गत 9 दिसंबर को मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम में ‘सामाजिक न्याय योद्धा लोकशाहीर अण्णा भाऊ साठे’ शीर्षक पुस्तक का विमोचन हुआ। विमोचनकर्ता थे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत। उन्होंने कहा कि जिस तरह भगवान शंकर ने जग के कल्याण के लिए विषपान किया वैसे ही अण्णा भाऊ साठे ने भी समाज के कल्याण के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। वंचितों की भलाई के लिए उनके मन में बहुत बेचैनी थी और उन्होंने समाज कल्याण के लिए अपने जीवन का उत्सर्ग कर दिया।
अपने दुखों को छिपाकर समाज के कल्याण के लिए अण्णा भाऊ ने कड़ा परिश्रम किया। उन्होंने आगे कहा कि अण्णा भाऊ साठे के विचारों का एक प्रतिशत भी आज के नेताओं के आचरण में शामिल हो जाए तो देश 100 प्रतिशत अधिक तेजी से आगे बढ़ेगा। वीर सावरकर और अण्णा भाऊ साठे के व्यक्तित्व में मुझे कोई अंतर नहीं दिखता। दोनों ही महापुरुषों ने अपनी सारी प्रतिभा समाज हित में लगाई।
इस अवसर पर अण्णा भाऊ द्वारा उपयोग में लाई गई वस्तुओं का संग्रह करने वाले कबीर दास, अध्ययनकर्ता संजय देशपांडे और डॉ. मधुकर गायकवाड़ को साहित्यरत्न अण्णा भाऊ साठे पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
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