कही अनकही
July 13, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

कही अनकही

by
Jul 11, 2004, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 11 Jul 2004 00:00:00

चेहरे के भी अंकदीनानाथ मिश्रपापा, याद है आपको? दसवीं की परीक्षा में जब मैं प्रथम श्रेणी में पास हुआ था और गणित में 81 नम्बर लाया था, तब आपने नाक-भौ सिकोड़ते हुए कहा था कि यह भी कोई नम्बर है? और कहा था कि मैं तो गणित में 98 नम्बर लाता था। इसलिए कि उस समय 100 नम्बर देने का रिवाज नहीं था। अब देखिए इनके रिजल्ट, और उसने मेरे हाथ में देश के सबसे प्रतिष्ठित अंग्रेजी साप्ताहिक का ताजा अंक रख दिया। जो पन्ना खुला था उसमें गृहमंत्री शिवराज पाटिल को पत्रिका ने 100 में से 30 नम्बर दिए थे। पत्रिका ने केवल 35 मंत्रियों को नम्बर दिए हैं। 30 से अधिक मंत्रियों को नम्बर देने लायक भी नहीं समझा। मुझे बड़ी चिंता हुई। अगर संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के गृहमंत्री को पत्रिका ने फेल घोषित किया तो इस देश का क्या होगा? आज 40 नम्बर से कम पाने वाले फेल ही समझे जाते हैं। 44 नम्बर तक तृतीय श्रेणी में और 59 तक द्वितीय श्रेणी में रखे जाते हैं। 60 से 74 नम्बर पाने वालों को प्रथम श्रेणी में समझा जाता है और 75 से ऊपर विशिष्ट श्रेणी समझी जाती है।यह नहीं कि इस सरकार में सबसे कम अंक शिवराज पाटिल को ही मिले हों। दो और मंत्री हैं- शीशराम ओला और किंडिया। उनको केवल 25 नम्बर दिए गए हैं। महावीर प्रसाद को 31, ए.राजा को 32, कुमारी शैलजा को 33, विलासराव मुत्तमवार और सुबोधकांत सहाय को 34, मीरा कुमार और राम विलास पासवान को 36, आस्कर फर्नांडीज को 37, शंकर सिंह वाघेला को 38। अर्थात् इन सबको शासकीय परीक्षा में असफल घोषित करने वाले अंक दिए गए हैं। जो किसी तरह से पास हुए उनमें 40-40 नम्बर लेकर संतोष मोहन देव, सुनील दत्त और टी.आर. बालू हैं। प्रियरंजन दासमुंशी को 42, स्वास्थ्य मंत्री रामदास को 43 और हंसराज भारद्वाज को 44 नम्बर देकर इस पत्रिका ने उन्हें तृतीय श्रेणी में उत्तीर्ण घोषित किया। प्रथम श्रेणी में तो केवल एक मंत्री आए, पी. चिदम्बरम, जिन्हें 67 नम्बर दिया गया। मणिशंकर अय्यर, अर्जुन सिंह और शरद पवार प्रथम श्रेणी से वंचित रह गए। 55 नम्बर पाने वाले प्रफुल्ल पटेल और कमलनाथ भी द्वितीय श्रेणी में ही रहे। यहां तक कि 53 नम्बर पाकर दयानिधि मारन, 51 नम्बर पाकर कपिल सिब्बल और 50-50 नम्बर पाकर लालू प्रसाद यादव और रेणुका चौधरी भी प्रथम श्रेणी से वंचित रह गईं। खैरियत यह रही कि रघुवंश प्रसाद सिंह और गुलाम नबी आजाद 46-46 नम्बर पाकर द्वितीय श्रेणी में रह सके। दो नम्बर कम होता तो ये दोनों भी तृतीय श्रेणी में रह जाते। जयपाल रेड्डी और पी.एम. सईद बड़े किस्मत वाले ठहरे कि उन्हें 45 नम्बर मिले और वह द्वितीय श्रेणी में उत्तीर्ण घोषित किए गए। प्रेमचन्द गुप्ता बेचारे तृतीय श्रेणी में अटक गए।मैं उन मंत्रियों की चर्चा नहीं कर रहा हूं जिनको न जाने कितने कम अंक मिले होंगे। 25 से कम तो मिले ही होंगे। 25 वाले तो इसमें आ ही गए हैं। स्कूलों में उनकी बड़ी फजीहत होती है जिन्हें “अण्डा”, मिला करता है। सोच रहा हूं कि कहीं तस्लीमुद्दीन और कांति सिंह को “अण्डा” न मिला हो। कोई बता रहा था कि उनके कार्यालय के लोग शिकायत करते हैं कि साहब के पास कोई काम ही नहीं आता। इस सरकार में जो बिना विभाग के मंत्री हैं वे तो परीक्षा में बैठे ही नहीं हैं। वे फेल-पास हो ही नहीं सकते।अलबत्ता डा. मनमोहन सिंह को नम्बर देने से यह प्रतिष्ठित पत्रिका कतरा गई। क्यों कतराई? जिस सरकार के एक को छोड़कर सभी मंत्री या तो दोयम दर्जे या तीसरे दर्जे में पास हुए हों, बाकी के नाम गायब हों, उसको किस दर्जे की सरकार कहा जाए? यह तो आप जानते ही हैं कि परीक्षा परिणाम में जिनके नाम नहीं आते, उसका क्या अर्थ होता है? असल में फेल होने वाले को शर्मिन्दा करने के बजाए उनका नाम और अनुक्रमांक न देना ही शिष्टाचार समझा जाता है। इस पत्रिका ने भी बाकी मंत्रियों के साथ यही सलूक किया है। औसत का गणित करके देख लीजिए। पूरी सरकार को औसत रूप से तीसरे दर्जे की सरकार बताया है इस पत्रिका ने। कक्षा में कई बार जो दो-चार बच्चे गुंडे-बदमाश होते हैं अध्यापक भी उनसे डरते हैं। उनको नम्बर देते समय अध्यापकों के सामने एक विडम्बना खड़ी हो जाती है। ज्यादा नम्बर दें तो स्कूल में खुद की इज्जत चली जाएगी और बहुत कम नम्बर दें तो ऐसे गुंडे छात्रों के क्रोध का शिकार बनने का डर रहता है। नम्बर देने वाला अध्यापक बीच का रास्ता अपनाता है। कुछ मंत्रियों को जो नम्बर दिए गए हैं, उनको देखकर लगता है कि पत्रिका को यह डर लग रहा था कि कहीं ऐसे मंत्री भरे बाजार में उसका गला न पकड़ लें। सो लगता है कि चेहरा देखकर भी उनको नम्बर दिए गए हैं।13

