चर्चा सत्र
July 13, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

चर्चा सत्र

by
Dec 12, 2004, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 12 Dec 2004 00:00:00

विनीता गुप्ताब्लादिमिर पुतिन पुतिन दिल्ली मेंसवाल शक्ति केमनमोहन सिंहपुतिन की भारत यात्रा ने एक बार फिर से भारतीय उप-महाद्वीप में शक्ति संतुलन के नए समीकरण उभारे हैं। इस यात्रा में भी भारत-चीन-रूस ध्रुवीकरण की चर्चा उठी है, जो अमरीका की अराजक और अनियंत्रित ताकत को जहां इस क्षेत्र में बेलगाम होने से रोकेगा, वहीं विश्व में भारतीय शक्ति के महत्व को भी रेखांकित करेगा। हालांकि राष्ट्रपति पुतिन ने भारत को सुरक्षा परिषद् की सदस्यता दिए जाने का समर्थन तो किया परन्तु वीटो के मामले पर फिलहाल अप्रतिबद्ध रहे। वहीं अंतरिक्ष अनुसंधान, ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग, बैंकिंग क्षेत्र में जोरदार विनिमय बहुत महत्वपूर्ण उपलब्धियां रहीं। इसके साथ ही परमाणु क्षेत्र में सहयोग भारत के परमाणु कार्यक्रम को गतिशील रखने में विशेष महत्व का है। इस संदर्भ में प्रस्तुत है एक विश्लेषण-भारत – रूस के बीच हर साल एक शिखर वार्ता होती है। इस वार्ता के लिए एक साल भारत के प्रधानमंत्री रूस जाते हैं और एक साल रूस के राष्ट्रपति भारत आते हैं। रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमिर पुतिन की भारत यात्रा उसी शिखर वार्ता के संदर्भ में हुई, किन्तु पिछली शिखर वार्ताओं की अपेक्षा इस बार सरगर्मी कुछ ज्यादा है। इसका कारण है दोनों देशों के बीच परमाणु ऊर्जा में साझेदारी।अगर पन्ने पलटें तो वह समय याद आता है जब भारत स्वतंत्र हुआ था और हमें कोई भी देश प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और हथियार देने के लिए तैयार नहीं था तब रूस ने हाथ बढ़ाया। 1960 में फिर एक ऐसा ही महत्वपूर्ण मोड़ आया, जब रूस की मदद से भारत में भिलाई में पहला इस्पात संयंत्र लगा। इससे पहले पश्चिमी देश भारत को इसके लिए प्रौद्योगिकी देने को तैयार नहीं थे, क्योंकि वे चाहते थे कि भारत उनसे इस्पात खरीदे। रूस की मदद से भारत में इस्पात उत्पादन का जो सिलसिला शुरू हुआ, उसके आश्चर्यजनक परिणाम सामने आए। आज भारत विश्व के बड़े इस्पात उत्पादक देशों में से एक है।भारतीय सशस्त्र सुरक्षा बलों द्वारा प्रयोग किये जा रहे हथियारों पर नजर डालें तो पाएंगे कि थल सेना, वायु सेना और नौ सेना में 70 से 75 प्रतिशत तक रूस में निर्मित हथियार, टैंक, विमान, जहाज और मिसाइलों का प्रयोग किया जा रहा है।पुतिन की इस यात्रा में कुछ महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर हुए, जिनके दूरगामी परिणाम भारत और रूस दोनों के लिए हितकारी हैं।भारत द्वारा रूस की ऊर्जा उत्पादक कम्पनियों में पांच अरब डालर का निवेश। भारत रूस की गैस और तेल कम्पनियों के शेयर ले रहा है। इससे हम तेल उत्पादन में विश्व में दूसरा स्थान रखने वाले देश रूस की तेल कम्पनियों में हिस्सेदार हो जाएंगे। हाल ही में मास्को यात्रा से लौटे इंडियन डिफेंस रिव्यू के सम्पादक कैप्टन (से.नि.) भरत वर्मा बताते हैं, “एक साल में रूस विश्व का सबसे बड़ा तेल और गैस उत्पादक देश हो जाएगा, क्योंकि वह अपने तेल क्षेत्र को संगठित कर रहा है।” इस समझौते पर टिप्पणी करते हुए वह कहते हैं कि इससे भारत ऊर्जा की अपनी तेजी से बढ़ती जरूरतों को पूरा कर सकेगा। चूंकि भारत तेजी से विकास पथ पर बढ़ रहा है इसलिए हमारी ऊर्जा की आवश्यकता दिनोंदिन बढ़ रही है और रूसी तेल व गैस कम्पनियों में भारत के निवेश से हम इस क्षेत्र में स्वयं को सुरक्षित अनुभव कर सकेंगे।व्यापार और निवेश बढ़ाने के लिए वीसा को सरल बनाना और बहुआयामी प्रवेश व्यवस्था के अनुसार वीसा व्यवस्था बनाने से दोनों देशों को लाभ होगा।सबसे महत्वपूर्ण है परमाणु संबंधी समझौता। इस संदर्भ में उल्लेखनीय है कि भारत विश्व के परमाणु आपूर्ति समूह का सदस्य नहीं है, क्योंकि सी.टी.बी.टी. पर हस्ताक्षर नहीं किये थे। इसलिए पश्चिमी देश और विशेष रूप से अमरीका रूस पर दबाव डाल रहा था कि वह भारत को “न्यूक्लियर रिएक्टर” की आपूर्ति न करे। इसका भारत में विद्युत उत्पादन पर बहुत असर पड़ रहा था। लेकिन रूस ने रास्ता निकाला और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मानदंडों के अंतर्गत भारत को “न्यूक्लियर रिएक्टर” निर्यात करने का फैसला किया। इससे भारत विद्युत ऊर्जा की अपनी बढ़ती जरूरतों को पूरा कर सकेगा। इस संबंध में कैप्टन (से.नि.) वर्मा का कहना है कि यह सब एकतरफा नहीं है, इससे रूस को भी लाभ होगा। उसे अपनी अर्थव्यवस्था का प्रसार करना है, इसलिए अपनी परमाणु प्रौद्योगिकी निर्यात कर रहा है। लेकिन यह वह हर देश को निर्यात नहीं कर सकता, सिर्फ जिम्मेदार देश को ही परमाणु प्रौद्योगिकी हस्तांतरित की जा सकती है और उसकी नजर में भारत न केवल जिम्मेदार देश है, बल्कि दोनों की मैत्री समय की कसौटी पर जांची-परखी है। दोनों के हित कहीं नहीं टकराते।निवेश के संदर्भ में एक और क्षेत्र पर दोनों देश ध्यान केन्द्रित कर रहे हैं और वह है सैन्य अस्त्र-शस्त्र उद्योग। उस क्षेत्र में भी भारत के लिए निवेश करना आज की आवश्यकता है। कैप्टन वर्मा के अनुसार, “उनकी विमान बनाने वाली कम्पनी मिग में अपना निवेश बढ़ायें तो हम बहुत लाभ की स्थिति में हो सकते हैं। अभी हमारे 139 मिग-29 इस स्थिति में हैं कि उन्हें बदल दिया जाना चाहिए। इस दृष्टि से हम उदाहरण के तौर पर 100 मिलियन डालर का निवेश कर देते हैं तो हमारा संयुक्त मालिकाना हक हो जाएगा। अभी हमने रूस से एस.यू.-30 लिए भी हैं और खुद बना भी रहे हैं। एस.यू.-30 दुनिया का बेहतरीन लड़ाकू विमान है। अगर हम मिग विमान बनाने में रूस के साथ मिलकर भागीदारी करते हैं तो हमें अपनी जरूरतों के अनुसार नया, बेहतरीन और सस्ता लड़ाकू विमान मिल जाएगा। फिर हम इन विमानों को दोनों देशों के मित्र देशों को भी निर्यात कर सकते हैं। तब हम विश्वस्तर के बेहतरीन लड़ाकू विमान बनाने वाले देश हो जाएंगे।” दोनों देशों को एक-दूसरे की जरूरत है, दोनों के हित कहीं नहीं टकराते, दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं। और विश्व की एक ध्रुवीय शक्ति की चुनौती का सामना करने की दृष्टि से दोनों देशों की सुदृढ़ मैत्री बहुत मायने रखती है क्योंकि किसी अन्य देश से इस प्रकार की रणनीतिक मैत्री और साझीदारी बनाने में दशकों लग सकते हैं। यहां भूमि पहले से ही तैयार है। जरूरी है हम बीज डालें और फसल पाएं।5

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

गजवा-ए-हिंद की सोच भर है ‘छांगुर’! : जलालुद्दीन से अनवर तक भरे पड़े हैं कन्वर्जन एजेंट

18 खातों में 68 करोड़ : छांगुर के खातों में भर-भर कर पैसा, ED को मिले बाहरी फंडिंग के सुराग

बालासोर कॉलेज की छात्रा ने यौन उत्पीड़न से तंग आकर खुद को लगाई आग: राष्ट्रीय महिला आयोग ने लिया संज्ञान

इंटरनेट के बिना PF बैलेंस कैसे देखें

EPF नियमों में बड़ा बदलाव: घर खरीदना, इलाज या शादी अब PF से पैसा निकालना हुआ आसान

Indian army drone strike in myanmar

म्यांमार में ULFA-I और NSCN-K के ठिकानों पर भारतीय सेना का बड़ा ड्रोन ऑपरेशन

PM Kisan Yojana

PM Kisan Yojana: इस दिन आपके खाते में आएगी 20वीं किस्त

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

गजवा-ए-हिंद की सोच भर है ‘छांगुर’! : जलालुद्दीन से अनवर तक भरे पड़े हैं कन्वर्जन एजेंट

18 खातों में 68 करोड़ : छांगुर के खातों में भर-भर कर पैसा, ED को मिले बाहरी फंडिंग के सुराग

बालासोर कॉलेज की छात्रा ने यौन उत्पीड़न से तंग आकर खुद को लगाई आग: राष्ट्रीय महिला आयोग ने लिया संज्ञान

इंटरनेट के बिना PF बैलेंस कैसे देखें

EPF नियमों में बड़ा बदलाव: घर खरीदना, इलाज या शादी अब PF से पैसा निकालना हुआ आसान

Indian army drone strike in myanmar

म्यांमार में ULFA-I और NSCN-K के ठिकानों पर भारतीय सेना का बड़ा ड्रोन ऑपरेशन

PM Kisan Yojana

PM Kisan Yojana: इस दिन आपके खाते में आएगी 20वीं किस्त

FBI Anti Khalistan operation

कैलिफोर्निया में खालिस्तानी नेटवर्क पर FBI की कार्रवाई, NIA का वांछित आतंकी पकड़ा गया

Bihar Voter Verification EC Voter list

Bihar Voter Verification: EC का खुलासा, वोटर लिस्ट में बांग्लादेश, म्यांमार और नेपाल के घुसपैठिए

प्रसार भारती और HAI के बीच समझौता, अब DD Sports और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर दिखेगा हैंडबॉल

वैष्णो देवी यात्रा की सुरक्षा में सेंध: बिना वैध दस्तावेजों के बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies