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पाञ्चजन्य पचास वर्ष पहले<p style=font-weight:bold;t

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Apr 7, 2004, 12:00 am IST
in Archive
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दिंनाक: 07 Apr 2004 00:00:00

पाञ्चजन्य पचास वर्ष पहले

वर्ष 9, अंक 3, श्रावण कृष्ण 14 सं. 2012 वि., 18 जुलाई, 1955, मूल्य 3आने

सम्पादक : गिरीश चन्द्र मिश्र

प्रकाशक – श्री राधेश्याम कपूर, राष्ट्रधर्म कार्यालय, सदर बाजार, लखनऊ

उ.प्र. में नर्तकियों द्वारा पंचवर्षीय योजना का प्रचार

प्रचार में 2 करोड़ रु. व्यय होगा

कांग्रेस द्वारा राजनीतिक पीड़ितों के लिए अनुचित सुविधाओं की मांग

(नगर प्रतिनिधि द्वारा)

लखनऊ: प्रादेशिक कांग्रेस कमेटी की बैठक में कांग्रेसाध्यक्ष श्री घेवर भाई के उस पत्रक को लेकर गर्मागर्म बहस हुई जिसमें उन्होंने कांग्रेसियों को गोआ-मुक्ति के प्रश्न पर धैर्य न छोड़ने की सलाह दी थी। अधिकांश सदस्य इस मत के थे कि गोआ-मुक्ति सत्याग्रह के सम्बंध में कांग्रेस द्वारा अपनाई गई उदासीन नीति के कारण कांग्रेस की प्रतिष्ठा को भारी ठेस पहुंच रही है। इसके अतिरिक्त कुछ सदस्य इस मत के थे कि आन्दोलन में सक्रिय भाग लिया जाए।

बैठक में राजनीतिक पीड़ितों के सम्बंध में विचार करते हुए सरकार से मांग करने का निर्णय लिया गया कि आयु का विचार किए बिना योग्यतानुसार उन्हें गजटेड अथवा नान-गजटेड पदों पर नियुक्त किया जाय। इसके अतिरिक्त अन्य सरकारी कर्मचारियों की भांति 25 वर्ष की सेवाओं के पश्चात् उन्हें पेंशन न देकर पांच या दस वर्ष की सेवाओं के पश्चात् ही पेंशन प्रदान की जाए। साथ ही उनके सम्बंधियों को भी विशेष सुविधाएं दी जाएं।

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गोआ के प्रश्न पर जनसंघ का नेहरूजी को स्मरण पत्र

दिल्ली : विदेश-यात्रा समाप्त करके स्वदेश आगमन के अवसर पर भारत के प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू की सेवा में दिल्ली राज्य भारतीय जनसंघ की ओर से गोआ के सम्बंध में स्मृति-पत्र समर्पित किया गया। स्मृति-पत्र में कहा गया कि स्वदेश पुनरागमन के उपलक्ष्य में स्वागत करते हुए हम आपका ध्यान गोआ की भीषण स्थिति की ओर आकर्षित करते हैं। आपकी छह सप्ताह की अनुपस्थिति के बीच पुर्तगाली अत्याचार चरम सीमा पर पहुंच गए हैं जिसके कारण गोआ में आतंक का साम्राज्य छा गया है। इस प्रश्न पर अत्यंत गम्भीरतापूर्वक विचार करने की व कार्रवाई करने की आवश्यकता है।

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श्री जोशी पर हुए बर्बर अत्याचारों की कहानी

ईसाई और मुसलमानों को आक्रमण करने के लिए उकसाया गया

(विशेष प्रतिनिधि द्वारा)

शिमोगा। 25 जून को गोआ में प्रविष्ट जनसंघी जत्थे के नेता श्री जगन्नाथ राव जोशी के साथ पुर्तगाली पुलिस कितनी निर्मम एवं पाशविकता से पेश आयी इसका आंखों देखा वर्णन करते हुए जनसंघ की चिकमलूर शाखा के मंत्री श्री के. रघुराम ने, जो जोशी जी के जत्थे में थे, एक वक्तव्य में कहा है कि श्री जगन्नाथ राव पर भीषण प्रहार का प्रारम्भ 9 इंच मोटी मयाल से किया गया और तत्पश्चात् आसानी से हाथ आयी लाठी, हण्टर, पत्थर, मयालों के टुकड़े आदि चीजों के साथ उन्हें बेहद पीटा गया।

छोटी-छोटी टुकड़ियों में विभक्त होकर अधिकतम गोआनियों के पास “मुक्ति का सन्देश” पहुंचाने की योजना बनाकर यह जत्था गोआ में ऐसे स्थानों से घुसा जहां पर पुर्तगाली पुलिस नहीं थी। अपने लक्ष्य तक पहुंचने में उन्हें केवल 4 ही मील और चलना था कि पुर्तगाली पुलिस ने उन्हें रोक लिया। उन्हें धमकाया कि आगे बढ़ने के परिणाम भयंकर होंगे।

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