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-मनोहरलाल कम्पानी, भूतपूर्व राज्यपाल, अंदमान व निकोबार द्वीप समूह
स्वामी विवेकानन्द के 140वें जन्मदिवस के उपलक्ष्य में विवेकानन्द केन्द्र, कन्याकुमारी की दिल्ली शाखा द्वारा गत दिनों नई दिल्ली के भारतीय लोक प्रशासन संस्थान सभागार में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर स्वामी विवेकानन्द के जीवन पर आधारित एक चित्र प्रदर्शनी भी लगाई गई।
कार्यक्रम में अंदमान व निकोबार द्वीपसमूह के पूर्व राज्यपाल श्री मनोहर लाल कम्पानी ने बताया कि कन्याकुमारी स्थित विवेकानन्द शिला स्मारक के निर्माण के लिए लोगों ने अपनी सामथ्र्यानुसार सहयोग दिया। जिस समय पूर्वोत्तर में यह भावना चल रही थी कि शेष भारत हमारे साथ नहीं है, उस माहौल में भी वहां के राष्ट्रवादी भावना रखने वाले लोगों ने शिला स्मारक के निर्माण में अपना सहयोग दिया। उन्होंने कहा कि आज के युवाओं को स्वामी विवेकानन्द को आदर्श मानकर अपने भीतर आत्मवि·श्वास का भाव विकसित करना चाहिए।
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद् की मूल्यपरक शिक्षा अकादमी के संकायाध्यक्ष प्रो. डी.के. भट्टाचार्य ने कहा कि विद्यार्थियों को अपने स्वर्णिम इतिहास से अवगत कराना हमारी जिम्मेदारी है। उनमें सर्वधर्म समभाव की भावना विकसित होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि व्यक्तित्व निर्माण के लिए अध्यात्म का भाव एक अत्यन्त महत्वपूर्ण सीढ़ी है। स्वामी विवेकानन्द ने भी कहा है कि सम्पूर्ण ज्ञान हमारे भीतर ही है, आवश्यकता है तो बस उसे पहचानने की।
कार्यक्रम में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अलावा 12 जनवरी को विवेकानन्द केन्द्र द्वारा 66 विद्यालयों में आयोजित प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार भी प्रदान किए गए।
द प्रतिनिधि
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