूरे हुए। आगामी 2 फरवरी 2007 को हम दोनों अपने सफल वैवाहिक जीवन के 51वें वर्ष में प्रवेश करेंगे। मुझे जीवन के इस मोड़ पर बरबस बीते दिन याद आते हैं। 2 फरवरी, 1956 को मैं आपकी जीवन संगिनी बनी और आप मेरे जीवन साथी बने। मेरे माता-पिता जो मूलत: आन्ध्र प्रदेश के उच्च कुलीन ब्राह्मण परिवार से संबंधित थे, ने ठीक अपने जैसे परिवार को खोजकर मेरे विवाह की सोची थी। वाराणसी में आन्ध्र प्रदेश के ऐसे ब्राह्मण परिवार बड़ी संख्या में रहते हैं। आपके माता-पिता भी एक ऐसे ही परंपरानिष्ठ, उच्च कुलीन ब्राह्मण परिवार की विरासत सहेज रहे थे, जिसकी ख्याति आन्ध्र प्रदेश और काशी जैसे पवित्र क्षेत्र में आज भी है।विवाह के समय मैं सोचती थी कि अपनी पैतृक परंपराओं को निभाते हुए और आपकी सेवा में मैं अपना जीवन धन्य कर लूंगी। लेकिन मेरी सारी आशाओं पर उस समय तुषारापात हो गया जब मैंने देखा कि मेरे घर में सभी जाति उपजाति के हिन्दुओं को आने-जाने की खुली छूट है, और तो और आप स्वयं काशी के शिवाला, अस्सी और अन्य मुहल्लों की निषाद व दलित बस्तियों में नियमित आते-जाते हैं, उनके साथ खाते-पीते हैं, उठते-बैठते हैं। मैं यह देखकर अवाक् थी। आप रा.स्व.संघ से जुड़े थे। जो सोच रही थी ठीक उसके उलट होते मैंने देखा। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के आयुर्विज्ञान संस्थान में नौकरी के बाद आपका सारा समय संघ कार्य में ही बीतता था। एक दिन मैंने देखा कि एक सांवला सा लड़का अपने सामान के साथ आपके संग घर आया। आपने उस बालक का नाम लेते हुए मुझे बताया कि यह विश्वविद्यालय में पढ़ने आया है, स्वयंसेवक है, जब तक छात्रावास नहीं मिलता, यहीं घर में रहेगा। बाद में मुझे पता चला कि यह लड़का भी हम ब्राह्मणों के लिए “अछूत” मानी जाने वाली जाति का है। सच, उस दिन मैं बहुत दु:खी हुई, लेकिन आपकी इच्छा थी, सो मैंने उसके भोजन आदि की पूरी चिन्ता की। बाकी तो ठीक था किन्तु मेरे लिए यह कल्पना के परे था कि किसी “अछूत” जाति का व्यक्ति मेरी रसोई में आपके साथ रोज भोजन करे। शादी के पहले साल, शायद जुलाई या अगस्त का महीना था, आपने मुझे बताया कि इस महीने तनख्वाह नहीं मिलेगी, पिछले महीनों की बचत से ही घर चलाओ। मैंने कारण पूछने की हिम्मत नहीं की। बाद में पता चला कि उस महीने का पूरा वेतन आप किसी को गुरुदक्षिणा में दे आए थे। कुछ समय बाद मुझे यह भी पता चला कि यह गुरुदक्षिणा आप “भगवा ध्वज” को अर्पित करते हैं और भगवा ध्वज को ही आप अपना गुरू मानते हैं। और घर में आने वालों का मानो तांता लगा रहता। धीरे-धीरे मैं जान गयी कि मेरे पति हिन्दू धर्म और देश के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण व महान कार्य में सक्रिय हैं। धीरे-धीरे मैंने भी आपके जीवनोद्देश्य को अपना मान लिया। आगे चलकर हमारे सभी बेटे और बेटियां रामकृष्ण, वेंकट नरसिंह, राजगोपाल, श्रीनिवास “गोलू”, पद्मा और वीणा संघ कार्य में जुट गयीं। एक समय ऐसा भी आ गया जिन्हें “अछूत” कहकर परंपरा से मैं दूर भागती थी, उनके बच्चों को गले लगाने में मुझे भी आनन्द मिलने लगा।आप आज 80 वर्ष से ऊपर के हो चुके हैं। कुछ वर्ष पूर्व आपको पक्षाघात हो गया और चलना-फिरना लगभग बन्द हो गया। लेकिन जैसे ही आप थोड़ा स्वस्थ हुए, आपने पुन: किसी न किसी का सहारा लेकर शाखा आना-जाना शुरू कर दिया। उन्हीं निषाद व दलित बस्तियों में, जहां के लोग आज भी आपको अपना मानते हैं, आप सभी में “भैया जी” के नाम से प्रसिद्ध हैं, उनके बीच आज भी आप जाते रहते हैं। धन्य हो गई मैं और धन्य हो गया मेरा जीवन कि मुझे आप मिले। अपने लिए आपने कभी कुछ नहीं चाहा, हमेशा दूसरों के लिए ही आप जिए। नौकरी के समय अपने कार्यालय जाने में कभी आपको एक मिनट की देरी नहीं हुई। जिस दिन आपको देरी हुई, उस दिन आपने अवकाश ले लिया लेकिन देर से कार्यालय जाना स्वीकार नहीं किया। आज जब आप चल-फिर पाने में असमर्थ हैं और किसी सहारे की खोज में संघ स्थान जाने के लिए मैं आपकी व्याकुलता देखती हूं तो मेरी आंखों में आंसू आ जाते हैं। भगवान मुझे अगले जन्म में भी आपका ही साथ दें।आपकीसरोजनीदुर्गाकुण्ड, वाराणसी (उ.प्र.)द्वारा डा. एन. राजगोपालप्रवक्ता, राजकीय महाविद्यालय,बासा, गोहर, मंडी (हिमाचल प्रदेश)-17502926

