अभी हाल में एक बड़े कन्वर्जन माफिया के साथ पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी और अभिनेता सोनू सूद नजर आए। यह अब कोई छिपी हुई बात नहीं है कि भारत में लालच और अंधविश्वास के जाल में फंसाकर बड़ी संख्या में लोगों का कन्वर्जन हो रहा है।
एक तरफ छत्तीसगढ़ के कांग्रेसी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता नंद कुमार बघेल ऐसी गतिविधियों में आगे बढ़कर शामिल होते रहे हैं। दूसरी तरफ, पंजाब के नए कांग्रेसी मुख्यमंत्री पर भी क्रिप्टो क्रिश्चियन होने का आरोप लग चुका है। इसीलिए कांग्रेस की सरकार में पवित्र भगवा रंग में आतंकवाद के निशान तलाश लिए जाते हैं, लेकिन अंधविश्वासों के दम पर संत बनी टेरेसा पर कभी कोई सवाल नहीं उठता। कांग्रेस की सरकार ने 1980 में उन्हें भारत रत्न तक दे दिया।
अंधविश्वास के प्रश्न पर सबसे जागरूक माने जाने वाला प्रणय जेम्स राय का खबरिया चैनल एनडीटीवी भी टेरेसा के संत बनने के उत्सव को कवर करते हुए भूल कर भी नहीं बताता कि उनका चैनल लॉकेट रखने से ट्यूमर ठीक हो जाने जैसे अंधविश्वास की पुष्टि नहीं करता। मोनिका बेसरा नाम की महिला का टयूमर टेरेसा का फोटो लॉकेट पेट पर रखने से कथित तौर पर ठीक हो गया था। क्या यह संभव है? ऐसा चमत्कार संभव होता तो दुनिया भर के ईसाई कोविड-19 में टेरेसा की तस्वीर लॉकेट में डालकर ही घूम रहे होते। मोनिका से पहले इस अंधविश्वास ने ब्राजील के एक व्यक्ति का भी ट्यूमर कथित तौर पर ठीक किया था। संयोगवश टेरेसा को वेटिकन में जब मरणोपरांत संत की उपाधि दी जा रही थी, भारत से ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल वहां मौजूद थे।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का टेरेसा प्रेम किसी से छुपा नहीं है। टेरेसा के एनजीओ में उन्होंने सेवा भी दी है। मोहल्ला क्लिनिक पर एक समय टेरेसा की ही तस्वीर लगी मिलती थी। यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा कि केजरीवाल ने दिल्ली के अंदर कन्वर्जन के लिए एक अनुकूल माहौल बनाया है। इसी का परिणाम था कि दिल्ली के पश्चिमी द्वारका के एक गोदाम में बड़ी संख्या में दलित और गरीब लोगों का कन्वर्जन चर्च द्वारा कराया जा रहा था, जो विहिप और बजरंग दल के हस्तक्षेप से रुका।
विहिप और बजरंग दल के सामने आने के बाद स्थानीय लोगों को साहस मिला और उन्होंने आगे बढ़कर इन संगठनों का साथ दिया। वरना बड़ी संख्या में हिन्दू आबादी का द्वारका में जबरन कन्वर्जन तय था।
विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने ट्वीट किया, ''पश्चिमी दिल्ली के द्वारिका में चर्च की चंगाई सभा में बाउंसरों के बल पर हिंदुओं का बलात कन्वर्जन व स्थानीय हिंदुओं के विरोध पर उनके साथ मार-पिटाई के विरुद्ध दिल्ली पुलिस को कठोरतम कार्रवाई करनी चाहिए।''
विहिप के हस्तक्षेप के बाद दिल्ली पुलिस हरकत में आई। विहिप और बजरंग दल देश के हर कोने में मदद के लिए नहीं पहुंच सकते हैं। उनकी अपनी क्षमता और सीमाएं हैं। कन्वर्जन के खिलाफ देश हर एक नागरिक को जागरूक होना होगा। अब ऐसी चंगाई सभाओं का विरोध आवश्यक है, जहां चंगाई के नाम कन्वर्जन की दुकान सजती हो।
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