पाठकीय
May 11, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

पाठकीय

by
Nov 7, 2004, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 07 Nov 2004 00:00:00

अंक-संदर्भ 13 जून, 2004पञ्चांगसंवत् 2061 वि., वार ई. सन् 2004शुद्ध श्रावण कृष्ण 9 रवि 11 जुलाई,, ,, 10 सोम 12 ,,,, ,, 11 मंगल 13 ,,,, ,, 12 बुध 14 “”,, ,, 13 गुरु 15 “”,, ,, 14 शुक्र 16 “”,, ,, 30 शनि 17 “”(अमावस्या)फिर से भातवर्षव्यक्तिवाद के स्थान पर, गूंजेंगे आदर्शलाएंगे भगवे तले, फिर से भारतवर्ष।फिर से भारतवर्ष, परिश्रम अधिक करेंगेछोड़ा जो हिन्दुत्व मार्ग, उस पर लौटेंगे।कह “प्रशांत” यह सीख मिली है ठोकर खाकरसाख जमेगी फिर असली मुद्दे अपनाकर।।-प्रशांतसूक्ष्मिकाजिन्दगी की दौड़सारी उम्र गुजर गईरोटियों के पीछेभाग-दौड़ में …।वो पहिये लगा करजीत गईजिन्दगी की दौड़ में…।।-अमर पेन्टर “मलंग”गणेश चौक, कटनी (म.प्र.)स्व. रज्जू भैया की पुण्यतिथि (14 जुलाई) परशत-शत नमन14 जुलाई कोएक प्रकाशपुंज का हुआ महाप्रयाणजो एक दिव्य ज्योति थाजिसने निरन्तर जलकरऔरों को किया प्रकाशमानमां वाग्देवी केजो वरद पुत्र थेसमुद्र की तरहजिनका हृदय था विशालवात्सल्य की थे जो प्रतिमूर्तिजिनकी करतल वाणी थीगंगा की धारजिनके अक्षर-अक्षर होते थेराष्ट्र के नामसर्वधर्म समभाव कोजो मानते थेपंथनिरपेक्षता का आधारमृत्युपर्यन्त कर्म कोजिसने माना प्रधानगीता की तरहजिनका था जीवनहिन्दुत्व के थेजो जीवंत प्रतिबिम्बकैसे करूं मैं उनका अवलोकनशब्द-शब्द जोड़करजो किया मैंने उनका बखानवह किंचित मात्र भी न हैपर यह दिल कहता है बार-बारउस प्रकाशपुंज रज्जू भैया कोकरूं मैं शत-शत प्रणाम।-शक्तिरमण कुमार प्रसादश्रीकृष्णानगर, पथ संख्या-17, पटना (बिहार)कौन करेगा दूरकश्मीरी विस्थापितों का दर्द?श्री आलोक गोस्वामी ने कश्मीरी हिन्दुओं के दु:खमय जीवन पर निर्मित फिल्म “शीन” की विस्तृत समीक्षा कर सबका ध्यान आकृष्ट किया है। साधुवाद स्वीकार करें। कश्मीर के अल्पसंख्यक हिन्दुओं के दमन और पलायन पर एक यथार्थवादी फिल्म बननी ही चाहिए थी, जिससे करोड़ों भारतीयों की जड़ता-उदासीनता समाप्त हो। वे जागरूक हों। “शीन” फिल्म इस अपेक्षा पर खरी उतरी है।इसी सन्दर्भ में स्मरण दिलाना चाहता हूं कि प्रसिद्ध लेखिका चन्द्रकान्ता ने, जो कश्मीरी मूल की हैं, “कथासतीसर” नामक उपन्यास की रचना की है, जिसमें कश्मीर घाटी के जीवन, बीसवीं सदी की राजनीतिक उथल-पुथल तथा हिन्दुओं के दु:ख दर्द का मार्मिक वर्णन किया है। दूसरा चर्चित उपन्यास है “कश्मीर की बेटी।” इसमें चौदहवीं सदी की त्रासदी का मर्मस्पर्शी चित्रण है। इस ओर भी पाञ्चजन्य का ध्यान जाना चाहिए।-शत्रुघ्न प्रसादराजेन्द्र नगर, पथ सं. 13-ए, पटना (बिहार)इनसे लें प्रेरणाभारत के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रमेशचन्द्र लाहोटी कितने सरल और संस्कृतिप्रिय हैं, इसका उदाहरण उन्होंने शपथ ग्रहण समारोह के तुरन्त बाद दिया। उन्होंने अपनी माता के पास जाकर चरण-स्पर्श किए और कहा कि माता-पिता के आशीर्वाद में उन्हें भगवान के दर्शन होते हैं। वर्तमान में युवा पीढ़ी जो दो-चार अंग्रेजी के शब्द पढ़ जाती है, वह अपने आपको पाश्चात्य संस्कृति का प्रतिनिधि मानने लगती है। ऐसे लोगों को न्यायमूर्ति श्री लाहोटी से प्रेरणा लेनी चाहिए।-विशाल कुमार जैन1/2096- गली नं. 