पाञ्चजन्य पचास वर्ष पहले
July 12, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

पाञ्चजन्य पचास वर्ष पहले

by
Dec 6, 2005, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 06 Dec 2005 00:00:00

पाञ्चजन्य पचास वर्ष पहलेवर्ष 9, अंक 47 सं. 2013 वि., 18 जून, 1956 मूल्य 3आनेसम्पादक : गिरीश चन्द्र मिश्रप्रकाशक – श्री राधेलाल कपूर, राष्ट्रधर्म कार्यालय, गौतमबुद्ध मार्ग, लखनऊकश्मीर की वेदी पर 23 जून को बलिदान होने वालेहुतात्मा डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी(लल्लन प्रसाद व्यास)देश, जाति तथा धर्म की रक्षा के लिए हंसते-हंसते अपने प्राणों को बलि चढ़ा देने वाले वीर पुत्रों के साहसी कार्यों से हमारी भारत माता का मस्तक सदैव से उन्नत रहा है। वीर पुत्रों की इसी महती परम्परा में भारत केसरी डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का भी एक महत्वपूर्ण स्थान है, जिन्होंने देश को अविशिष्ट एकता की रक्षा हेतु अपने जीवन का बलिदान देकर सदा के लिए देश प्रेमी जनता के समक्ष एक अनुपम आदर्श उपस्थित कर दिया।डा. मुखर्जी ने शेख अब्दुल्ला को इस आशय का एक तार भी भेजा, “मैं बिना परमिट के जन्मू आ रहा हूं। मेरा वहां आने का प्रयोजन वहां की परिस्थितियों को जान कर आंदोलन को शांत करने के उपायों को ढूंढ़ना है। यदि सम्भव हुआ तो मैं आपसे भी मिलना चाहूंगा।” किन्तु शेख अब्दुल्ला ने इसके उत्तर में लिखा, “आपके जम्मू आने से मैं कुछ उपयोगी कार्य-सिद्धि की आशा नहीं करता।” इस पर डा. मुखर्जी ने पंजाब में कहा, “मैं जम्मू जाकर वहां की परिस्थितियों का अध्ययन करना चाहता हूं। इस कारण से इसकी उपयोगिता मैं समझता हूं। यदि शेख साहब इसमें कोई लाभ नहीं समझते तो वे मुझसे न मिलें और अपना समय किसी अन्य उपयोगी कार्य में व्यतीत करें।” डा. मुखर्जी ने अपने निश्चय के अनुसार 11 मई सन् 53 को अपने साथियों सहित जम्मू को प्रस्थान किया। सभी का यह अनुमान था कि डा. मुखर्जी को भारत की सीमा के भीतर ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा क्योंकि परमिट व्यवस्था भारत सरकार ने ही चालू की थी। ऐसी दशा में बिना परमिट के जम्मू-कश्मीर राज्य में प्रवेश करना भारत सरकार की आज्ञा का उल्लंघन करना था। परन्तु वहां षड्यंत्र तो दूसरा ही था। इसलिए उन्हें भारत की सीमा के अन्दर न गिरफ्तार कर जम्मू में प्रविष्ट होने पर सर्वोच्च न्यायालय की पहुंच से बाहर गिरफ्तार किया गया। वहां से डा. मुखर्जी को श्रीनगर ले जाया गया और वहां एक बहुत छोटे बंगले में उन्हें नजरबंद किया गया। वहां अब्दुल्ला सरकार ने डा. मुखर्जी जैसे देश के महानतम नेता के साथ साधारण कैदियों की भांति जो लापरवाही, गैर-जिम्मेदारी तथा क्षुद्रतापूर्ण व्यवहार किया, उसकी तो एक अलग लम्बी और दर्दनाक कहानी है। इसके बाद नजरबंदी की ही अवस्था में अकस्मात् 23 जून, 1953 को जिन विचित्र तथा रहस्यमय परिस्थितियों में डा. मुखर्जी को मृत घोषित किया गया, वह आज भी हमारे लिए एक रहस्य का विषय बना हुआ।। । । ।हैदराबाद के निजाम द्वारा अरब सैनिकों का संगठनमुसलमानों की राष्ट्रविघातक कार्यवाहियां पुन: सक्रिय(निज प्रतिनिधि द्वारा)नई दिल्ली: मुसलमानों की राष्ट्रघातक मनोवृत्ति कुछ दिनों से दबी हुई प्रतीत होती थी किन्तु अब वह पुन: जोर-शोर के साथ उमड़ने लगी है। वे पुन: भारत में इस्लामी राज्य की स्थापना का स्वप्न देखने लगे हैं। मुस्लिम जमात के अध्यक्ष पद से फरुखाबाद में कलकत्ता के भूतपूर्व मेयर श्री बदरुद्दज्जा द्वारा दिया गया विषाक्त भाषण “पाञ्चजन्य” में प्रकाशित हो चुका है। अब हैदराबाद के निजाम साहब के घातक मनसूबों की कहानी भी प्रकाश में आई है। हैदराबाद के एडवोकेट श्री बी.जी. केसकर ने वहीं के एक मजिस्ट्रेट के न्यायालय में निजाम साहब के मनसूबों का रहस्योद्घाटन करते हुए शिकायत की है कि वे (निजाम साहब) स्वयं की सशस्त्र सेना तैयार कर रहे हैं। श्री केसकर ने न्यायालय के समक्ष एक दस्तावेज भी प्रस्तुत किया है जिसमें भारतीय दण्ड विधि संहिता की धारा 19 के अन्तर्गत उन अपराधों की जानकारी दी गयी है, जो शस्त्रास्त्र कानून के अन्तर्गत आते हैं। दस्तावेज में बताया गया है कि नगर भर में निजाम की जो सम्पत्ति है उसकी देख-रेख के लिए नियमित 1000 पुलिस सिपाही हैं जो तरह-तरह की गैरकानूनी अस्त्रों से सज्जित हैं। ये सिपाही सर्फ-ए-खास के भीतर अपराधियों पर मुकदमे चलाते हैं और उन्हें दण्ड भी देते हैं। श्री केसकर ने यह भी बताया है कि निजाम की इस सेना में अनेक अरब सैनिक भी भर्ती किए गए हैं। ये अरब सैनिक पहले निजाम साहब की “मैसराम पल्टन” में थे। बन्दूक आदि शस्त्रास्त्रों का प्रशिक्षण देने के लिए सरकारी पुलिस का प्रयोग किया जाता है। निजाम साहब ने विशालकाय सेना तैयार करने के लिए हिटलरी तरीकों को अपनाया है।NEWS

