इस परियोजना से रक्षा के क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता बढ़ेगी. विश्व में ‘मेक इन इंडिया’ की पहचान और भी मजबूती से उभर कर सामने आयेगी. रूस के साथ साझेदारी में किया जाने वाला यह निर्माण विश्व पटल पर भारत और रूस की मजबूत साझेदारी का प्रमाण है.
इस राइफल का निर्माण शुरू हो जाने से एमएसएमई सेक्टर और अन्य रक्षा उद्योगों को बेहतर अवसर मिलेंगे. इस हथियार फैक्ट्री के शुरू होने से रक्षा के क्षेत्र में कच्चे माल की आपूर्ति करने वालों को भी व्यावसायिक लाभ मिलेगा.
करीब तीन दशक पहले इंसास राइफल फ़ोर्स को दी गई थी. AK-203 असॉल्ट राइफल उस इंसास राइफल की जगह शामिल की जायेगी. AK-203 असॉल्ट राइफल्स की रेंज 300 मीटर तक प्रभावी है. अन्य राइफल की अपेक्षा यह वजन में हल्की और मजबूत है. अन्य राइफल की तुलना में उपयोग करने में आसान है.
उल्लेखनीय है कि कुछ समय पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तर प्रदेश में डिफेंस कॉरिडोर की घोषणा की थी. अब उत्तर प्रदेश रक्षा उत्पाद के निर्माण के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है. आने वाले वर्षों में भारत 90 फीसदी रक्षा उत्पाद भारत में निर्मित करेगा.
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