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

RSS का शताब्दी वर्ष : संघ विकास यात्रा में 5 जनसंपर्क अभियानों की गाथा

Donald Trump

Tariff war: अमेरिका पर ही भारी पड़ सकता है टैरिफ युद्ध

कपिल शर्मा को आतंकी पन्नू की धमकी, कहा- ‘अपना पैसा वापस ले जाओ’

देश और समाज के खिलाफ गहरी साजिश है कन्वर्जन : सीएम योगी

जिन्होंने बसाया उन्हीं के लिए नासूर बने अप्रवासी मुस्लिम : अमेरिका में समलैंगिक काउंसिल वुमन का छलका दर्द

कार्यक्रम में अतिथियों के साथ कहानीकार

‘पारिवारिक संगठन एवं विघटन के परिणाम का दर्शन करवाने वाला ग्रंथ है महाभारत’

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

RSS का शताब्दी वर्ष : संघ विकास यात्रा में 5 जनसंपर्क अभियानों की गाथा

Donald Trump

Tariff war: अमेरिका पर ही भारी पड़ सकता है टैरिफ युद्ध

कपिल शर्मा को आतंकी पन्नू की धमकी, कहा- ‘अपना पैसा वापस ले जाओ’

देश और समाज के खिलाफ गहरी साजिश है कन्वर्जन : सीएम योगी

जिन्होंने बसाया उन्हीं के लिए नासूर बने अप्रवासी मुस्लिम : अमेरिका में समलैंगिक काउंसिल वुमन का छलका दर्द

कार्यक्रम में अतिथियों के साथ कहानीकार

‘पारिवारिक संगठन एवं विघटन के परिणाम का दर्शन करवाने वाला ग्रंथ है महाभारत’

नहीं हुआ कोई बलात्कार : IIM जोका पीड़िता के पिता ने किया रेप के आरोपों से इनकार, कहा- ‘बेटी ठीक, वह आराम कर रही है’

जगदीश टाइटलर (फाइल फोटो)

1984 दंगे : टाइटलर के खिलाफ गवाही दर्ज, गवाह ने कहा- ‘उसके उकसावे पर भीड़ ने गुरुद्वारा जलाया, 3 सिखों को मार डाला’

नेशनल हेराल्ड घोटाले में शिकंजा कस रहा सोनिया-राहुल पर

‘कांग्रेस ने दानदाताओं से की धोखाधड़ी’ : नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी का बड़ा खुलासा

700 साल पहले इब्न बतूता को मिला मुस्लिम जोगी

700 साल पहले ‘मंदिर’ में पहचान छिपाकर रहने वाला ‘मुस्लिम जोगी’ और इब्न बतूता

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies