बिहार के बक्सर में 12 मोबाईल और 12 लाख रुपये नगदी एवं बंगाल के नम्बर की एक कार के साथ अतिबाम संगठन (नक्सल ) के स्लीपर सेल के तीन लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। ये सभी सोमवार की रात को बिहार के रास्ते यूपी की सीमा में प्रवेश करने की फिराक में थे। बक्सर पुलिस ने यह गिरफ्तारी बिहार-यूपी को जोड़ने वाली गंगा पर बने वीर कुवर सिंह सेतु से की है। गिरफ्तार नक्सली स्लीपर सेल के सदस्यों में निवेश कुमार आदर्श नगर थाना धुर्वा (रांची) ,शुभम कुमार कुमहार टोली थाना खूटी (रांची )ध्रुब कुमार थाना जगरनाथपुर (रांची ) शामिल है।
बक्सर एसपी नीरज कुमार ने गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए बताया कि यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर यूपी पुलिस के आग्रह पर बक्सर पुलिस द्वारा विशेष सतर्कता बरती जा रही है। इसी क्रम में सोमवार को मध्य रात्रि के बाद बंगाल नम्बर की एक तेजी से आती हुई कार पर अदौगिक थाना पुलिस की नगर पड़ी, जिसे रोक कर जब तलाशी ली गई तब इन युवकों के पास से उपरोक्त सभी चीजों को बरामद किया गया। आरोपियों से पुलिस सख्ती से पूछताछ कर रही है।
बक्सर एसपी नीरज कुमार सिंह ने बताया कि गिरफ्तार सदस्य प्रतिबंधित संगठन पीएलएफआई के लिए सम्भवतः कार्य करते हैं। झारखंड सरकार का लुक आउट नोटिस इसी माह के 6 जनवरी को जारी किया गया है, जिसके बाद झारखंड पुलिस इनकी गिरफ्तारी की फिराक में थी, जो बीती रात बक्सर (बिहार) पुलिस के हाथ लग गए। इन लोगों की गिरफ्तारी की सूचना पुलिस द्वारा राज्य मुख्यालय को भी भेजा गया है। बक्सर पुलिस झारखंड पुलिस से भी निरंतर सम्पर्क बनाये हुए है। सम्भवतः झारखंड पुलिस के अधिकारी जल्द ही गिरफ्तार लोगों से पूछताछ करने बक्सर आ सकते हैं। पूछताछ में जुटे पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस इस बात का पता लगा रही है कि इतनी भारी रकम के साथ युवक यूपी में किन जगहों पर और किसके सम्पर्क साधने वाले थे। पुलिस जब्त बंगाल के नम्बर वाली कार के रजिस्ट्रेशन नम्बर के आधार पर कार मालिक का भी पता लगा रही है। तीन युवक और 12 मोबाईल को लेकर भी पूछताछ कर रही है एवं सभी मोबाइल नम्बर के कॉल डिटेल को भी खंगालने का प्रयास किया जा रहा है।
पुलिस सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर कालांतर मे भी दुर्दांत अपराधी और सफेदपोश राजनीतिक रसूखदार लोगों के संरक्षण बिहार और यूपी के सीमावर्ती क्षेत्रों में अवैध हथियारों के कारोबार का धंधा चल निकलता है, जहां ये अपराधिक किस्म के लोग जरूरत पड़ने पर आसानी से प्रदेश की सीमा का अदला बदलीकर दोनों ही राज्यों की पुलिस को सकते में डालते ही है। पीएलएफआई जैसे प्रतिबंधित संगठनों के लिए कार्य कर रहे स्लीपर सेल के इन सदस्यों की गिरफ्तारी स्थानीय पुलिस की एक बड़ी कामयाबी है। सम्भव है कि इस गिरफ्तारी के बाद पुलिस इस नेटवर्क से जुड़े कुछ और गिरफ्तारियां कर इनके अपराधिक मनसूबे का पर्दाफाश कर सकती है।
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