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आत्म प्रबंधनप्रकृति और संस्कृति से हटकर मनुष्य विकृति में जी रहा है। मनुष्य का शरीर तो स्वर्णाभा से युक्त है, पर चरित्र का स्तर गिर रहा है। यह इस भौतिकतावादी युग की भयंकर त्रासदी है। इस त्रासदी से मुक्ति का मार्ग दिखाती है गुजरात में गांधीनगर स्थित प्रेक्षा विश्व भारती।इस संस्थान का सुरम्य एवं प्राकृतिक वातावरण लोगों को ध्यान एवं योग के लिए आकर्षित करता है। यहां एक विशाल पिरामिड आकार का सभागार है, जिसमें सैकड़ों लोग एक साथ बैठकर ध्यान कर सकते हैं। संस्थान का मूल उद्देश्य है मनुष्य में सुप्त नैतिक मूल्यों को जगाना। यहां मुनिश्री किशनलाल जी के सान्निध्य में व्यक्तित्व विकास, स्मृति विकास, कार्यक्षमता विकास, तनाव प्रबंधन, समय प्रबंधन, स्व प्रबंधन, कार्य प्रबंधन, क्रोध प्रबंधन, स्वभाव प्रबंधन, आहार प्रबंधन, नशा प्रबंधन, निद्रा प्रबंधन, परिवार प्रबंधन, विचार प्रबंधन आदि विषयों पर शिविरों का आयोजन होता है। कोई भी व्यक्ति इन शिविरों में भाग लेकर अपने व्यक्तित्व एवं कृतित्व को सजा-संवार सकता है। श्री जैन ·श्वेताम्बर तेरापंथी सभा द्वारा संचालित प्रेक्षा वि·श्व भारती आज असंख्य लोगों का श्रद्धा-केन्द्र बन चुकी है।संस्थान से सम्पर्क करने का पता है-प्रेक्षा विश्व भारतीकोबा पाटियाकोबा, गांधीनगर-382009 (गुजरात)दूरभाष-079-3276271, 72द प्रतिनिधि8
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