वाराणसी में एक छत के नीचे तीन चिकित्सा पद्धति वाला अस्पताल बन कर तैयार हो गया है। आयुर्वेद ,यूनानी ,होम्योपैथ चिकित्सा पद्धति ,योग और प्राकृतिक चिकित्सा से लोगों को निरोग किया जाएगा। 50 बेड का एकीकृत आयुष चिकित्सालय का निर्माण ऐसी जगह किया गया है, जिससे चंदौली ,मिर्ज़ापुर ,भदोही और वाराणसी समेत चार जिलों के लोगों को लाभ मिल सके। अस्पताल में ही हर्बल गार्डन भी होगा जिससे औषधियां बनाई जाएंगी। लगभग 9 करोड़ की लागत से बने इस अस्पताल का उद्धघाटन प्रधानमंत्री 23 दिसंबर को करेंगे।
क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी भावना द्विवेदी ने बताया कि वाराणसी के भद्रासी में बनकर तैयार 50 बेड के एकीकृत आयुष चिकित्सालय में आयुर्वेद ,यूनानी ,होम्योपैथ चिकित्सा पद्धति से इलाज़ होगा। लोगों को योग से भी निरोग रहना सिखाया जाएगा। इस अस्पताल का निर्माण राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत कराया गया है। इस मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल में मरीजों को आउटडोर के साथ ही इनडोर की चिकित्सा सुविधाएं भी मिलेंगी। अस्पताल में स्त्री एवं प्रसूति रोग चिकित्सकों के अलावा अन्य विशेषज्ञ चिकित्सक, मरीजों का उपचार करेंगे। अस्पताल में सामान्य रोगों के साथ ही गठिया, पाइल्स, सर्वाइकल, शुगर, नेत्र आदि रोगों के उपचार की भी व्यवस्था है । इस आयुर्वेदिक अस्पताल में क्षार सूत्र एवं पंचकर्म विधि से भी उपचार की व्यवस्था होगी।
अस्पताल परिसर में योग के लिए भी जग़ह है। यहां तैनात होने वाले योग प्रशिक्षक लोगों को योग के जरिए निरोग रहने का हुनर सिखाएंगे। साथ ही कुछ रोगों का उपचार योग के जरिए भी किया जाएगा। अस्पताल परिसर की खाली जमीन पर हर्बल गार्डन बनाने की भी योजना है। यहां जड़ी-बूटियों के पौधे लगाये जाएंगे जो मरीजों के उपचार में तो काम आएंगे ही अस्पताल के वातावरण को प्रदूषण मुक्त रखने में सहयोग करेंगे । इस अस्पताल में करीब 75 लोगों को प्रत्यक्ष और हज़ारों लोगो को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार भी मिलेगा। ये अस्पताल ग्राउंड प्लस दो मंजिल का अस्पताल है। जहां दिव्यांगों के लिए विशेष सुविधा है ।
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