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Iran Issues image of nuclear attack on Israel

इजरायल पर परमाणु हमला! ईरानी सलाहकार ने शेयर की तस्वीर, मच गया हड़कंप

RSS का शताब्दी वर्ष : संघ विकास यात्रा में 5 जनसंपर्क अभियानों की गाथा

Donald Trump

Tariff war: अमेरिका पर ही भारी पड़ सकता है टैरिफ युद्ध

कपिल शर्मा को आतंकी पन्नू की धमकी, कहा- ‘अपना पैसा वापस ले जाओ’

देश और समाज के खिलाफ गहरी साजिश है कन्वर्जन : सीएम योगी

जिन्होंने बसाया उन्हीं के लिए नासूर बने अप्रवासी मुस्लिम : अमेरिका में समलैंगिक काउंसिल वुमन का छलका दर्द

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

Iran Issues image of nuclear attack on Israel

इजरायल पर परमाणु हमला! ईरानी सलाहकार ने शेयर की तस्वीर, मच गया हड़कंप

RSS का शताब्दी वर्ष : संघ विकास यात्रा में 5 जनसंपर्क अभियानों की गाथा

Donald Trump

Tariff war: अमेरिका पर ही भारी पड़ सकता है टैरिफ युद्ध

कपिल शर्मा को आतंकी पन्नू की धमकी, कहा- ‘अपना पैसा वापस ले जाओ’

देश और समाज के खिलाफ गहरी साजिश है कन्वर्जन : सीएम योगी

जिन्होंने बसाया उन्हीं के लिए नासूर बने अप्रवासी मुस्लिम : अमेरिका में समलैंगिक काउंसिल वुमन का छलका दर्द

कार्यक्रम में अतिथियों के साथ कहानीकार

‘पारिवारिक संगठन एवं विघटन के परिणाम का दर्शन करवाने वाला ग्रंथ है महाभारत’

नहीं हुआ कोई बलात्कार : IIM जोका पीड़िता के पिता ने किया रेप के आरोपों से इनकार, कहा- ‘बेटी ठीक, वह आराम कर रही है’

जगदीश टाइटलर (फाइल फोटो)

1984 दंगे : टाइटलर के खिलाफ गवाही दर्ज, गवाह ने कहा- ‘उसके उकसावे पर भीड़ ने गुरुद्वारा जलाया, 3 सिखों को मार डाला’

नेशनल हेराल्ड घोटाले में शिकंजा कस रहा सोनिया-राहुल पर

‘कांग्रेस ने दानदाताओं से की धोखाधड़ी’ : नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी का बड़ा खुलासा

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies