गुजरात से बेट द्वारका को लेकर पिछले दिनों एक खबर आई थी कि वक्फ बोर्ड ने बेट द्वारका के दो द्वीपों पर दावा किया है। इसके लिए उसने हाई कोर्ट में एक याचिका भी दायर की है। अब इस मामले को जामनगर से बीजेपी सांसद पूनमबेन मदान ने स्पष्ट किया है।
बीजेपी सांसद मदान ने कहा कि शुरुआती तौर पर ऐसा प्रतीत होता है कि गुजरात हाई कोर्ट की पीठ ने सुनवाई करते हुए कृष्णनगरी शब्द का जिक्र किया था, जिसके कारण भ्रम की स्थिति उत्पन्न हुई है। कृष्णनगरी संदर्भ के कारण लोगों ने इसे बेट द्वारका समझ लिया। इसको लेकर लोगों में अभी भी भ्रम बरकरार है। सांसद पूनमबेन मदान ने साफ कहा है कि हम इस बात को लेकर चिंतित हैं और स्थिति पर नजर बनाएं हुए हैं। मैं विश्वास दिलाती हूं कि श्रीकृष्ण और उनके भक्तों के बेट द्वारका द्वीप पर किसी को दावा नहीं करने देंगे।
उन्होंने बताया कि वक्फ बोर्ड ने बेट द्वारका के दो द्वीपों पर दावा नहीं किया है, बल्कि शियाल बेट पर दावा किया है, जो कि अमरेली जिले में है। सांसद ने कहा कि शियाल बेट गुजरात में अमरेली तट से दूर एक द्वीप है, जहां केवल नाव के जरिए हीं पहुंचा जा सकता है। वहां की आबादी 5,000 से कुछ ज्यादा है। साल 2016 में वहां बिजली पहुंची थी।
सांसद पूनमबेन ने बताया कि शियाल बेट पर पूर्वी छोर पर सवाई बेट एक चट्टानी द्वीप है, जो कि हाई टाईड आने पर अलग हो जाता है। वहां पर सवाई पीर नामक मकबरा है। इसी के लिए एक निजी सुन्नी ट्रस्ट ने दायर की थी। वक्फ बोर्ड ने ऐसी कोई याचिका दायर नहीं की है। इसका खुलासा स्थानीय समाचार रिपोर्ट से हुआ है। बता दें कि पिछले दिनों गुजरात के अखबार में कहा गया था कि वक्फ बोर्ड ने बेट द्बारका पर अपना मालिकाना हक का दावा किया। इस संबंध में गुजरात हाई कोर्ट में याचिका भी दायर की थी, जिस पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अपनी अहसमति व्यक्त की थी, साथ ही याचिका में संशोधन करने को भी कहा था।
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