|
सिंहस्थ महापर्व की प्रमुख गतिविधि होती है साधु-संतों के दर्शन और सत्संग तथा प्रमुख तिथियों में क्षिप्रा नदी में स्नान। साधु समाज के अखाड़ों की अपनी एक प्राचीन व्यवस्था है।इन सभी धार्मिक अखाड़ों का एकत्र होना विशेष तिथियों पर अपने झण्डे-निशान के साथ स्नान करना तथा मास भर धार्मिक गतिविधियों जैसे प्रवचन, यज्ञ, भजन कीर्तन, स्वाध्याय, इस समूची जीवन शैली का नाम सिंहस्थ है।सिंहस्थ मेला प्रशासन द्वारा परम्परानुसार इस बार भी साधु-सन्तों व उनके अखाड़ों को पर्याप्त भूमि के साथ-साथ विद्युत व पेयजल भी नि:शुल्क उपलब्ध कराया जा रहा है। परम्परानुसार देश के विख्यात साधु समाज के 13 अखाड़े इस सिंहस्थ में भी धर्मपरायणजन के पुण्यलाभ के लिए उज्जैन आ रहे हैं।जो प्रमुख अखाड़े तथा साधु समाज के प्रतिनिधि इस महापर्व के लिए आए हैं, उनमें श्री पंचायती तपोनिधि निरंजनी अखाड़ा, श्री पंचायती आनन्द अखाड़ा, श्री दशनाम जूना अखाड़ा, श्री पंच दशनामी आह्वान अखाड़ा, श्री अग्नि अखाड़ा, श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़ा, श्री पंच अटल अखाड़ा, श्री पंचायती बड़ा उदासीन अखाड़ा, श्री पंचायती उदासीन नया अखाड़ा, श्री पंचायती निर्मल अखाड़ा, श्री पंच रामानन्दीय निर्वाणी अनि अखाड़ा, श्री पंच दिगम्बर अनि अखाड़ा, श्री पंच रामानन्दीय निर्मोही अनि अखाड़ा हैं।14
टिप्पणियाँ