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राष्ट्र सेविका समिति कीआधार निधि बनी जीवन-आधारबाढ़ पीड़ित ग्रामीणों के बीच बर्तनबांटते हुए कार्यकर्तापिछले दिनों देश के कई भागों में बाढ़ आई। बाढ़ भी ऐसी कि गत दो दशकों में ऐसी बाढ़ लोगों ने नहीं देखी थी। जान-माल का सबसे अधिक नुकसान बिहार और असम में हुआ। असम तो लगभग 15 दिन देश के अन्य भागों से कटा रहा। सम्पर्क के सारे साधन ध्वस्त हो गए थे। लोग घर-द्वार छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर नारकीय जिन्दगी जी रहे थे। ऐसे में सरकारी और गैर सरकारी कई संगठन बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए आगे आए। जिनसे भी जो कुछ संभव हो पाया, उसे लेकर बाढ़ पीड़ितों के बीच गए और उन्हें मदद दी, ढांढस बंधाया।इनमें राष्ट्र सेविका समिति भी शामिल थी। समिति ने आधार निधि, नागपुर के माध्यम से सहायता अभियान चलाया। इसके अन्तर्गत समिति से जुड़ी सभी प्रान्तों की बहनों ने सहायता राशि जमा की। फिर उसे राष्ट्र सेविका समिति, असम भेजा गया। इस राशि से वहां की बहनों ने जीवनोपयोगी सामान खरीदा और बाढ़ पीड़ितों के बीच बांटा। समिति की ओर से नलबाड़ी और मरीगांव जिलों के 70 गांवों के 1000 परिवारों के बीच बर्तन बांटे गए। प्रत्येक परिवार को कड़ाही, देगची, दो थाल, गिलास और अन्य उपयोगी वस्तुएं दी गई हैं। समिति की बहनें अभी भी प्रतिदिन 15-20 कि.मी. पैदल चलकर सुदूर गांवों में सहायता कार्य चला रही हैं। सुनीता हलदेकर21
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