देश के तीन राज्यों में चक्रवाती तूफान ‘जवाद’ के खतरे को देखते हुए आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल और ओडिशा में राहत एवं बचाव कार्य के लिए राष्ट्रीय आपदा राहत बल (एनडीआरएफ) की 64 टीमें तैनात की गई हैं। आंध्र प्रदेश में 54,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है, जबकि ओडिशा के 19 जिलों में स्कूल-कॉलेज सहित सभी शिक्षण संस्थानों को बंद कर दिया गया है। इस बार चक्रवात का नाम ‘जवाद’ सऊदी अरब ने प्रस्तावित किया है। तूफान के कारण आंध्र प्रदेश के दो और ओडिशा के तीन शहरों में 5 दिसंबर (रविवार) को होने वाली यूजीसी-नेट दिसंबर-2020 और जून-2021 की परीक्षा रद्द कर दी गई है। बाकी जगहों पर पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार परीक्षा होगी। परीक्षा की संशोधित तारीख बाद में अपलोड की जाएगी।
आंध्र में 54,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया
विशाखापत्तनम चक्रवात चेतावनी केंद्र के अनुसार, 100 किलोमीटर की रफ्तार से चलने वाला यह तूफान 20 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ रहा है। आज उत्तर-पश्चिम दिशा में उत्तरी आंध्र प्रदेश के तट से टकराने के बाद यह उत्तर-पूर्व दिशा की ओर मुड़ेगा और तट के समानांतर चलते हुए धीरे-धीरे यह दोपहर को ओडिशा में गोपालपुर और पुरी के बीच से गुजरेगा। इसके बाद कमजोर पड़ जाएगा। इसके उत्तर और उत्तर-पूर्व की ओर ओडिशा तट के साथ पश्चिम बंगाल तट की ओर बढ़ने तथा आगे कमजोर होने की संभावना है। आसन्न खतरे को देखते हुए राज्य के तीन जिलों से 54,008 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। 197 राहत शिविर स्थापित करने के साथ एनडीआरएफ की 11 टीमें, जबकि राज्य आपदा राहत बल (एसडीआरएफ) की 5 और तटरक्षक बल की 6 टीमें तैनात की गई हैं।
ओडिशा के 19 जिलों में स्कूल-कॉलेज बंद
ओडिशा सरकार ने भी एहतियाती कदम उठाते हुए 19 जिलों में सरकारी और निजी सभी शिक्षण संस्थानों को बंद रखने के आदेश दिए हैं। साथ ही, सभी सरकारी अधिकारियों को तूफान आने से पहले रविवार को ड्यूटी पर आने को कहा है। गंजाम, पुरी, जगतसिंहपुर, कटक, खोरथा व केंद्रपाड़ा के जिलाधिकारियों को निचले इलाकों और कच्चे घरों में रहने वाले लोगों को निकालने का आदेश दिया गया है। ‘जवाद’ के कारण पुरी में 90 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी।
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