आदि शंकराचार्य के जन्मस्थान को राष्ट्रीय धरोहर का दर्जा मिल सकता है। इसके लिए राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण के अध्यक्ष तरुण विजय ने केरल के एर्नाकुलम ज़िले स्थित कालडी का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने शंकराचार्य मंदिर परिसर में रुद्राक्ष का एक पौधा भी लगाया। तरुण विजय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी विरासत को संरक्षित करने और औपनिवेशिक इतिहासकारों द्वारा हमारी विरासत के साथ की गई ऐतिहासिक गलतियों को दूर करना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने निर्देशित किया है।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी कालडी आएंगे। पीएम ने इस पर आश्चर्य जताया है कि पूर्वाग्रह से ग्रसित इतिहासकारों और औपनिवेशिक मानसिकता के कारण अफजल खान (जिन्हें शिवाजी ने समाप्त कर दिया था) की 62 पत्नियों के एक कब्रिस्तान को ब्रिटिश शासन के तहत राष्ट्रीय स्मारक घोषित किया गया, लेकिन हमारी सभ्यता के महान और पवित्र आदि शंकराचार्य के जन्मस्थान की उपेक्षा की गई है। उन्होंने कहा कि संपूर्ण जन्मस्थान जिसमें पूर्णा (पेरियार) नदी, मुथलकावडु (मगरमच्छ घाट), और आदि शंकराचार्य की मां आर्यम्बा का स्मारक स्तंभ आदि पवित्र स्थान को राष्ट्रीय स्मारक घोषित किया जा सकता है। इसके लिए पीएम ने आश्वासन दिया था।
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