गौवंश की सुरक्षा को लेकर असम की हिमंत बिस्वा सरमा सरकार और सख्त हो गई है। गुरुवार को असम विधानसभा में मवेशी संरक्षण अधिनियम में एक संशोधन पारित हुआ। अब पुलिस को आरोपी के घर में घुसकर तलाशी लेने और उसकी संपत्ति जब्त करने का अधिकार मिल गया है। विधानसभा में बहस के दौरान सीएम हिमंत बिस्वा ने कहा कि वह संदेश देना चाहते हैं कि अवैध पशु व्यापार से निपटने के लिए असम एक कठिन राज्य है। हालांकि 20 दिसंबर को पेश किए गए इस विधेयक पर विपक्षी सदस्यों द्वारा लाई गई अधिकांश आपत्तियों को वापस ले लिया गया है।
सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने इसको लेकर ट्वीट किया, 'राज्य में मवेशियों की सुरक्षा को मजबूत करने के अपने मिशन में, हम मवेशी संरक्षण अधिनियम 2021 में एक संशोधन लाए हैं। नए परिवर्धन से कृषि उद्देश्यों के लिए मवेशियों के परिवहन में आसानी होगी और पशु तस्करों के लिए कड़ी सजा सुनिश्चित होगी।'
बता दें कि 13 अगस्त को असम मवेशी संरक्षण विधेयक 2021 पारित किया था, जिसमें हिंदू, जैन, सिख बहुसंख्यक और मंदिर, मठों के 5 किमी के दायरे में मवेशियों का वध करने और गोमांस बेचने पर प्रतिबंध लगाया गया था। अब सरकार ने इसे और सख्त बनाने के लिए संशोधन किया है। अधिनियम में एक नई धारा जोड़ी गई है। इसके बाद जांच अधिकारी को और अधिकार मिल गए हैं। अब आरोपी द्वारा अवैध पशु व्यापार से पिछले 6 वर्षों में अर्जित संपत्ति को जांच अधिकारी जब्त कर सकेगा। इसके अलावा आरोपी के घर की तलाशी लेने और आरोपी को हिरासत में लेने का भी अधिकार जांच अधिकारी को दिया गया है।
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