आंध्र में उभरते नए समीकरण पर अशोक घाडगे की खास रपट
May 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

आंध्र में उभरते नए समीकरण पर अशोक घाडगे की खास रपट

by
Jul 8, 2005, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 08 Jul 2005 00:00:00

ये अचानक चर्च और मस्जिदों की बाढ़ क्यों?आंध्र प्रदेश में शासकीय कर्मचारियों तथा शिक्षण संस्थाओं में मुस्लिमों को आरक्षण देने के मुद्दे के साथ ही चर्च तथा मस्जिदों की निरंतर बढ़ती संख्या भी सुर्खियों में आई। प्रदेश के राजस्व बोर्ड द्वारा 31 मार्च, 2005 तक के आंकड़ों के अनुसार, “आश्चर्यजनक रूप से मस्जिद और चर्च की कुल संख्या मंदिरों की संख्या से ज्यादा पायी गई है।” आरक्षण और मस्जिदों की बढ़ती संख्या ये दोनों चिंता का विषय हैं।आंकड़े बोलते हैंजिला मंदिरों की संख्या चर्च की संख्या मस्जिदों की संख्या आदिलाबाद 12,346 3,347 18,482 अनन्तपुर 14,008 14,008 9,328 चित्तुर 26,120 26,120 12,320 कडप्पा 22,992 7,241 14,223 पूर्वी गोदावरी 8,220 12,123 9,230 गुन्टूर 9,302 16,388 5,429 हैदराबाद 13,144 3,204 15,203 काकीनाडा 7,203 8,585 5,274 करीमनगर 4,129 1,648 9,714 खम्मम 5,210 7,203 5,922 कृष्णा 8,929 8,462 3,769 कुर्नूल 6,549 5,203 9,293 मछलीपट्टणम 5,000 8,320 6,493 महबूबनगर 3,299 3,128 7,235 मेंडक 6,302 3,203 3,234 नेल्लूर 7,993 6,782 7,323 नलगोण्डा 6,882 2,412 5,239 निजामाबाद 4,255 5,583 9,366 प्रकाशम 4,255 5,583 4,932 श्रीकाकुलम 7,339 9,879 2,140 वारंगल 1,393 6,320 1,342 पश्चिम गोदावरी 3,293 5,464 2,765 विशाखापट्टनम 6,430 3,203 4,203 विजयनगरम 3,891 3,100 3,500 कारगिल युद्ध के बाद भारत सरकार ने मस्जिदों, मदरसों की बढ़ती संख्या तथा आतंकवाद के परस्पर संबंध पता लगाने के लिए दो कार्रवाई समितियों की स्थापना की थी। इसमें एक सीमा सुरक्षा तो दूसरी आन्तरिक सुरक्षा के सन्दर्भ में गठित की गई थी। अनुभवी व्यक्तियों तथा विशेषज्ञों से चर्चा करने के बाद दोनों समितियों ने अनेक निष्कर्ष व सुझाव दिए हैं।समिति की रपट से स्पष्ट होता है कि सीमाओं पर मस्जिदों और मदरसों की बढ़ती संख्या राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए चिंता का विषय है। कुछ गांवों और जिलों में मुसलमानों की जनसंख्या कम होते हुए भी अनुपात में मस्जिदों और मदरसों की संख्या अधिक है, जिनका उपयोग आतंकवादी गतिविधियों के लिए किए जाने का शक है। कुछ स्थानों पर मुस्लिम समाज की आर्थिक स्थिति अत्यंत निम्न होने के बावजूद वहां पर निर्मित की गईं भव्य मस्जिदों, मदरसों से पता चलता है कि इनके निर्माण में भारी मात्रा में बाहर से पैसा भेजा गया था। ये स्थानीय मुस्लिम समाज के योग-दान से बने प्रतीत नहीं होते। मुस्लिम मजहबी स्थलों के निर्माण में बढ़ती इस विदेशी मदद पर भी समिति ने चिंता जताई है।चर्चा है कि बढ़ती चर्च संख्या भी ईसाई समुदाय द्वारा आरक्षण की मांगों की पूर्व तैयारी हो सकती है। स्वयं ईसाई होते हुए भी सुप्रसिद्ध गांधीवादी अर्थशास्त्री कुमारप्पा कहते थे, “ईसाई मिशनरी साम्राज्यवादी हैं। उनके अनुसार साम्राज्य के विस्तार के लिए नौसेना, थलसेना, वायुसेना के समान चर्च भी सेना का चौथा अंग है।” अधिकांश ईसाई समुदाय चर्च को देशप्रेम से श्रेष्ठ मानते हैं। इसलिए प्रत्येक गांव में चर्च के निर्माण के लिए वे प्रयत्नशील हैं तथा इसी उद्देश्य से भारत में काम करने वाली कनाडा की संस्था “क्राइस्ट फॉर इंडिया” जैसी अन्य ईसाई संस्थाओं के क्रियाकलापों की अनदेखी करना देश के लिए अच्छा नहीं होगा। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित समाचारों के अनुसार मस्जिद, मदरसे और चर्च मतांतरण के केन्द्र होते हैं। मतान्तरण के कारण ईसाई, मुसलमानों की जनसंख्या दिनों दिन स्पष्टत: बढ़ रही है। संख्या नहीं तो सत्ता नहीं, सत्ता नहीं तो वित्त नहीं, वित्त के बिना जीवन नहीं, के सूत्र के अनुसार संख्या की ताकत अर्थ को अनर्थ में बदल सकती है। वर्तमान राजनीतिक व्यवस्था में संख्या सत्ता परिवर्तन के शस्त्र के रूप में इस्तेमाल होती दिखाई देती है। मतान्तरण, चर्च तथा मस्जिदों के सम्बंध में स्वामी विवेकानन्द, महात्मा गांधी, डा. बाबासाहेब अम्बेडकर, संत गाडगे बाबा आदि महापुरुषों ने समय-समय पर चेतावनी दी है। आज उनका स्मरण करना परिस्थितियों को समझने में सहायक होगा।NEWS

