चर्चा सत्र वीर स्वयंसेवकों के सम्मान पर
May 11, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

चर्चा सत्र वीर स्वयंसेवकों के सम्मान पर

by
Sep 2, 2003, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 02 Sep 2003 00:00:00

कम्युनिस्टों की भौंहे क्यों तनीं?द विजय कुमार मल्होत्रासांसद, वरिष्ठ भाजपा नेता एवं अखिल भारतीय खेल परिषद् (स्तर-केन्द्रीय मंत्री) के अध्यक्ष श्री विजय कुमार मल्होत्रा भारत विभाजन के समय पाकिस्तानी क्षेत्र में घटी ह्मदयविदारक घटनाओं के साक्षी रहे हैं। संघ के स्वयंसेवक के नाते उन्होंने भी लाहौर में हिन्दुओं और सिखों के जान-माल की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी। गत 29 जनवरी को अमृतसर में आयोजित शौर्य स्मृति समारोह के संदर्भ में उन्होंने कुछ ऐसी कारुणिक घटनाओं को लिपिबद्ध किया है, जिनमें संघ के स्वयंसेवकों ने अपनी वीरता का परिचय देते हुए हिन्दुओं और सिखों की रक्षा की थी। -सं.29 जनवरी को अमृतसर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने लगभग 600 ऐसे स्वयंसेवकों का सम्मान किया है, जिन्होंने भारत विभाजन के समय आज के पाकिस्तानी क्षेत्र में पाकिस्तानी गुंडों, मुस्लिम लीग व पाकिस्तानी पुलिस की मिलीभगत से किए जा रहे योजनाबद्ध भीषण नरसंहार से हिन्दुओं और सिखों को बचाने में अपने प्राण दिए या विलक्षण वीरता का परिचय दिया। यह समारोह तो प्रतिवर्ष किया जाना चाहिए था। परन्तु विडम्बना देखिए, कांग्रेस, कम्युनिस्ट व कुछ हिन्दू विरोधी तत्वों ने इस सम्मान समारोह का विरोध किया। वे इसी कम्युनिस्ट पार्टी के लोग थे, जिन्होंने पाकिस्तान बनाने की वकालत की थी, बाकायदा पाकिस्तान के पक्ष में प्रस्ताव पारित किया था। और जब पाकिस्तान बनने लगा और नरसंहार शुरू हुआ तो कम्युनिस्ट नेता पहले ही वहां से भागकर हिन्दुस्थान आ गए थे। एक भी कांग्रेसी या कम्युनिस्ट नेता नहीं था जो हिंसा के उस तांडव में हिन्दुओं और सिखों की रक्षा करता।1947 में जब पाकिस्तान का बनना निश्चित हो गया था, तब सांप्रदायिक दंगे पराकाष्ठा पर पहुंच गए थे। मुस्लिम लीगी गुंडे पुलिस की सहायता से हिन्दुओं का नरसंहार कर रहे थे। जिन कस्बों, शहरों, गांवों में हिन्दू, सिख अल्पमत में थे, वहां उन पर बराबर हमले हो रहे थे। ऐसे स्थानों पर संघ के स्वयंसेवकों ने मोर्चाबन्दी की और हमलावरों को मार भगाया।उस समय फगवाड़ा में संघ का संघ शिक्षा वर्ग लगा था। वर्ग 20 अगस्त को समाप्त होना था। उस वर्ग में पश्चिमी पंजाब के लगभग तीन हजार स्वयंसेवक प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे थे। स्थिति की गंभीरता को पहचानते हुए 9 अगस्त को ही वर्ग समाप्त कर दिया गया और सभी स्वयंसेवक रेलगाड़ी और बसों से अपने-अपने शहरों को रवाना हो गए।लाहौर स्टेशन पर उतरते ही दिल दहल गया। प्लेटफार्म पूरी तरह रक्तरंजित था। रावलपिंडी और स्यालकोट से आने वाली गाड़ियों को रास्ते में रोककर हिन्दुओं और सिखों को काट डाला गया था। स्टेशन पर डोगरा रेजीमेंट के कुछ जवान तैनात थे। अत: स्टेशन से हम लोग सकुशल निकले। तांगे वाले प्राय: सभी मुसलमान थे। इसलिए हम लोग पैदल ही अपने-अपने घरों को गए। मेरा घर ग्वालमंडी में था। परिवार के लोग घर छोड़कर जा चुके थे। रात को छत पर गया तो देखा कि लाहौर धू-धू कर जल रहा था। अगले दिन शाम को हम लोग संघ की शाखा में इकट्ठे हुए। निस्बत रोड, जो अधिक सुरक्षित क्षेत्र था, वहां पर एक स्वयंसेवक के यहां शिविर लगाने का फैसला हुआ। वहीं पता चला कि डी.ए.