मजहब के नाम पर उन्माद की शायद कोई हद नहीं होती। खाड़ी के देश कतर में अब बच्चों के खिलौनों को ही इस्लाम विरोधी ठहराकर उन पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है। कतर केे प्रशासन ने खिलौनों पर रंगों को लगाने की तरीके पर ही उंगली उठा दी है। उन्हें उसमें एलजीबीटी यानी समलैंगिक आंदोलन के झंडे की झलक दिखती है। बता दें कि कतर कट्टर इस्लामी रीत को मानने वाला देश है जहां समलैंगिकता पर प्रतिबंध है।
तेल के क्षेत्र में सिक्का जमाए इस्लामी देश कतर में समलैंगिकता अभी भी अवैध मानी जाती है। यहां कुछ खिलौनों पर लगे रंगों से समलैंगिक आंदोलन के झंडे की झलक दिखने की शिकायत मिलने पर अधिकारियों ने दुकानों से उन खिलौनों को अपने कब्जे में ले लिया। उनका कहना है कि ये खिलौने 'इस्लामिक उसूलों' के विरुद्ध हैं। हालांकि कतर के व्यापार और उद्योग मंत्रालय को रंगीन खिलौनों से कोई शिकायत नहीं है, लेकिन कुछ खिलौने हैं जिनके रंग उन्हें हजम नहीं हुए हैं। मंत्रालय ने ट्विटर पर जानकारी दी कि कतर के अलग-अलग क्षेत्रों की दुकानों में जांच करने के आदेश दिए गए थे।
समलैंगिक आंदोलन के झंडे की झलक दिखने की शिकायत मिलने पर अधिकारियों ने दुकानों से उन खिलौनों को अपने कब्जे में ले लिया। उनका कहना है कि ये खिलौने 'इस्लामिक उसूलों' के विरुद्ध हैं। हालांकि कतर के व्यापार और उद्योग मंत्रालय को रंगीन खिलौनों से कोई शिकायत नहीं है, लेकिन कुछ खिलौने हैं जिनके रंग उन्हें हजम नहीं हुए हैं।
इस जांच से पता चला है कि कई नियमों का खुलकर उल्लंघन हो रहा था। इसी अभियान में ये 'आपत्तिजनक' रंग वाले खिलौने जब्त किए गए, जिन्हें इस्लामिक उसूलों के विरुद्ध माना गया था। ट्वीट के साथ खिलौनों, जैसे रबर की स्ट्रेसबस्टर बॉल तथा दूसरी चीजों के चित्र भी लगाए गए थे, जो इंद्रधनुष के रंगों वाली थीं। इतना ही नहीं कतर के इस मंत्रालय ने नागरिकों से अपील की है कि अगर उन्हें अपने 'रिवाज' के विरुद्ध किसी भी तरह का कंपनी का चिन्ह या डिजाइन दिखाई दे तुरंत इसकी जानकारी दें।
उल्लेखनीय है कि कतर में अगले साल फुटबॉल का विश्वकप होने जा रहा है। इसमें दुनिया भर के खिलाड़ी आएंगे, जिनमें एलजीबीटी के झंडे को मानने वाले भी होंगे। गत नवंबर में इंग्लिश फुटबॉल एसोसिएशन ने अपने समलैंगिक चाहने वालों को भरोसा दिया था कि विश्व कप के लिए कतर में वे आएं, उनका स्वागत है। एसोसिएशन ने कतर से टूर्नामेंट के दौरान समलैंगिकों के लिए अपने कड़े रुख को नरम करने का आग्रह किया था।
A Delhi based journalist with over 25 years of experience, have traveled length & breadth of the country and been on foreign assignments too. Areas of interest include Foreign Relations, Defense, Socio-Economic issues, Diaspora, Indian Social scenarios, besides reading and watching documentaries on travel, history, geopolitics, wildlife etc.
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