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भागलपुर में वाजपेयी का आह्वान यह सरकार उखाड़ फेंकें!इनका कहना है प्रस्तुति : अरुण कुमार सिंहबिहार भाजपा के नेता इनके जिम्मे रहा बिहार! क्या ये बचा पाएंगे?अब बस “वोट कटवा” रह गई है कांग्रेस पटना से कल्याणीमहाराष्ट्र मंदिर में भगदड़, 400 श्रद्धालुओं की अकाल मृत्यु क्यों होता है ऐसा? -प्रतिनिधिजम्मू-कश्मीर अभाविप का स्वर्ण जयंती समारोह प्रतिनिधिवाराणसी अखिल भारतीय दृष्टिहीन कल्याण संघ का कार्यकर्ता सम्मेलननेत्रहीन समर्थ हैं, साथ लेकर चलें डा. कमलेश कुमाररायपुर राष्ट्रीय सिख संगत ने मनाया शहीदी दिवस समारोह धर्म रक्षक गुरु गोविन्द सिंहप्रतिनिधिनागपुर में भी धूमधाम से मनाई गई गुरु गोविन्द सिंह की 338वीं जयंती प्रतिनिधिदिल्ली स्व. सिंधुताई फाटक की स्मृति में श्रद्धाञ्जलि सभा सम्पन्न बहुत याद आएंगी सिंधु ताई प्रतिनिधिगंगासागर में विश्व हिन्दू परिषद् का सेवा शिविर तीरथ का पुण्य -वासुदेव पालउत्तर प्रदेश बसपा विधायक की हत्या से फिर सामने आया बाहुबलियों का आतंक -हरिमंगलचार प्रसंग ये नन्हे-नन्हे आशादीप हो.वे. शेषाद्रि”श्वास” आस्कर की दौड़ से बाहर लेकिन “लिटिल टेररिस्ट” ने जगाई उम्मीद प्रतिनिधिगुजरात अखिल भारतीय साहित्य परिषद् का राष्ट्रीय अधिवेशन सम्पन्न साहित्य और साहित्यकारों का मिलन -प्रवीण आर्यग्वालियर वरिष्ठ स्तम्भकार दीनानाथ मिश्र को राजमाता विजयाराजे सिंधिया स्मृति पत्रकारिता सम्मान अनिल शर्मादिल्ली तृतीय प्रवासी भारतीय कवि सम्मेलन दिल जोड़ने का सेतु प्रतिनिधिकेरल नायर और इड्ज्वा समुदायों ने की हिन्दू ऐक्य की अनूठी पहल तिरुअनंतपुरम से प्रदीप कुमारपाकिस्तान में मजबूत पकड़ बना रहे हैं अहमदिया अब मजहब का जिक्र नहीं -मुजफ्फर हुसैनएम.रामा जायस की पुस्तक “त्रिवर्ग” लोकार्पित धर्म वही जिससे सबका कल्याण हो प्रतिनिधिकोलकाता श्री जुगलकिशोर जैथलिया को गौरव सम्मान सिर्फ एक चाह–समाज की सेवाविश्रान्त वशिष्ठकेरल पलक्काड में भारतीय विद्या निकेतन की चिंतन बैठक अपने पर विश्वास करें, विदेशी का त्याग करें प्रतिनिधिअच्छे काम संस्कृत का चमत्कार प्रतिनिधिऐसी भाषा-कैसी भाषाचर्चा-सत्र सिंध यानी हिन्द -मा.गो.वैद्यसम्पादकीय बाजी तो पलटनी चाहिएटी.वी.आर. शेनाय सोनिया के बूते कुर्सी पर काबिज लालू दिल्ली में सगे, बिहार में सौतेले!संस्कार नेताजी के जन्म दिवस (23 जनवरी) पर विशेष नेताजी सुभाषचंद्र बोस गजब का साहस, प्रखर देशभक्ति अमिताभ त्रिपाठीपाञ्चजन्य पचास वर्ष पहले श्री नेताजी “जापानी कठपुतली” थे! पाक-लेखक द्वारा भारतीय नेताओं के विरुद्ध कुप्रचार षडंत्र में इंग्लैण्ड का हाथ? निज प्रतिनिधि द्वारास्त्री हर पखवाड़े स्त्रियों का अपना स्तम्भ तेजस्विनी मेरी सास, मेरी मां, मेरी बहू, मेरी बेटीबनी ठनी मंगलम्, शुभ मंगलम् बाल जगतसुनो कहानी बूझो तो जानेंमाटी का मन सुनामी का असर 4 साल तक डा.