सिंगापुर से एक चौंकाने वाली खबर आई है। वहां एक किताब में पैगंबर मोहम्मद का कार्टून छपा। बात पता चली तो सिंगापुर सरकार हैरान रह गई और इससे इतनी घबराहट हुई कि उसने पूरी किताब को ही प्रतिबंधित कर दिया गया। वैसे, अधिकांश लोग इस फैसले को स्वाभाविक भी मान रहे हैं क्योंकि सब जानते हैं कि इसी तरह के कार्टून छपने पर दुनिया के कई देशों में आक्रोशित मुसलमानों के हिंसक आंदोलन किए हैं। इसीलिए उसके यहां भी बेवजह तनाव न पैदा हो, यही सोचकर सिंगापुर सरकार ने ऐसे कार्टून वाली किताब पर रोक लगा दी है।
किताब पर रोक लगाने के मामले के संदर्भ में सिंगापुर के मुस्लिम मामलों के मंत्री मासागोस ज़ुल्किफ्ली का कहना था कि राजनीतिक कार्टूनों वाली उस किताब पर रोक इसलिए लगाई गई, क्योंकि उनके देश में पैगंबर मोहम्मद पर कार्टून और अपमानजनक तस्वीरों को छापना मना है।
इस मुद्दे पर सिंगापुर की संसद में मासागोस ने वक्तव्य दिया कि मुसलमानों के नजरिए से किताब में छपे चित्र आपत्तिजनक हैं। ऐसे चित्र भले ही अभिव्यक्ति की आजादी, तालीम या किसी और नाम से छापे जाएं। किताब के बारे में उनका कहना था कि पैगंबर मोहम्मद और इस्लाम ही नहीं, इसमें दूसरे पंथों का अपमान करते चित्र भी छपे हैं।

मुस्लिम मामलों के मंत्री मासागोस ज़ुल्किफ्ली
मंत्री मासागोस का कहना था कि भले ही किताब के लेखक यह कहें कि वे इसके जरिए किसी का अपमान नहीं करना चाहते हों, उनका इरादा तो बस जानकारी देना हो, लेकिन हमारी सरकार इसको स्वीकार नहीं करती। सिंगापुर की इन्फोकॉम मीडिया डेवलपमेंट अथॉरिटी ने नवंबर, 2021 में ही कह दिया था कि अगस्त, 2021 में छपी उस किताब को सिंगापुर में बेचने या बांटने की इजाजत नहीं दी जाएगी। बताते हैं, वहां इस किताब को 'आपत्तिजनक' के तौर पर वर्गीकृत किया गया है।
सिंगापुर की उक्त अथॉरिटी ने कहा है कि किताब में फ्रांस की पत्रिका शार्ली एब्दो के पैगंबर मोहम्मद का वह कार्टून भी छापा गया है, जिसकी वजह से कई देशों में हिंसक आंदोलन हुए थे। प्रतिबंधित की गई यह पुस्तक हांगकांग बैप्टिस्ट विश्वविद्यालय में मीडिया अध्ययन के प्रो. चेरियन जॉर्ज तथा ग्राफिक उपन्यासकार सोन्नी ल्यू द्वारा लिखी गई है। पता चला है कि किताब अमेरिका तथा कई अन्य देशों में पहले ही वितरित की जा चुकी है।
दरअसल पूरा मामला सिंगापुर के मुस्लिम मामलों के मंत्री की इस टिप्पणी से साफ हो जाता है कि 'पैगंबर के अपमानजनक चित्रों की वजह से दुनिया के कई भागों में हिंसा मच चुकी है। हम ऐसा कोई खतरा मोल नहीं लेना चाहते जो देश में शांति तथा सद्भाव को खराब करे। हम अपने नस्लीय और मजहबी सौहार्द को बनाए रखने तथा इसे मजबूत करने के लिए अपने यहां के तमाम पांथिक समुदायों के साथ मिलकर काम करने को प्रतिबद्ध हैं, जो हमारे समाज की एकजुटता की बुनियाद है'। मंत्री का यह भी कहना था कि उनकी सरकार किसी भी पांथिक समुदाय का अपमान या उस पर हमला करने की इजाजत नहीं देती।
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