आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख एवं सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कांग्रेस और राकांपा पर मुस्लिम समाज के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि इन पार्टियों ने सेकुलर के नाम पर मुस्लिमों को गुमराह किया है, इसलिए वे राजनीतिक सेकुलर शब्द को नहीं मानते। उन्हें संविधान के सेकुलर शब्द पर ही विश्वास है।
सांसद ओवैसी शनिवार को मुंबई के चांदीवली इलाके में एआईएमआईएम की ओर से आयोजित तिरंगा रैली को संबोधित कर रहे थे। ओवैसी ने कहा कि मुस्लिम समाज आज हर क्षेत्र में पीछे है। इस समाज को आगे लाने का प्रयास अब तक नहीं किया गया, सिर्फ इस समाज को कांग्रेस और राकांपा ने वोटबैंक के रूप में इस्तेमाल किया है। ओवेसी ने कहा कि मुस्लिम समाज शिक्षा के क्षेत्र में जनजाति समाज से 11 फीसदी पीछे है। मुस्लिम समाज का एक भी आईएएस अफसर महाराष्ट्र में नहीं है, जबकि आईपीएस अफसर सिर्फ 1.97 फीसदी हैं।
ओवैसी ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को जल्द पूरी तरह स्वस्थ होने की कामना करते हुए कहा कि वे कब से सेकुलर हो गए। शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने सीना ठोककर कहा कि बाबरी मस्जिद उनके कार्यकर्ताओं ने तोड़ी तो फिर कांग्रेस और राकांपा उनके साथ मिलकर थ्री इन वन सरकार किस तरह चला रही हैं। ओवैसी ने कहा कि जब संसद में मराठा आरक्षण का मुद्दा उठा तो सभी सांसदों ने बात की, लेकिन मुस्लिम आरक्षण के लिए सिर्फ अकेले उन्होंने मांग की थी। उन्होंने कहा कि सिर्फ आरक्षण से ही मुस्लिम समाज का हर स्तर पर विकास हो सकता है, मुसलमान अपनी ताकत को पहचानें और आरक्षण के लिए लड़ाई लड़ते रहें।
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