रवीन्द्र अग्रवालपाठकीय रा. स्व. संघ द्वारा आपदा में राहत और धीरजगहरे पानी पैठ नक्सली जड़ें गहराईंमंथन इस फारवर्ड ब्लाक का नेताजी से क्या रिश्ता? देवेन्द्र स्वरूपNEWSहर कोई डावांडोल-झारखण्ड प्रतिनिधिगत लोकसभा चुनाव में विभिन्न दलोंको प्राप्त मतों का प्रतिशतभाजपा 33 प्रतिशतकांग्रेस 21.5 प्रतिशतराजद 3.5 प्रतिशतझामुमो 16 प्रतिशतभाकपा 4 प्रतिशतजद (यू) 4 प्रतिशतझारखंड विधानसभा चुनाव में अब राजनीतिक दलों की स्थिति साफ नजर आने लगी है। एक ओर जहां राजग (भाजपा और जद (यू) है तो दूसरी ओर संप्रग। पर लाख प्रयास के बाद भी संप्रग में सिर फुटौव्वल की स्थिति जारी है। पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस, झारखंड मुक्ति मोर्चा एवं राजद मिलकर चुनाव लड़े थे और उन्हें आशातीत सफलता भी मिली थी, जबकि भाजपा बड़ी मुश्किल से सिर्फ 1 सीट (कोडरमा से पूर्व मुख्यमंत्री श्री बाबूलाल मरांडी) जीत पाई थी। लोकसभा चुनाव में जहां राजद, कांग्रेस और झामुमो को उनकी एकजुटता का लाभ मिला था, वहीं भाजपा और जद (यू) के अलग-अलग लड़ने से भी राजग का नुकसान हुआ था। संप्रग को जहां 45 प्रतिशत वोट मिले थे, वहीं भाजपा को 33 प्रतिशत और जद (यू) को केवल 4 प्रतिशत वोट मिले थे। अगर लोकसभा चुनाव के परिणामों के आधार पर विधानसभा चुनाव परिणामों को देखें तो संप्रग का पलड़ा भारी दिखता है। पर राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि तब से अब तक की स्थिति में काफी परिवर्तन आ गया है। लोकसभा चुनाव में जहां संप्रग 13 सीटें पाकर न सिर्फ उन्मादित है बल्कि आपस में ही भिड़ने को तैयार है, वहीं भाजपा ने हार से सबक लेते हुए जद (यू) से पूर्ण तालमेल किया है। इस समय संप्रग बुरी तरह बिखरा हुआ है। इसका लाभ राजग को मिल सकता है। झामुमो और कांग्रेस ने राजद को बाहर रखकर आपस में तालमेल कर लिया है। इसके तहत 35 क्षेत्रों पर झामुमो और 31 पर कांग्रेस ने चुनाव लड़ने का फैसला किया है। झामुमो और कांग्रेस के बीच हुए इस समझौते से लालू यादव तमतमाए हुए हैं। उन्होंने दोनों दलों पर धोखा देने का भी आरोप लगाया है। इसके बाद लालू यादव ने विरोध के स्वर को तेज करने के लिए वामपंथी दलों को भी अपने साथ किया है। लालू ने घोषणा भी कर रखी है कि वे झारखंड में झामुमो और कांग्रेस को उनकी औकात बता देंगे। इस घोषणा के साथ ही उन्होंने कुल 81 में से अधिकांश सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े कर दिए हैं। इसका सीधा-सीधा अर्थ है कि भले ही झारखंड में कांग्रेस और झामुमो के बीच तालमेल हो गया है, पर कई सीटों पर उनका राजद और वामपंथी दलों के साथ संघर्ष होना भी तय है। उधर भाजपा और जद (यू) तालमेल के तहत भाजपा 63, जद (यू) 17 और आजसू 1 सीट पर चुनाव लड़ रही है। कुल मिलाकर झारखंड में इस बार दोनों बड़े गठबंधनों के बीच कांटे की टक्कर है, पर हर कोई डावांडोल भी दिखता है।NEWS
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