अफगानिस्तान में जैसे-जैसे तालिबान अपनी जड़ें जमा रहा है, खासतौर से महिलाओं पर पाबंदियां थोपता जा रहा है। इसी क्रम में तालिबान ने सोमवार को उत्तरी बल्ख सीमा से लगे उज्बेकिस्तान प्रांत में महिलाओं के सभी सामान्य स्नानागारों को बंद करने की घोषणा की है।
द खामा प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, महिलाओं के स्नानागारों को बंद करने का फैसला मजहब के जानकारों और सूबे के सदाचार प्रचार एवं बुराई की रोकथाम निदेशालय के प्रांतीय अधिकारियों द्वारा सर्वसम्मति से लिया गया है। नए फरमान के बाद महिलाएं सामान्य स्नानागार में नहीं नहा सकतीं। इस्लामिक हिजाब का पालन करते हुए उन्हें केवल निजी स्नानागार में ही नहाने की इजाजत होगी। निदेशालय के प्रमुख ने कहा कि यह फैसला उलमा के सलाह के बाद लिया गया है। निदेशालय के प्रमुख ने कहा, "चूंकि लोगों के घर में आधुनिक स्नानागार नहीं हैं, इसलिए पुरुषों को सामान्य स्नानागार में जाने की अनुमति है, लेकिन महिलाओं को हिजाब का पालन करते हुए निजी स्नान में जाना चाहिए।"
द खामा प्रेस के मुताबिक, यह प्रतिबंध कम उम्र के लड़कों पर भी लागू होगा। सामान्य स्नानागार में नहाने बच्चों के नहाने और शरीर की मालिश कराने पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। इससे पहले पश्चिमी हेरात प्रांत में स्थानीय अधिकारियों ने महिलाओं के सामान्य स्नानागार को अस्थायी रूप से बंद कर दिया था। इससे भी पहले, सदाचार प्रचार और बुराई रोकथाम मंत्रालय ने देशभर में महिलाओं की यात्रा पर पाबंदी लगाते हुए इसे सीमित कर दिया था। इस फरमान के अनुसार महिलाएं केवल 45 मील तक की यात्रा कर सकती हैं। साथ ही, कार चालकों को भी यह हिदायत दी गई थी कि वे अगली सीट पर दो महिलाओं को नहीं बैठाएंगे।
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