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Donald Trump

टैरिफ युद्ध अमेरिका पर ही भारी पड़ सकता है

कपिल शर्मा को आतंकी पन्नू की धमकी, कहा- ‘अपना पैसा वापस ले जाओ’

देश और समाज के खिलाफ गहरी साजिश है कन्वर्जन : सीएम योगी

जिन्होंने ने बसाया उन्ही के लिए नासूर बने अप्रवासी मुस्लिम : अमेरिका में समलैंगिक काउंसिलवुमन का झलका दर्द

कार्यक्रम में अतिथियों के साथ कहानीकार

‘पारिवारिक संगठन एवं विघटन के परिणाम का दर्शन करवाने वाला ग्रंथ है महाभारत’

नहीं हुआ कोई बलात्कार : IIM जोका पीड़िता के पिता ने किया रेप के आरोपों से इनकार, कहा- ‘बेटी ठीक, वह आराम कर रही है’

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

Donald Trump

टैरिफ युद्ध अमेरिका पर ही भारी पड़ सकता है

कपिल शर्मा को आतंकी पन्नू की धमकी, कहा- ‘अपना पैसा वापस ले जाओ’

देश और समाज के खिलाफ गहरी साजिश है कन्वर्जन : सीएम योगी

जिन्होंने ने बसाया उन्ही के लिए नासूर बने अप्रवासी मुस्लिम : अमेरिका में समलैंगिक काउंसिलवुमन का झलका दर्द

कार्यक्रम में अतिथियों के साथ कहानीकार

‘पारिवारिक संगठन एवं विघटन के परिणाम का दर्शन करवाने वाला ग्रंथ है महाभारत’

नहीं हुआ कोई बलात्कार : IIM जोका पीड़िता के पिता ने किया रेप के आरोपों से इनकार, कहा- ‘बेटी ठीक, वह आराम कर रही है’

जगदीश टाइटलर (फाइल फोटो)

1984 दंगे : टाइटलर के खिलाफ गवाही दर्ज, गवाह ने कहा- ‘उसके उकसावे पर भीड़ ने गुरुद्वारा जलाया, 3 सिखों को मार डाला’

नेशनल हेराल्ड घोटाले में शिकंजा कस रहा सोनिया-राहुल पर

‘कांग्रेस ने दानदाताओं से की धोखाधड़ी’ : नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी का बड़ा खुलासा

700 साल पहले इब्न बतूता को मिला मुस्लिम जोगी

700 साल पहले ‘मंदिर’ में पहचान छिपाकर रहने वाला ‘मुस्लिम जोगी’ और इब्न बतूता

Loose FASTag होगा ब्लैकलिस्ट : गाड़ी में चिपकाना पड़ेगा टैग, नहीं तो NHAI करेगा कार्रवाई

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies