देवबंद मदरसों से संचालित तबलीगी जमात को सऊदी अरब की तरह भारत में भी प्रतिबंधित कर देना चाहिए। राष्ट्रवादी मुस्लिम महिला संगठन की राष्ट्रीय अध्यक्ष फराह फेज ने यह मांग की है। उनका कहना है कि देवबंदी मदरसों की विदेशी फंडिंग की भी जांच होनी चाहिए। देवबंद में फरहा फेज ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता होने की वजह से उन्होंने कई बार जमातों और मदरसों के लिए हो रही विदेशी फंडिंग पर रोक लगाने के लिए याचिका दाखिल की। कोर्ट ने आदेश भी दिए परन्तु न जाने सरकार क्यों खामोश है।
फैज ने कहा कि सऊदी अरब ने अपने यहां तबलीगी जमात पर प्रतिबन्ध लगा दिया है। उन्हें इस बात का अंदेशा है कि ये जमात गलत राह पर है और अब भारत की सरकार को भी इस पर प्रतिबंध लगाना चाहिए। अधिवक्ता मुख्तार अहमद ने भी तबलीगी जमात पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यहां आतंक का पाठ पढ़ाया जा रहा है।
गौरतलब है कि इस्लामिक संगठन तंजीम उलमा ए इस्लाम ने भी सऊदी अरब सरकार के फैसले को उचित ठहराया है। इस संगठन का कहना है कि तबलीगी जमात के लोग नमाज और रोजा की आड़ में जहर घोलते हैं। बरेली में दरगाह आला हजरत से जुड़े संगठन तंजीम उलमा-ए-इस्लाम के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन ने सऊदी अरब सरकार के फैसले को दुरुस्त बताया है। उनका कहना है कि तब्लीगी जमात के लोग कम पढ़े-लिखे मुसलमानों के बीच गांव-गांव जाते हैं। उनको नमाज रोजा की तबलिग करते हैं, मगर इसकी आड़ में धीरे-धीरे जहर घोलेने का भी काम करते हैं। आम लोगों का ईमान व आकिदा खराब करते हैं। इनकी गतिविधियों से कट्टरपंथी सोच को बढ़ावा मिलता है। उन्होंने कहा कि दूसरे मुस्लिम देशों को भी अपने मुल्क में जांच पड़ताल करनी चाहिए। सऊदी अरब सरकार ने कहा है कि तबलीगी जमात संगठन समाज के लिए खतरनाक है और देश में आतंकवाद के दरवाजे खोलने का दमखम रखता है।
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