प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी 18 दिसंबर को शाहजहांपुर जिले में गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना का शिलान्यास करने वाले हैं। गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए जब भूमि अधिग्रहित की जा रही थी, उस समय पूरे देश में कोरोना की दूसरी लहर चल रही थी। इसके बावजूद मात्र एक वर्ष में गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए 83 हजार किसानों से 94 फीसदी भूमि अधिग्रहीत की गई।
राज्य सरकार ने 36,230 करोड़ रुपए की लागत से 594 किमी लंबे गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना की स्वीकृति पिछले साल 26 नवंबर को दी थी। परियोजना के लिए करीब 7386 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता है, जिसमें अब तक कुल 82,750 किसानों से 94 फीसदी भूमि अधिग्रहीत हुई है। पर्यावरण संरक्षण के लिए एक्सप्रेस-वे के किनारे करीब 18 लाख 55 हजार पौधे लगाए जाएंगे। साथ ही परियोजना में अधिग्रहित भूमि पर सोलर पावर के माध्यम से ऊर्जा का उत्पादन होगा, जिससे परियोजना के संचालन के लिए आवश्यक ऊर्जा की पूर्ति होगी।
आधे से ज्यादा एक्सप्रेस-वे पश्चिम के मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, सम्भल, बदायूं, शाहजहांपुर जिले से गुजर रहा है। हापुड़ और बुलंदशहर सहित अन्य जिलों के लोगों के आवागमन के लिए गढ़मुक्तेश्वर में एक अन्य पुल बनाया जाएगा। वायु सेना के विमानों की लैंडिंग और टेक ऑफ के लिए शाहजहांपुर जिले में एक हवाई पट्टी भी बनाई जाएगी। इसके साथ ही लोगों की सुविधाओं के लिए नौ जन सुविधा केंद्र, सात रेलवे ओवर ब्रिज, 14 दीर्घ सेतु, 126 लघु सेतु और 381 अण्डरपास बनाया जाएगा।
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