वी. कालेज, लाहौर में संघ की ओर से केन्द्रीय शिविर लगाया गया है। मुझे तुरंत वहां पहुंचने का आदेश मिला। मैं 14 अगस्त को उस शिविर में पहुंचा। सुबह से ही हिन्दू किसी न किसी तरह वहां पहुंच रहे थे। सुरक्षा के लिए वहां डोगरा रेजीमेंट के सैनिक तैनात थे। उनके पास जीपें और ट्रक थे। वहां संघ के स्वयंसेवक शरणार्थियों के लिए भोजन बनाने व घायलों की चिकित्सा करने में व्यस्त थे तथा उन्हें सैनिकों के पहरे में रेलवे स्टेशन पहुंचा रहे थे। लाहौर मेडिकल कालेज के अनेक छात्र व प्राध्यापक स्वयंसेवक थे, उनमें से लगभग 20 स्वयंसेवक उस शिविर में दिन-रात घायलों की चिकित्सा कर रहे थे। उनके साथ महिला चिकित्सकों का भी एक दल था।जिस-जिस क्षेत्र में हिन्दुओं के फंसे होने की खबर मिलती थी उस क्षेत्र में सेना के जवानों की देखरेख में स्वयंसेवक निकलते और वहां से लोगों को निकाल कर डी.ए.वी. कालेज में पहुंचाते। एक दिन हमलोग दिनभर लोगों को निकाल कर सायंकाल कालेज पहुंचे तो पता चला कि शहालमी की ओर गई एक जीप सेना की जीप से अलग हो गई और वापस नहीं लौटी। उस जीप में 6 स्वयंसेवक थे। सेना की जीप ने उसे बहुत ढूंढा पर उनका पता नहीं चला। आधी रात को एक स्वयंसेवक पैदल वापस शिविर में पहुंचा तो उसने रौंगटे खड़े कर देने वाली दास्तान सुनाई। उसने बताया कि वह जीप तीसरी बार लोगों को निकाल कर आ रही थी तो सेना की जीप से बिछुड़ गई। कुछ आगे जाने पर पाकिस्तान पुलिस ने उस जीप को रोक लिया। तलाशी लेने पर जीप में कपड़ों के नीचे एक राइफल उन्हें मिल गई। पुलिस वाले जीप में सवार स्वयंसेवकों को गिरफ्तार कर थाने ले गए। जब पुलिस वालों को स्वयंसेवकों से कुछ भेद नहीं मिला तो वे उनके हाथ बांधकर एक नाले के पास ले गए और वहां सबको नाले के ऊपर खड़ा कर गोलियों से भून दिया। किन्तु यह किशोर स्वयंसेवक गोली लगने से पूर्व ही बेहोश हो गया और पुलिस वाले उसे मरा हुआ समझ कर चले गए। रात को उसे होश आया तो वह किसी तरह डी.ए.वी. कालेज पहुंचा। उसी समय सेना की एक जीप के साथ कुछ स्वयंसेवक उस स्थान पर गए, परन्तु वहां लाशें नहीं मिलीं। दूसरी ओर नरसंहार की लोमहर्षक घटनाओं की सूचनाएं निरन्तर आ रही थीं। जबकि प्राय: सभी शहरों, कस्बों व बड़े गांवों में गुरुद्वारों को किले बनाकर स्वयंसेवकों और सिख युवकों ने सैनिक सहायता पहुंचने तक हमलावरों का अन्तिम दम तक मुकाबला किया। अन्तिम गोली तक मोर्चा नहीं छोड़ा। सैकड़ों महिलाओं ने कुंओं में छलांग लगाकर या आग में जलकर सामूहिक प्राण दिए। विभाजन के महीनों बाद तक वेश बदलकर और मुसलमान बनकर स्वयंसेवक अपह्मत हिन्दू, सिख महिलाओं का पता लगाने के लिए पाकिस्तान के भीतरी क्षेत्रों में जाकर खोजबीन करते थे और पता लगने पर उस क्षेत्र में तैनात भारतीय सैनिकों को सूचना देते थे। ऐसा करते हुए भी अनेक स्वयंसेवक पकड़े गए और मारे गए।15 अगस्त, 1947 को जब दिल्ली नववधू की तरह सजी थी, शहर जगमगा रहा था, दीपमाला हो रही थी, उत्सव जैसा माहौल था, ठीक उसी समय लाखों लोग पाकिस्तान से भारत की ओर पलायन कर रहे थे। काफिलों पर जगह-जगह हमले होते थे, लूटमार होती थी। युवतियों का अपहरण होता था। संघ के स्वयंसेवक सेना के जवानों के साथ मिलकर काफिलों की रक्षा करने की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। इस समय भी अनेक स्वयंसेवक शहीद हुए और कुछ घायल हुए। विभाजन के पश्चात् कांग्रेसी नेता और संघ से बाहर के सामाजिक कार्यकर्ता स्वीकार करते थे कि यदि संघ के स्वयंसेवक न होते तो लाखों लोग और मरते। उस समय लोग कहा करते थे कि जो लोग भी बच कर आए हैं, वे संघ की कृपा से ही बच पाए हैं। यदि संघ ने अपने ऐसे वीर स्वयंसेवकों का सम्मान करने का कार्यक्रम किया है तो उसका विरोध और आलोचना क्या कृतघ्नता की पराकाष्ठा नहीं है?4

