पाकिस्तान और तालिबान के बीच तकरार डूरंड लाइन पर कंटीली तारे हटाने से आगे बढ़ती दिखाई दे रही है। पाकिस्तान के एक मंत्री का तालिबान को नसीहत देने तक की हिम्मत करना बताता है कि तालिबानी मुल्ला पाकिस्तानियों को कुछ हद तक खटकने लगे हैं। बार्डर पर तनातनी में दो पाकिस्तानी सैनिकों की मौत ने मामला और गर्माया हुआ है।
पाठकों को याद होगा दो दिन पहले तालिबान ने फरमान जारी किया था कि औरतें बिना किसी पुरुष को साथ लिए लंबे सफर पर न निकलें। इससे पहले तालिबान लड़ाकों ने ब्यूटी पार्लरों, फैशनेबल कपड़ों या दूसरे पोस्टरों, बैनरों से औरतों की तस्वीरें हटाने का हुक्म सुनाया था। राजनीति हो या समाज से जुड़ा कोई और विषय, तालिबान सरकार ने औरतों को हर जगह से बाहर रखा है। तालिबान के प्रायोजक पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने जब कुछ दिन पहले औरतों को लेकर तालिबान की सोच का समर्थन किया था तब उन्हें जबरदस्त विरोध झेलना पड़ा था।
लेकिन औरतों के लंबे सफर करने को लेकर तालिबान के नए हुक्म पर पाकिस्तान के एक मंत्री ने तीखे तेवर दिखाकर हैरान कर दिया है। पाकिस्तान सरकार में सूचना एवं प्रसारण मंत्री फवाद चौधरी ने इस तालिबान के इस नजरिए को 'उल्टी सोच' बताते हुए कहा है कि इस मानसिकता से पार पाकर ही आगे बढ़ने की बात सोची जा सकती है।
तालिबान लड़ाकों ने हुक्म जारी किया था कि यदि कोई औरत लंबे सफर पर जा रही है लेकिन उसके साथ कोई पुरुष रिश्तेदार नहीं है तो उसे आने—जाने के लिए बस सेवा उपलब्ध न कराई जाए। इतना ही नहीं, फवाद चौधरी ने तालिबान की इस मानसिकता की भर्त्सना की और कहा कि औरतें सफर पर अकेले नहीं जा सकतीं, लड़कियां अकेले स्कूल-कॉलेज नहीं जा सकतीं, ये मानसिकता पाकिस्तान के नजरिए से बहुत खतरनाक है।
अब तक तालिबान के झंडे तले अफगानिस्तान में मारकाट के बावजूद उस पर फिदा रहने वाले, दुनिया के लिए उसका भोंपू जैसा बनने वाले पाकिस्तान के एक मंत्री का ऐसा कहना विशेषज्ञों को हैरान किए है। 27 दिसम्बर को इस्लामी देश के रवैए में यह बदलाव नजर आया है। मंत्री फवाद चौधरी तालिबान के उस फरमान पर भी बिफरे दिखाई दिए जिसके तहत इस्लामवादी लड़ाका मुल्लाओं ने सार्वजनिक जगहों पर औरतों के अकेले जाने पर रोक लगाई है।
इससे पहले 26 दिसम्बर को तालिबान लड़ाकों ने हुक्म जारी किया था कि यदि कोई औरत लंबे सफर पर जा रही है लेकिन उसके साथ कोई पुरुष रिश्तेदार नहीं है तो उसे आने-जाने के लिए बस सेवा उपलब्ध न कराई जाए। इतना ही नहीं, फवाद चौधरी ने तालिबान की इस मानसिकता की भर्त्सना की और कहा कि औरतें सफर पर अकेले नहीं जा सकतीं, लड़कियां अकेले स्कूल-कॉलेज नहीं जा सकतीं, ये मानसिकता पाकिस्तान के नजरिए से बहुत खतरनाक है।
उल्लेखनीय है कि चौधरी ने इसे उल्टी सोच बताते हुए तरक्की की राह में अड़चन कहा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान इससे पार पाकर ही विकास कर सकता है।
A Delhi based journalist with over 25 years of experience, have traveled length & breadth of the country and been on foreign assignments too. Areas of interest include Foreign Relations, Defense, Socio-Economic issues, Diaspora, Indian Social scenarios, besides reading and watching documentaries on travel, history, geopolitics, wildlife etc.
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