21, पूर्वी रामनगर,शाहदरा, दिल्लीकेवल राजनीति”वाम के दबाव में उलट-पलट शुरू” शीर्षक से प्रकाशित श्रीमती विनीता गुप्ता की रपट पढ़ी। पुस्तकों के पाठक्रम में वाम नीति का समावेश करके यह सरकार विद्यार्थियों के भविष्य के साथ गंभीर खिलवाड़ कर रही है। पाठपुस्तकों में सोनिया गांधी के पक्ष में प्रस्तुत तर्क, सरस्वती मिथक मात्र एवं आर्यों की उत्पत्ति जैसे यक्ष बिन्दुओं पर वामपंथी सोच को प्रमुखता से दर्शाना, यही सिद्ध करता है कि अर्जुन सिंह की अगुवाई में राजग के फैसलों को राजनीति कारणों से पलटा जा रहा है। इसका कड़ा विरोध होना चाहिए। हिन्दू समाज की व्यथा को दर्शाती “शीन” फिल्म की समीक्षा अच्छी लगी। सचमुच कश्मीर के हिन्दुओं के घाव आज भी देखने वालों से अबूझे सवाल करते हैं।-अजय जैन “विकल्प”36, स्कीम नं. 71, इन्दौर (म.प्र.)राष्ट्रीय भूलअद्भुत व्यक्तित्व शीर्षक से डा. श्रीकान्त जिचकर को श्रद्धांजलि देकर आपने उनके चाहने वालों की आस्था का सम्मान किया है। “स्वदेशे पूज्यते राजा विद्वान सर्वत्र पूज्यते” इसी उक्ति को उन्होंने चरितार्थ किया था। नागपुर को ही नहीं, देश को विश्व मानचित्र पर सम्मान दिलाने वाले डा. जिचकर की मीडिया की नजर में कोई अहमियत ही नहीं। इतने प्रकांड विद्वान डा. जिचकर के निधन पर एक भी चैनल न श्रद्धांजलि दे पाया, न उनके विस्मयकारी व्यक्तित्व पर विशेष कार्यक्रम प्रसारित किया। यह प्रसार माध्यमों की संवेदनहीनता और पक्षपात का निष्पक्ष उदाहरण है। सेक्स और हिंसा की खबरों में रंग भरने वाला मीडिया, ज्ञान के अपूर्व रंग को पहचान न सका। यह एक राष्ट्रीय भूल है।-इन्दिरा “किसलय”के.टी.पी.एस. कालोनी, कोराडी, नागपुर (महाराष्ट्र)एक महर्षिडा. श्रीकान्त रामचन्द्र जिचकर के बारे में विस्तृत जानकारी मिली। साहित्य पुरोधा, विद्यापारंगत, प्रशासनिक, कर्मशील, विश्वयुवा, प्रतिनिधि, कला निष्णात, वैदिज्ञ अग्निहोत्री, श्रेष्ठ ब्राह्मण, सान्दीपनी, परम्परावाहक आदि से अधिक एक महर्षि क्या होंगे। आशा है भारत का श्रेष्ठ विद्वत समाज ऐसे अतुलनीय व्यक्तित्व को उचित स्थान देगा। अल्पायु में ही ऐसे महाप्राण का महाप्रयाण हृदय को कचोटता है। फिर स्मरण आता है कि सभी महाप्राण आत्माओं ने अल्पावधि में ही नए चोले को धारण किया है। ऐसी पुण्यात्मा के प्रति विनम्र एवं अश्रुपूरित श्रद्धांजलि।-सुधा गुप्ताअध्यक्ष,नगरपालिका परिषद्,उत्तरकाशी (उत्तरांचल)तय हो खर्च की सीमाचर्चा सत्र में सुप्रसिद्ध चिन्तक श्री दत्तोपंत ठेंगडी ने आर्थिक नीतियों के बारे में पूज्य श्री गुरुजी के दृष्टिकोण की एक लम्बी सूची दी है। इसी से पता चला कि पूज्य श्री गुरुजी ने अपव्यय को पाप माना है। पर उल्लेखनीय है कि 8वीं पंचवर्षीय योजना में शासन-प्रशासन का व्यय 8 लाख 60 हजार करोड़ रुपए था तथा कुल योजना 7 लाख 98 हजार करोड़ रुपए की थी। यानी 62 हजार करोड़ रुपए का घाटा। दसवीं पंचवर्षीय योजना में पंचम वेतन आयोग लागू कर शासन-प्रशासन का खर्च बढ़ाकर दुगुना कर दिया गया। शासन प्रजा की रक्षा के लिए है। उसे प्रजा से 16.66 प्रतिशत से अधिक कर लेने का अधिकार नहीं है और लिए गए कर का 10 प्रतिशत स्थापना व्यय तथा 90 प्रतिशत विकास कार्यों में खर्च होना चाहिए। तो क्या श्री ठेंगडी संवैधानिक परिवर्तन की मांग करेंगे, जिसमें शासन और विकास कार्यों के खर्च की सीमा तय कर दी जाए?-भगवत प्रसाद जैनखिरहनी, जबलपुर (म.प्र.)