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

पद्मश्री वैज्ञानिक अय्यप्पन का कावेरी नदी में तैरता मिला शव, 7 मई से थे लापता

प्रतीकात्मक तस्वीर

घर वापसी: इस्लाम त्यागकर अपनाया सनातन धर्म, घर वापसी कर नाम रखा “सिंदूर”

पाकिस्तानी हमले में मलबा बनी इमारत

दुस्साहस को किया चित

पंजाब में पकड़े गए पाकिस्तानी जासूस : गजाला और यमीन मोहम्मद ने दुश्मनों को दी सेना की खुफिया जानकारी

India Pakistan Ceasefire News Live: ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य आतंकवादियों का सफाया करना था, DGMO राजीव घई

Congress MP Shashi Tharoor

वादा करना उससे मुकर जाना उनकी फितरत में है, पाकिस्तान के सीजफायर तोड़ने पर बोले शशि थरूर

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

पद्मश्री वैज्ञानिक अय्यप्पन का कावेरी नदी में तैरता मिला शव, 7 मई से थे लापता

प्रतीकात्मक तस्वीर

घर वापसी: इस्लाम त्यागकर अपनाया सनातन धर्म, घर वापसी कर नाम रखा “सिंदूर”

पाकिस्तानी हमले में मलबा बनी इमारत

दुस्साहस को किया चित

पंजाब में पकड़े गए पाकिस्तानी जासूस : गजाला और यमीन मोहम्मद ने दुश्मनों को दी सेना की खुफिया जानकारी

India Pakistan Ceasefire News Live: ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य आतंकवादियों का सफाया करना था, DGMO राजीव घई

Congress MP Shashi Tharoor

वादा करना उससे मुकर जाना उनकी फितरत में है, पाकिस्तान के सीजफायर तोड़ने पर बोले शशि थरूर

तुर्की के सोंगर ड्रोन, चीन की PL-15 मिसाइल : पाकिस्तान ने भारत पर किए इन विदेशी हथियारों से हमले, देखें पूरी रिपोर्ट

मुस्लिम समुदाय की आतंक के खिलाफ आवाज, पाकिस्तान को जवाब देने का वक्त आ गया

प्रतीकात्मक चित्र

मलेरकोटला से पकड़े गए 2 जासूस, पाकिस्तान के लिए कर रहे थे काम

प्रतीकात्मक तस्वीर

बुलंदशहर : पाकिस्तान के समर्थन में पोस्ट करने वाला शहजाद गिरफ्तार

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies