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हम तो चाहते हैं कि ये तमाम शंकाएं झूठी साबित हों लेकिन जो अब तक दिख रहा है, वह आने वाले दिनों के बारे में आशंकाएं पैदा तो करता ही है। जैसे देखना होगा कि शरद यादव क्या भूमिका निभाते हैं? क्या वे अनुशासन में रह पाएंगे? उनकी मांग क्या होगी ताकि वे संतुष्ट रहें? ममता बनर्जी ने तो कहा था कि इस बार वह सरकार में शामिल होंगी। ममता से ज्यादा परेशानी की आशंकाएं नहीं हैं। लेकिन कर्नाटक में शामिल जद (यूनाइटेड) अभी से सरदर्द बनने के संकेत दे रहा है। वहां विधानसभा के चुनाव भी हुए थे और परिणाम अभी घोषित नहीं हुए हैं पर राजग में शामिल जद घटक ने मांग की है कि केन्द्र में वे अटल बिहारी वाजपेयी का समर्थन कर रहे हैं, इसलिए कर्नाटक विधानसभा में यदि भाजपा को भी बहुमत मिलता है तो भी वह जनता दल का मुख्यमंत्री बनाए। इस मांग का करारा जवाब देते हुए भाजपा के तेज-तर्रार युवा नेता श्री अनंत कुमार ने न सिर्फ इस मांग को आधारहीन और व्यर्थ बताया बल्कि घोषित भी कर दिया कि विधानसभा में बहुमत की स्थिति में केवल भाजपा का ही मुख्यमंत्री बनेगा और मुख्यमंत्री होंगे भाजपा के लोकमान्य नेता श्री येडीयुरप्पा। बिहार में समता और भाजपा को कितनी सीटें मिलती हैं यह उनके आपसी सौमनस्य पर निर्भर करेगा। इस राजनीतिक कसरत के लिए भी भाजपा नेतृत्व को तैयार रहना होगा। अभी तक भाजपा नेतृत्व अपने राजग गठबंधन के अन्य सहयोगियों के सामने अनावश्यक रूप से झुकने वाली स्थिति में रहा है। इस बार देश में भाजपा के प्रति सर्वाधिक समर्थन का माहौल था। पर भाजपा ने अपने बूते पर अकेले ही बहुमत प्राप्त करने का प्रयास क्यों नहीं किया? क्योंकि भाजपा सबको साथ लेकर चली थी, इसलिए सुख-दुख में भी सबको साथ लेकर चलना है यह सदाशयता इसके पीछे रही। देखना है यह सदाशयता उसे सुफल देती है या सरदर्द। द प्रतिनिधि तलपट
संयुक्त राज्य अमरीका की कांग्रेस के पुस्तकालय में 17,239 पुस्तकें जीसस क्राइस्ट (प्रभु यीशु) पर हैं। इन पुस्तकों में उनकी शिक्षाएं, उनका जीवन चरित्र तथा उनके व्यक्तित्व और दिव्यत्व के बारे में लिखा है।
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