रांची से लगभग 44 किलोमीटर दूर सिलगाई गांव में बन रहे एकलव्य आदर्श में विद्यालय में तोड़फोड़ हुई है। कहा जा रहा है कि इसके पीछे चर्च के वे लोग हैं, जो शिक्षा के नाम पर जनजातियों का कन्वर्जन करते हैं। इसलिए चर्च नहीं चाहता है कि गांवों में भारत सरकार की मदद से विद्यालय खुलें।
जनजातीय समाज के विकास के लिए केंद्र सरकार की ओर से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। लेकिन इन प्रयासों को विफल करने के लिए जनजातीय समाज को भड़का कर सरकार और चर्च के लोग व्यवस्था को बिगाड़ने में तुले हुए है। कारण सिर्फ यह है कि यह योजना केंद्र की है और केंद्र में सरकार भाजपा की है। एक ऐसा ही मामला रांची से 44 किलोमीटर दूर वीर बुधु भगत की जन्मस्थली चान्हो के सिलगाई गांव में देखने को मिला। यहां पर वीर बुधु भगत के स्मारक के पास आवंटित 20 एकड़ की भूमि पर एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय का निर्माण किया जाना था, लेकिन इसका विरोध कर रहे उपद्रवियों ने ग्रामीणों को भड़काया। इसके बाद 22 नवम्बर को हजारों की भीड़ ने निर्माणाधीन विद्यालय की 5 फीट ऊंची और 1600 मीटर लंबी चहारदीवारी मूकदर्शक बनी पुलिस के सामने ही गिरा दी। इसके साथ ही वहां रखी चार मिक्सचर मशीन और तीन पानी के टैंकर को भी आग के हवाले कर दिया। इस विद्यालय में 480 जनजातीय छात्र—छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, कला और खेल क्षमता को निखारने के लिए खेल के मैदान का भी निर्माण किया जाना था।
उल्लेखनीय है कि 24 अगस्त, 2021 को एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय का शिलान्यास किया गया था। इसके बाद से ही कुछ लोग इस विद्यालय का यहां पर विरोध कर रहे थे, जबकि कई लोग इस विद्यालय के समर्थन में भी थे। वीर बुधु भगत की स्मारक स्थली के पास 52 एकड़ भूमि है। इसी भूमि पर यह विद्यालय बनाया जा रहा है। इस पूरे मामले में शहीद वीर बुधु भगत के वंशज शिवपूजन भगत इस विद्यालय के खोले जाने के समर्थन में हैं। इसके बावजूद कुछ लोगों ने भीड़ को उकसा कर 22 नवंबर को हजारों की संख्या में आकर इस विद्यालय की चहारदीवारी को ध्वस्त करने का काम किया। इस दौरान वहां मौजूद पुलिस और प्रशासन के लोग भी मूकदर्शक बने रहे।
इस घटना के 15 दिन के बाद 7 दिसंबर को जिला प्रशासन ने इस निर्माण कार्य को लेकर आम सभा का आयोजन कराया था और इस आमसभा में ग्रामीणों से विद्यालय को लेकर राय ली जानी थी। लेकिन इस आमसभा के शुरू होने से पहले ही काफी संख्या में लोग नारेबाजी करते हुए पहुंचे और वहां मौजूद पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया। इस दौरान उपद्रवियों ने पुलिस की एक गाड़ी को भी क्षतिग्रस्त कर दिया। इस घटना के बाद सिलगाई गांव में स्थिति अभी भी तनावपूर्ण बनी हुई है।
इस मामले पर जनजातीय समाज के कई लोगों का कहना है कि यह हंगामा चर्च के दिशानिर्देश पर हो रहा है। चर्च कभी नहीं चाहेगा कि जनजातीय समाज के लोगों का विकास हो, क्योंकि अगर ऐसा होगा तो लोग उनके बहकावे में नहीं आएंगे और उनका कन्वर्जन नहीं हो पाएगा।
शहीद वीर बुधु भगत के वंशज शिवपूजन भगत का कहना है कि शहीद वीर बुधु भगत स्मारक समिति के लंबे प्रयास के बाद गांव में केंद्रीय मदद से जवाहर नवोदय विद्यालय की तर्ज पर एकलव्य आदर्श विद्यालय का निर्माण का रास्ता प्रशस्त हुआ था। विद्यालय में 480 जनजातीय छात्र-छात्राओं की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व बच्चों में खेलकूद की क्षमता को निखारने को लेकर 4 खेल के मैदान का निर्माण भी किया जाना था। यह कुछ लोगों को रास नहीं आया। उन्होंने असुरों की तरह काम करके क्षेत्र के जनजाति बच्चों के भविष्य के सपनों पर पानी फेरने का काम किया है।
बता दें कि भारत सरकार ने अपने केंद्रीय बजट में पूरे देश के जनजातीय बहुल क्षेत्रों में 750 नए एकलव्य विद्यालय खोलने की घोषणा की थी। ये सभी विद्यालय 2022 तक खोले जाने हैं। विद्यालय हर उस प्रखंड में खुलेंगे, जहां पर जनजातीय समाज की आबादी 50% से अधिक है। इन विद्यालयों में स्थानीय कला, संस्कृति, खेल और कौशल विकास को बढ़ावा दिया जाना है।
अब अगर ऐसा होता है तो सबसे ज्यादा नुकसान चर्च और मिशनरी को ही उठाना पड़ेगा, क्योंकि ये लोग शिक्षा और अन्य लोभ दिखाकर ही कन्वर्जन करने का काम करते रहे हैं। इस विद्यालय के खुलने के बाद चर्च की महत्ता कम हो जाएगी इसीलिए अब इन लोगों ने ग्रामीणों को भड़काना शुरू कर दिया। इन सबमें इनका साथ झारखंड सरकार भी दे रही है।
दस वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। राजनीति, सामाजिक और सम-सामायिक मुद्दों पर पैनी नजर। कर्मभूमि झारखंड।
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