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

यह युद्ध नहीं, राष्ट्र का आत्मसम्मान है! : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने ऑपरेशन सिंदूर को सराहा, देशवासियों से की बड़ी अपील

शाहिद खट्टर ने पीएम शहबाज शरीफ को बताया गीदड़

मोदी का नाम लेने से कांपते हैं, पाक सांसद ने पीएम शहबाज शरीफ को बताया गीदड़

ऑपरेशन सिंदूर पर बोले शशि थरूर– भारत दे रहा सही जवाब, पाकिस्तान बन चुका है आतंकी पनाहगार

ड्रोन हमले

पाकिस्तान ने किया सेना के आयुध भण्डार पर हमले का प्रयास, सेना ने किया नाकाम

रोहिंग्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद अब कुछ शेष नहीं: भारत इन्‍हें जल्‍द बाहर निकाले

Pahalgam terror attack

सांबा में पाकिस्तानी घुसपैठ की कोशिश नाकाम, बीएसएफ ने 7 आतंकियों को मार गिराया

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

यह युद्ध नहीं, राष्ट्र का आत्मसम्मान है! : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने ऑपरेशन सिंदूर को सराहा, देशवासियों से की बड़ी अपील

शाहिद खट्टर ने पीएम शहबाज शरीफ को बताया गीदड़

मोदी का नाम लेने से कांपते हैं, पाक सांसद ने पीएम शहबाज शरीफ को बताया गीदड़

ऑपरेशन सिंदूर पर बोले शशि थरूर– भारत दे रहा सही जवाब, पाकिस्तान बन चुका है आतंकी पनाहगार

ड्रोन हमले

पाकिस्तान ने किया सेना के आयुध भण्डार पर हमले का प्रयास, सेना ने किया नाकाम

रोहिंग्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद अब कुछ शेष नहीं: भारत इन्‍हें जल्‍द बाहर निकाले

Pahalgam terror attack

सांबा में पाकिस्तानी घुसपैठ की कोशिश नाकाम, बीएसएफ ने 7 आतंकियों को मार गिराया

S-400 Sudarshan Chakra

S-400: दुश्मनों से निपटने के लिए भारत का सुदर्शन चक्र ही काफी! एक बार में छोड़ता है 72 मिसाइल, पाक हुआ दंग

भारत में सिर्फ भारतीयों को रहने का अधिकार, रोहिंग्या मुसलमान वापस जाएं- सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

शहबाज शरीफ

भारत से तनाव के बीच बुरी तरह फंसा पाकिस्तान, दो दिन में ही दुनिया के सामने फैलाया भीख का कटोरा

जनरल मुनीर को कथित तौर पर किसी अज्ञात स्थान पर रखा गया है

जिन्ना के देश का फौजी कमांडर ‘लापता’, उसे हिरासत में लेने की खबर ने मचाई अफरातफरी

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies