भारत विकास परिषद् के संस्थापक डॉ. सूरज प्रकाश की जन्मशताब्दी के अवसर पर 22 नवंबर को नई दिल्ली में एक कार्यक्रम का आयोजन हुआ। कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत ने अपने उद्बोधन में भारत विकास परिषद् को समाज सेवा के क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित संगठन बताया। उन्होंने विकास के अर्थ को अलग-अलग मायनों में समझाया।
भारत विकास परिषद् के राष्ट्रीय महामंत्री श्री श्याम शर्मा ने कहा कि संस्था का उद्देश्य भारतीय समाज का सर्वांगीण विकास करना है। इसमें सामाजिक, सांस्कृतिक, नैतिक, राष्ट्रीय एवं आध्यात्मिक सभी प्रकार का विकास समाहित है। समारोह में अनेक कोरोना योद्धाओं का सम्मान करने के साथ-साथ भारत विकास परिषद् की पुस्तक ‘कॉफी टेबल’ तथा श्री भैयाजी जोशी द्वारा दिए गए विशेष उद्बोधनों पर संग्रहीत पुस्तक का विमोचन भी हुआ।
उल्लेखनीय है कि डॉ. सूरज प्रकाश ने अपने मित्रों और सहयोगियों के साथ गहन विचार-मंथन के पश्चात् संपन्न वर्ग के लोगों को देश के गरीब, पिछड़े एवं वंचित भाई-बहनों की सेवा हेतु प्रेरित करते हुए 1963 में स्वामी विवेकानंद जन्मशताब्दी वर्ष में भारत विकास परिषद् की स्थापना की थी। आज परिषद की 1,500 से अधिक शाखाएं हैं, जिनके माध्यम से सेवा के अनेक प्रकल्प चल रहे हैं।
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