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क्रांति तीर्थ में स्वाभिमान का पर्वभारत एक विचित्र परिस्थिति से गुजर रहा है। जहां भारतीय स्वाभिमान की रक्षा के लिए भी एक राजनीतिक दल को संघर्ष करना पड़ता है। एक ओर तिरंगा लहारने के “गुनाह” में मध्य प्रदेश की मुख्यमंत्री उमा भारती को जेल भेजा गया। उन्होंने मुख्यमंत्री पद को ठोकर मार दी और हुबली से तिरंगा सत्याग्रह शुरू किया। बाद में कर्नाटक सरकार ने धूल चाटते हुए मुकदमा वापस ले लिया। पर वीर सावरकर का मुद्दा जस का तस रहा। इसलिए भाजपा ने उमा भारती और सुषमा स्वराज के नेतृत्व में दो यात्राओं का आयोजन किया। उमा भारती की हुबली से जलियांवाला बाग (अमृतसर) यात्रा और सुषमा स्वराज का अंदमान सत्याग्रह। इन दोनों यात्राओं के सम्बंध में साक्षात्कार, विचार एवं रपटें प्रस्तुत हैं। इन पंक्तियों के लिखे जाने तक उमा भारती की तिरंगा यात्रा अमृतसर की ओर बढ़ रही थी। इसलिए जलियांवाला बाग की सभा का वृत्त अगले अंक में दे पाएंगे। सं.पोर्ट ब्लेयर में आयोजित एक कार्यक्रम में (बाएं से) श्रीमती सुषमा स्वराज,डा. मुरली मनोहर जोशी, प्रो. विजय कुमार मल्होत्रा एवं श्री एल. गणेशनवीर सावरकर रथ के साथ चल रहे हैं भाजपा के सांसद एवं कार्यकर्तातिंरगा पार्क (पोर्ट ब्लेयर) में आयोजित सभा में (बाएं से) डा. नजमा हेपतुल्ला, श्रीमती सुषमा स्वराज, डा. मुरली मनोहर जोशी एवं प्रो. विजय कुमार मल्होत्रापोर्ट ब्लेयर के चप्पे-चप्पे पर पुलिस थी-मानो खूंखार आतंकवादी आ रहे हों12
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