पुस्तक समीक्षानई पीढ़ी तक रामकथापुस्तक का नाम यथार्थ रामायणसम्पादन व संक्षेपण कर्ता डा. सीतेश आलोकपृष
July 13, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

पुस्तक समीक्षानई पीढ़ी तक रामकथापुस्तक का नाम यथार्थ रामायणसम्पादन व संक्षेपण कर्ता डा. सीतेश आलोकपृष

by
Nov 7, 2004, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 07 Nov 2004 00:00:00

पुस्तक समीक्षानई पीढ़ी तक रामकथापुस्तक का नाम यथार्थ रामायणसम्पादन व संक्षेपण कर्ता डा. सीतेश आलोकपृष्ठ संख्या 500मूल्य 500 रु.प्रकाशक मेधा बुक्स, एक्स-2, नवीनशाहदरा, दिल्ली-110032रामायण और महाभारत की कथाएं सदियों से साहित्यकारों को अपने-अपने ढंग से आकर्षित करती रही हैं, क्योंकि ये दो कथाएं भारतीय संस्कृति, सभ्यता और इतिहास के मूलाधार हैं। इसलिए जागरूक और दूरद्रष्टा साहित्यकार इन कथाओं को अगली पीढ़ी तक पहुंचाने में सार्थकता का अनुभव करता है। कोई इन्हें नए संदर्भों से जोड़कर आधुनिक मुहावरे और आधुनिक बोध के साथ व्याख्यायित करता है; तो कोई इनसे जुड़ी भिन्न-भिन्न कथाओं पर शोध कर अपनी टिप्पणियों और विचारों के साथ इन्हें नए सिरे से प्रस्तुत करता है; और इन कथाओं को सम्पादित कर संक्षिप्त और सरल रूप में हमारे सामने लाता है ताकि सार-रूप में ही सही, इन कथाओं से परिचित अवश्य हो सकें। ऐसे सभी प्रयासों का अपना-अपना वैशिष्ट और महत्व है।डा. सीतेश आलोक ने महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित “रामायण” का सम्पादन-संक्षेपण कर इसे “यथार्थ रामायण” के रूप में प्रस्तुत किया है। सीमित पृष्ठों के भीतर उन्होंने इस महाकाव्य को बड़े ही सरल, सहज और रोचक ढंग से समेटा है। इतनी विस्तृत कथा को इतने कम शब्दों में रखना वह भी मूल कथानक को बिना छेड़े वास्तव में श्रम्ा-साध्य और असाधारण कार्य है। इससे पहले भी डा. सीतेश का ऐसा महत्वपूर्ण कार्य हमारे सामने आया है- “रामचरितमानस” के संक्षिप्त रूप “मानस-मंगल” की शक्ल में।इस ग्रंथ के संक्षेपण-सम्पादन की आवश्यकता पर डा. सीतेश का कहना है- “ऐसा नहीं है कि हिन्दी में रामायण के संक्षिप्त संस्करण उपलब्ध नहीं हैं… अनेक हैं, किन्तु उन सब में मूलत: वाल्मीकि की रामकथा को अपनी भाषा में कहने का प्रयास है। ऐसी शैली में महत्व रामकथा को ही प्राप्त होता है… और वाल्मीकि रामायण की ऐतिहासिकता एवं धार्मिक-सामाजिक प्रासांगिकता परोक्ष में चली जाती है। …इस संक्षेपण में मूल रूप से मेरा प्रयास रहा है कि ग्रंथ की प्रामाणिकता और उसके मनोरथ को क्षति पहुंचाए बिना, केवल वे ही अंश हटाए जाएं जो कहीं पुनरावृति तो कहीं अनावश्यक विस्तार द्वारा रामायण को उसका वृहत् आकार प्रदान करते हैं। … इस प्रकार वाल्मीकि रामायण के मूल कथानक एवं उपक्रम में कोई अन्तर नहीं आया है।पुस्तक पढ़ते समय उपरोक्त सभी बातें खरी उतरती लगती हैं। लेखक ने पूरी कथा का इस कौशल के साथ सम्पादन किया है कि कहीं भी कथा टूटती सी नहीं लगती। कहीं-कहीं तो उन्होंने प्रसंगों को इस प्रकार जोड़ा है कि कथा और भी अधिक रोचक और प्रभावी बन पड़ी है। ऐसा उन्होंने कथा में आईं अनावश्यक पुनरावृत्ति और अन्तर कथाओं को हटाकर किया है। कथा में उन्होंने इस प्रकार से “समरसता” पैदा की है कि पूरी पुस्तक को आप एक रोचक उपन्यास की तरह पढ़ सकते हैं।लेखक चूंकि स्वयं एक प्रतिष्ठित कवि एवं कथाकार हैं, अत: उनका लेखकीय कौशल भी इन अनुवादों में स्पष्ट झलकता है। इस प्रकार के सम्पादन, संक्षेपण का मूल उद्देश्य रामायण की कथा को आम लोगों तक खासकर नई पीढ़ी तक पहुंचाना है, जो अपनी रोजमर्रा की व्यस्तताओं और भागदौड़ के कारण बड़े-बड़े ग्रन्थ पढ़ने का न तो समय निकाल पाते हैं और न ही साहस जुटा पाते हैं।ऐसी स्तरीय पुस्तकें भारत के पाठकों तक ही सीमित न रहकर प्रवासी भारतीयों तक भी पहुंच पाएं तो इनकी सार्थकता और बढ़ेगी। अपनी धरोहर को सहेजकर रखने वाले ऐसे प्रयास अभिनंदनीय तो हैं ही, प्रचारित-प्रसारित करने योग्य भी हैं। कम मूल्य के “पेपर-बैक” संस्करण निकालकर प्रकाशक व वितरक इसमें अहम भूमिका निभा सकते हैं।-नरेश शांडिल्य24

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

गजवा-ए-हिंद की सोच भर है ‘छांगुर’! : जलालुद्दीन से अनवर तक भरे पड़े हैं कन्वर्जन एजेंट

18 खातों में 68 करोड़ : छांगुर के खातों में भर-भर कर पैसा, ED को मिले बाहरी फंडिंग के सुराग

बालासोर कॉलेज की छात्रा ने यौन उत्पीड़न से तंग आकर खुद को लगाई आग: राष्ट्रीय महिला आयोग ने लिया संज्ञान

इंटरनेट के बिना PF बैलेंस कैसे देखें

EPF नियमों में बड़ा बदलाव: घर खरीदना, इलाज या शादी अब PF से पैसा निकालना हुआ आसान

Indian army drone strike in myanmar

म्यांमार में ULFA-I और NSCN-K के ठिकानों पर भारतीय सेना का बड़ा ड्रोन ऑपरेशन

PM Kisan Yojana

PM Kisan Yojana: इस दिन आपके खाते में आएगी 20वीं किस्त

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

गजवा-ए-हिंद की सोच भर है ‘छांगुर’! : जलालुद्दीन से अनवर तक भरे पड़े हैं कन्वर्जन एजेंट

18 खातों में 68 करोड़ : छांगुर के खातों में भर-भर कर पैसा, ED को मिले बाहरी फंडिंग के सुराग

बालासोर कॉलेज की छात्रा ने यौन उत्पीड़न से तंग आकर खुद को लगाई आग: राष्ट्रीय महिला आयोग ने लिया संज्ञान

इंटरनेट के बिना PF बैलेंस कैसे देखें

EPF नियमों में बड़ा बदलाव: घर खरीदना, इलाज या शादी अब PF से पैसा निकालना हुआ आसान

Indian army drone strike in myanmar

म्यांमार में ULFA-I और NSCN-K के ठिकानों पर भारतीय सेना का बड़ा ड्रोन ऑपरेशन

PM Kisan Yojana

PM Kisan Yojana: इस दिन आपके खाते में आएगी 20वीं किस्त

FBI Anti Khalistan operation

कैलिफोर्निया में खालिस्तानी नेटवर्क पर FBI की कार्रवाई, NIA का वांछित आतंकी पकड़ा गया

Bihar Voter Verification EC Voter list

Bihar Voter Verification: EC का खुलासा, वोटर लिस्ट में बांग्लादेश, म्यांमार और नेपाल के घुसपैठिए

प्रसार भारती और HAI के बीच समझौता, अब DD Sports और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर दिखेगा हैंडबॉल

वैष्णो देवी यात्रा की सुरक्षा में सेंध: बिना वैध दस्तावेजों के बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies