दिल्ली जैसे महानगरों में रोजगार दिलाने के नाम पर मानव, विशेषकर महिलाओं और लड़कियों की तस्करी बड़े पैमाने पर होती है। एक रिपोर्ट के अनुसार झारखंड की लड़कियां सबसे अधिक तस्करी का शिकार हो रही हैं। इसी आधार पर कार्रवाई शुरू हुई तो पता चला कि इस तस्करी का मास्टर पन्नालाल महतो है, जो झारखंड के खूंटी जिले का रहने वाला है। कहा जा रहा है कि पन्रालाल ने 5,000 से अधिक लड़कियों और महिलाओं का जीवन बर्बाद किया है। रोजगार के नाम पर वह झारखंड के विभिन्न गांवों से लड़कियों को दिल्ली लाता था और यहां उन्हें गलत कार्यों में धकेल देता था। आरोप यह भी है कि उसने सैकड़ों लड़कियों को बेचा भी है। जांच से यह भी पता चला है कि इस काम में पन्नालाल का साथ मिशनरी और नक्सली दिया करते थे। इसलिए पिछले दिनों जब पन्रालाल से ईडी ने पूछताछ की तो झारखंड के अनेक मिशनरी और नकली परेशान हुए। कहा जा रहा है कि अब उनकी भी जेल जाने की बारी आ गई है।
उल्लेखनीय है कि पन्नालाल को 2014 में पहली बार गिरफ्तार किया गया था। उस समय उसने अपनी पहुंच का लाभ उठाया और जल्दी ही जेल से निकल गया। इसके बाद भी वह तस्करी करता रहा। आखिर उसे दुबारा 19 जुलाई, 2019 को खूंटी जिले से गिरफ्तार किया गया। उससे हुई पूछताछ से पता चला कि मामला बहुत ही गंभीर है। इसके बाद पन्नालाल की करतूतों की जांच एएनआई को सौंपी गई। अभी भी जांच चल रही है। इस कारण उसे रांची जेल में रखा गया है। उस पर धन शोधन ( मनी लॉन्ड्रिंग ) का भी मामला चल रहा है। इसी सिलसिले में ईडी ने रिमांड पर लेकर उससे पूछताछ की है। कुछ लोग यह भी कह रहे हैं कि यदि झारखंड पुलिस पन्नलाल की जांच करती तो वह कब का जेल निकल गया होता।
पन्नालाल अपनी ईसाई पत्नी सुनीता और भाई शिवशंकर महतो उर्फ़ शिवशंकर गंझू के साथ मानव तस्करी का धंधा चला रहा था। इसकी गिरफ्तारी के बाद उसका भाई शिवशंकर उसके धंधे को आगे बढ़ा रहा था। 4 फरवरी, 2021 को एएनआई ने शिवशंकर को भी गिरफ्तार कर लिया है।
कहा जा रहा है कि पन्नालाल रोजगार के लिए 2003 में पहली बार दिल्ली आया था। इसके बाद उसने झारखंड से लड़कियों को दिल्ली लाना शुरू कर दिया। नक्सलियों और मिशनरियों की मदद से उसका यह धंधा इतना फला—फूला कि केवल 16 वर्ष में वह 100 करोड़ से अधिकी की संपत्ति का मालिक बन गया। पैसे के बल पर उसने नेताओं के साथ अच्छा रिश्ता बना लिया था। तस्करी के लिए उसने झारखंड के कई जिलों में अपने एजेंट तैनात कर रखे थे। उसके एजेंटों में रोहित मुनि और उसकी पत्नी प्रभा मुनि मिंज प्रमुख हैं। प्रभा मिंज ऑल इंडिया क्रिश्चियन माइनॉरिटी फ्रंट की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रही है। जानकारी के अनुसार प्रभा का एक भाई छत्तीसगढ़ में पादरी है। दिल्ली एटीएस ने 23 सितंबर, 2018 को प्रभा को गिरफ्तार किया था। कहा जा रहा है कि तस्करी के बल पर ही प्रभा ने भी अरबों की संपत्ति बनाई है।
मानव तस्करी के खिलाफ जिन लोगों ने भी आवाज उठाई उनका भी इन लोगों ने मुंह बंद कर दिया। इस काम में उनकी मदद मिशनरी और नक्सली करते थे। इसका उदाहरण 19 जून, 2018 की एक घटना है। इस दिन खूंटी के पास कोचांग के एक स्कूल में मानव तस्करी के विरुद्ध पांच लड़कियों की एक टोली ने नुक्कड़ नाटक किया था। नाटक के दौरान ही उन पांचों का अपहरण कर जंगल में ले जाया गया और उनके साथ बलात्कार किया गया। इसी मामले में स्कूल से जुड़े एक पादरी अल्फांसो को रांची उच्च न्यायालय ने सजा भी दी थी। कुछ समय पहले मिशनरीज ऑफ चैरिटी द्वारा संचालित निर्मल हृदय में सैकड़ों बच्चों की तस्करी की बात सामने आई थी।
बाल कल्याण समिति, खूंटी के सदस्य रह चुके और पन्नालाल के खिलाफ मामला दर्ज कराने वाले बैजनाथ कुमार ने बताया कि चाहे महिलाओं की तस्करी हो या फिर नवजात बच्चों की, इसकी शुरुआत चर्च ने ही की है। कुमार ने यह भी बताया कि तस्करी में पन्रालाल का सहयोग झारखंड की कई मिशनरी संस्थाएं करती हैं। मानव तस्करी विरोधी दस्ता खूंटी की प्रभारी रह चुकीं आराधना सिंह ने बताया कि पन्नालाल काफी शातिर अपराधी है। उसके घर से मानव तस्करी, वेश्यावृत्ति, शारीरिक शोषण जैसे कृत्य होते थे। पन्नालाल के साथ बामदेव, प्रभा मिंज सहित पूरे देश में 121 मानव तस्कर काम करते थे।
दस वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। राजनीति, सामाजिक और सम-सामायिक मुद्दों पर पैनी नजर। कर्मभूमि झारखंड।
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