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गठजोड़ की राजनीति?विधानसभा चुनाव परिणामों के पश्चात् उत्तर प्रदेश की तरह मणिपुर में भी अब तक अनिश्चय की स्थिति बनी हुई है। हालांकि कांग्रेसनीत चार दलीय सेकुलर प्रोग्रेसिव फ्रंट ने इन चुनावों में सर्वाधिक 33 सीटें हासिल की हैं। कुल 60 सदस्यीय विधानसभा में 20 सीटें जीत कर कांग्रेस सबसे बड़े दल के रूप में उभरी है। प्रोग्रेसिव फ्रंट केअन्य सदस्यों में मणिपुर स्टेट कांग्रेस पार्टी को 7, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी को 5 तथा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को 3 सीटें मिली हैं।मुख्यमंत्री पद के लिए कांग्रेस अध्यक्ष ओकराम इबोबी सिंह के नाम पर लगभग सहमति बन गई है। इबोबी सिंह ने राज्यपाल वेद मारवाह के समक्ष राज्य में सरकार बनाने का दावा प्रस्तुत भी कर दिया है। साथ ही इबोबी सिंह ने अपने 33 समर्थकों की सूची भी राज्यपाल को सौंपी है। दूसरी ओर राज्यपाल का कहना है कि कांग्रेस नीत मोर्चे की सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करने से पूर्व वे स्थिति का अवलोकन करेंगे।उल्लेखनीय है कि मणिपुर के इन विधानसभा चुनावों में वरिष्ठ भाजपा नेता और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री आर.के. दोरेन्द्र सिंह ने यसीकुल विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार ई.कुंजेस्वर सिंह को 1144 मतों से पराजित किया है। जबकि समता पार्टी के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री श्री राधा विनोद कोईजाम को थंगमेबंद विधानसभा सीट पर पराजय का सामना करना पड़ा है। कुल मिलाकर मणिपुर में भी गठबंधन सरकार बनने के ही आसार हैं। द प्रतिनिधिमणिपुरकुल सीटें ……………………..60कांग्रेस ………………………..20भाजपा ……………………….04समता पार्टी …………………..03राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ………..03भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ……..05फेडरल पार्टी आफ मणिपुर …13मणिपुर पीपुल्स पार्टी …………02मणिपुर स्टेट कांग्रेस पार्टी …….07डेमोक्रेटिक पीपुल्स पार्टी ……..02मणिपुर नेशनल कान्फ्रेंस ……..0125
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