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मीरा के भक्तिरस पर चर्चामीरा पंचशती समारोह में मंच पर हैं (बाएं से) श्री वीरेन्द्र शर्मा, स्वामी ओमानंद सरस्वती,श्री महेश चद्र शर्मा, श्री अमर सिंह वधान एवं डा. रामशरण गौड़गत दिनों मीरा काव्य के मर्मज्ञों ने सांस्कृतिक और राष्ट्रीय एकता की अद्भुत धारा बहाई। एक बार फिर मीरा के भक्तिरस को श्रद्धाभाव से याद किया गया। अवसर था मीरा पंचशती समारोह का। दिल्ली हिंदी साहित्य सम्मेलन, तमिलनाडु के भाषा संगम और चितौड़गढ़ के मीरा स्मृति संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में चेन्नै, मदुरै, कन्याकुमारी और तिरूअनंतपुरम में आयोजित मीरा पंचशती समारोह में गुजरात, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, दिल्ली, केरल व हरियाणा से आए लगभग 100 विद्वानों ने संगोष्ठियों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों एवं भजन संध्या में हिस्सा लिया।सात दिन चले समारोह के प्रमुख कार्यक्रम का उद्घाटन चेन्नै स्थित “वल्र्ड यूनिवर्सिटी सर्विस सेंटर” सभागार में चित्तौड़गढ़ के मीरा स्मृति संस्थान के अध्यक्ष स्वामी ओमानंद सरस्वती ने किया। दिल्ली हिंदी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष श्री महेश चंद्र शर्मा समारोह के मुख्य अतिथि थे। समारोह के अंतर्गत “मीराबाई के काव्य की प्रासंगिकता”, “मीराबाई की वाणी-हाट बजार”-“धर्म, भक्ति और मुक्ति की धारा मीराबाई” विषयों पर संगोष्ठियां हुर्इं।-नवीन कुमार झाNEWS
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