दिल्ली में भारतीय मजदूर संघ की 'मजदूर बचाओ-देश बचाओ' ऐतिहासिक रैली में उमड़ा
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दिल्ली में भारतीय मजदूर संघ की 'मजदूर बचाओ–देश बचाओ' ऐतिहासिक रैली में उमड़ा
रैली में मजदूर विरोधी नीतियों के विरुद्ध संसद मार्ग पर एकत्र कर्मचारी-मजदूरों का विशाल जनसमूह
तरुण सिसोदिया
दिल्ली की सड़कों पर गत 23 नवंबर को बड़ी संख्या में लोग 'मजदूर बचाओ-देश बचाओ' एवं केन्द्र सरकार विरोधी नारे लगाते हुए उमड़ पड़े। राजघाट, लालकिला, करोल बाग, रामलीला मैदान आदि स्थानों की सड़कों पर मानो जन सैलाब उमड़ आया हो। दरअसल यह लोग देश के अलग-अलग राज्यों में कार्यरत कर्मचारी थे, जोकि सबसे बड़े अखिल भारतीय मजदूर संगठन 'भारतीय मजदूर संघ' की रैली में सम्मिलित होने के लिए दिल्ली पहुंचे थे। भिन्न-भिन्न स्थानों पर सरकार विरोधी नारे लगाते हुए यह विशाल जनसमूह संसद मार्ग पर पहुंचा, जहां भारतीय मजदूर संघ की एक विराट सभा आयोजित हुई।
'मजदूर बचाओ-देश बचाओ' नामक भारतीय मजदूर संघ की रैली में देश के लगभग हर राज्य से आए कर्मचारी सम्मिलित हुए। इनमें महिला कर्मचारियों की तादाद भी अच्छी-खासी थी। यहां देशभर से आए मजदूरों ने भारत सरकार से मजदूर विरोधी नीतियां बन्द करने, महंगाई पर रोक लगाने, भ्रष्टाचार समाप्त करने, विदेशों में जमा कालाधन वापस लाने, ठेकेदारी प्रथा बंद करने, रिक्त पदों पर नियुक्तियां करने, आंगनवाड़ी व आशाकर्मियों को नियमित करने, न्यूनतम व अधिकतम वेतन विषमता कम करने आदि की मांग की।
रैली को संबोधित करते हुए भारतीय मजदूर संघ के महामंत्री श्री बैजनाथ राय ने कहा कि देश में परिवर्तन हेतु सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं आध्यात्मिक गुरुओं द्वारा विभिन्न प्रकार के आंदोलन चलाए जा रहे हैं। हम उन प्रयासों का सम्मान करते हैं, लेकिन इतिहास गवाह है कि देश में जब भी कोई परिवर्तन आया, वह मजदूरों की शक्ति के बल पर ही आया। और आगे भी यदि कोई परिवर्तन आएगा तो वह मजदूरों की शक्ति के बल पर ही आएगा। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार और कालेधन का मुख्य कारण अधिकतम आय है, क्योंकि अधिकतम आय पर रोक नहीं है। अधिकतम आय निश्चित होने से यह समस्या बहुत हद तक कम हो सकती है। इस संबंध में सरकार को पहल करने की जरूरत है। साथ ही न्यूनतम आय भी तय करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि न्यूनतम आय 10 हजार रुपए होनी चाहिए। श्री राय ने कहा कि देश में कानूनों का पालन नहीं होता, यदि कानूनों का पालन होने लगे तो देश से भुखमरी समाप्त हो जाएगी।
रैली के संबंध में बोलते हुए श्री राय ने कहा कि हमने जितनी बड़ी रैली की कल्पना की थी, यह उससे कहीं अधिक बड़ी है। उन्होंने कहा कि देश के कोने-कोने से यहां एकत्र हुए मजदूर रेलवे को 2 करोड़, 81 लाख रुपए से अधिक का किराया देकर पहुंचे हैं। यह हमारे लिए बहुत गर्व की बात है। श्री राय ने कहा कि सरकार भ्रष्टाचार कर सकती है, लेकिन भारतीय मजदूर संघ भ्रष्टाचार नहीं कर सकता, इसका प्रमाण रेलवे को दिया गया यह पैसा है।
भारतीय मजदूर संघ के उपाध्यक्ष श्री बसंत कुमार राय ने कहा कि मजदूर संघ बहुत पहले से वैश्वीकरण, उदारीकरण एवं निजीकरण का विरोध कर रहा है। केन्द्र सरकार पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि मनमोहन सरकार ने भ्रष्टाचार का राष्ट्रीयकरण कर दिया है।
मजदूरों की सरकार से प्रमुख मांगें
l मजदूर विरोधी नीतियां बन्द हों
l महंगाई पर रोक लगे
l भ्रष्टाचार समाप्त हो
l कालाधन वापस आए
l ठेकेदारी प्रथा बंद हो
l रिक्त स्थानों पर नियुक्तियां हों
l आंगनवाड़ी व आशाकर्मियों को
नियमित किया जाए
l न्यूनतम व अधिकतम
वेतन विषमता कम हो
रैली को मजदूर संघ के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं-सर्वश्री हाजी अख्तर हुसैन, सरदार करतार सिंह, के. लक्ष्मा रेड्डी, उदय राव पटवर्धन, डा. बी.के. राय, श्रीमती अनुसूइया आदि ने भी संबोधित किया। दिल्ली में आयोजित मजदूरों की अब तक की इस सबसे बड़ी और ऐतिहासिक रैली में देशभर से लगभग दो लाख मजदूर सम्मिलित होने का अनुमान है। और हजारों लोग तो कोहरे की वजह से ट्रेनें लेट होने के कारण दिल्ली पहुंचकर भी रैली में शामिल होने से वंचित रह गए।
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