नई सरकार और सिन्धु-दर्शनमई 2004 के अन्तिम सप्ताह में कांग्रेस की अगुवाई में बनी केन्द्र सरकार की पर्यटन मंत्री रेणुका चौधरी का यह वक्तव्य पढ़ने को मिला कि सिन्धु-दर्शन उत्सव भारतीय जनता पार्टी का प्रिय उत्सव होने के बाद भी सरकार इसे जारी रखेगी, क्योंकि सरकार को इससे राजस्व की प्राप्ति होती है। उन्होंने यह भी कहा कि उनका मंत्रालय किसी एक स्थान को प्रोत्साहित करने के बजाय पूरे देश को पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित करना चाहता है। सिन्धु-दर्शन उत्सव भाजपा का भी प्रिय उत्सव हो सकता है, परन्तु सबसे बड़ी बात तो यह है कि सिन्धु नदी सम्पूर्ण भारतीय उपमहाद्वीप के प्राचीनतम इतिहास से जुड़ी है। इस बड़ी बात को न कहकर जब श्रीमती चौधरी ने भारतीय जनता पार्टी का नाम लेकर सिन्धु दर्शन उत्सव को राजनीतिक चश्मे से देखा तो उनकी पर्यटन नीति सम्बंधी गम्भीरता पर सन्देह होना स्वाभाविक था। आश्चर्य की बात तो यह थी कि पर्यटन मंत्रालय ने बिना कोई कारण बताए और बिना कोई पूर्व सूचना दिए सिन्धु-दर्शन उत्सव की तारीखों में फेरबदल कर दिया। उत्सव की तारीखें पहले से 11, 12 एवं 13 जून तय थीं। सरकार ने ये तारीखें बदलकर 18, 19 व 20 जून कर दीं। इस फेरबदल से अनेक तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को झटका लगा। 11, 12 व 13 जून को सिन्धु-दर्शन उत्सव में शामिल होकर 14 या 15 जून को वापसी का कार्यक्रम पहले से ही बना चुके कितने यात्री और पर्यटक हताश हुए, इसका अन्दाजा लेह और जम्मू में एकत्र हुए लोगों की भीड़ से ही लगाया जा सकता था। इसका सीधा प्रभाव पर्यटन मंत्रालय पर पड़ेगा, जिसने अचानक कार्यक्रम की तारीखें बढ़ाकर पर्यटकों को हतोत्साहित किया।पर्यटन मंत्री का यह तर्क कि सिन्धु-दर्शन उत्सव को इसलिए जारी रखा जाएगा, क्योंकि इससे राजस्व की प्राप्ति होगी। यह अपने आप में सत्य तो है, किन्तु यदि वे चाहतीं कि सम्पूर्ण राष्ट्र में एकता और अखण्डता का भाव पैदा हो तथा उनमें राष्ट्रीयता के प्रति अनुराग निर्मित हो, तो वे सिन्धु नदी की ऐतिहासिकता तथा भारत ही नहीं, सारे भारतीय उपमहाद्वीप के सामाजिक एवं सांस्कृतिक जीवन का उसके साथ लगाव का भी उल्लेख करतीं। सिन्धु-नदी का उल्लेख विश्व के आदि ग्रंथ ऋग्वेद में कई बार आया है किन्तु वेद आदि सम्पूर्ण प्राचीन भारतीय वाङ्मय को कांग्रेसनीत सरकार के बड़े घटक वामपंथियों तथा छद्म सेकुलरवादियों ने सदा ही निरर्थक माना है। यदि उनकी चली तो वे कथित “भगवाकरण” के विरोध के नाम पर वैदिक ग्रंथों पर भी प्रतिबंध लगाने में संकोच नहीं करेंगे। कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए यदि ये सेकुलरवादी जमातें किसी घोषित या अघोषित आपातकाल की स्थिति बनाकर कुम्भ मेलों पर भी प्रतिबंध लगा दें।देश की नदियों, पर्वतों और तीर्थस्थलों के प्रति हर भारतीय के मन में निष्ठा उत्पन्न करके मनमोहन सरकार राष्ट्रवाद की भावना को प्रखर कर सकती थी। किन्तु राष्ट्रवाद के प्रतीकों को मात्र राजस्व-उपलब्धि के साधन मानकर उसने भारी भूल की है। रेणुका चौधरी ने मंत्री बनने से पूर्व वेश्यावृत्ति के व्यवसाय को वैधता प्रदान करने की बात कही थी। क्या मंत्री बनने के बाद वे पर्यटन व्यवसाय में उस व्यवसाय को प्रचलित करके राजस्व में वृद्धि करने की कोई योजना बनाएंगी? क्या भारतीय जनमानस उसे स्वीकार करेगा?-डा. बलराम मिश्र8सी/6428-29, आर्य समाज रोडदेवनगर, करोलबाग, नई दिल्ली27

