असम में ओमिक्रॉन के कारण कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य सरकार ने कुछ कठोर कदम उठाए हैं। इसमें कुछ नई पाबंदियां तो हैं ही, कोरोना रोधी टीका नहीं लगवाने वाले लोगों को सार्वजनिक स्थानों पर जाने से रोकने का फैसला भी शामिल है। इस विशेष कानून के तहत टीका नहीं लगवाने वाले लोगों को 15 जनवरी के बाद अस्पताल छोड़कर कहीं और जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा ने शुक्रवार को गुवाहाटी में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के हर मामले को संभावित ओमिक्रॉन मामले के रूप में लिया जाएगा। इसी के साथ सरकार ने सरकार ने रात के कर्फ्यू का समय बढ़ा दिया है। अब रात 11:30 बजे की जगह रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक कर्फ्यू रहेगा। साथ ही, उन्होंने कहा कि जिन लोगों का टीकाकरण हो चुका है, केवल वही होटल, रेस्तरां, सिनेमा हॉल, सरकारी कार्यालयों और मॉल आदि सार्वजनिक जगहों पर जा सकेंगे। जिन्होंने अभी तक टीके नहीं लगवाए हैं, उन्हें केवल अस्पताल जाने की अनुमति होगी। इसके अलावा वे किसी भी सार्वजनिक स्थान पर नहीं जा सकेंगे। 15 जनवरी के बाद एक तरह से उनके लिए कर्फ्यू जैसी स्थिति रहेगी। दिखाने के बाद ही सार्वजनिक जगहों पर प्रवेश करने दिया जाएगा। सरकार सख्ती से आदेशों का पालन कराएगी। कोरोना नियमों का उल्लंघन करने वाले संस्थानों (होटल, मॉल, सिनेमा हॉल आदि) पर 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह होटल, मॉल, सिनेमा हॉल के मालिकों की जिम्मेदारी है कि वे टीका नहीं लगवाने वालों को प्रवेश न दें। अगर हमें बिना टीकाकरण वाले लोगों के प्रवेश के बारे में जानकारी मिली तो संबंधित मालिकों प्रति व्यक्ति 25,000 रुपये के हिसाब से जुर्माना वसूला जाएगा।
साथ ही, उन्होंने कहा कि टीका नहीं लगवाने वाले सरकारी कर्मचारियों को भी दफ्तर नहीं आने दिया जाएगा। ऐसा भी नहीं है कि उनका अवकाश मंजूर किया जाएगा। अगर वे काम नहीं करेंगे, तो उन्हें पैसे भी नहीं मिलेंगे। इसके अलावा, राज्य के आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने भी शुक्रवार को आदेश जारी किया है। इसके मुताबिक, मोटरसाइकिल पर केवल पूर्ण टीकाकरण और मास्क पहनने वाले को ही जाने की अनुमति होगी।
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