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Congress MP Shashi Tharoor

वादा करना उससे मुकर जाना उनकी फितरत में है, पाकिस्तान के सीजफायर तोड़ने पर बोले शशि थुरुर

तुर्की के सोंगर ड्रोन, चीन की PL-15 मिसाइल : पाकिस्तान ने भारत पर किए इन विदेशी हथियारों से हमले, देखें पूरी रिपोर्ट

मुस्लिम समुदाय की आतंक के खिलाफ आवाज, पाकिस्तान को जवाब देने का वक्त आ गया

प्रतीकात्मक चित्र

मलेरकोटला से पकड़े गए 2 जासूस, पाकिस्तान के लिए कर रहे थे काम

प्रतीकात्मक तस्वीर

बुलंदशहर : पाकिस्तान के समर्थन में पोस्ट करने वाला शहजाद गिरफ्तार

Brahmos Missile

‘आतंकवाद कुत्ते की दुम’… ब्रह्मोस की ताकत क्या है पाकिस्तान से पूछ लीजिए- CM योगी

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

Congress MP Shashi Tharoor

वादा करना उससे मुकर जाना उनकी फितरत में है, पाकिस्तान के सीजफायर तोड़ने पर बोले शशि थुरुर

तुर्की के सोंगर ड्रोन, चीन की PL-15 मिसाइल : पाकिस्तान ने भारत पर किए इन विदेशी हथियारों से हमले, देखें पूरी रिपोर्ट

मुस्लिम समुदाय की आतंक के खिलाफ आवाज, पाकिस्तान को जवाब देने का वक्त आ गया

प्रतीकात्मक चित्र

मलेरकोटला से पकड़े गए 2 जासूस, पाकिस्तान के लिए कर रहे थे काम

प्रतीकात्मक तस्वीर

बुलंदशहर : पाकिस्तान के समर्थन में पोस्ट करने वाला शहजाद गिरफ्तार

Brahmos Missile

‘आतंकवाद कुत्ते की दुम’… ब्रह्मोस की ताकत क्या है पाकिस्तान से पूछ लीजिए- CM योगी

रिहायशी इलाकों में पाकिस्तान की ओर से की जा रही गालीबारी में क्षतिग्रस्त घर

संभल जाए ‘आतंकिस्तान’!

Operation sindoor

ऑपरेशन सिंदूर’ अभी भी जारी, वायुसेना ने दिया बड़ा अपडेट

Operation Sindoor Rajnath SIngh Pakistan

Operation Sindoor: भारत की सेना की धमक रावलपिंडी तक सुनी गई: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

Uttarakhand RSS

उत्तराखंड: संघ शताब्दी वर्ष की तैयारियां शुरू, 6000+ स्वयंसेवकों का एकत्रीकरण

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies