'ओमीक्रोन' वायरस का बढ़ रहा कहर; दक्षिण अफ्रीका, यूरोप और एशिया में खतरे की घंटी
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‘ओमीक्रोन’ वायरस का बढ़ रहा कहर; दक्षिण अफ्रीका, यूरोप और एशिया में खतरे की घंटी

by WEB DESK
Nov 29, 2021, 05:07 pm IST
in विश्व
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कोरोना के इस नए म्यूटेंट से कम खतरनाक माना गया कोरोना वायरस का पिछला स्वरूप दुनिया भर में 50 लाख से ज्यादा लोगों की जान लील चुका है। लेकिन आज, इस नए स्वरूप से दुनिया और भयभीत हो चली है। तमाम देशों में स्वास्थ्य एजेंसियां सावधान हो गई हैं

 

चीन से करीब दो साल पहले निकलकर पूरी दुनिया को चपेट में लेने वाली कोरोना वायरस की महामारी अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुई है। लेकिन अब इसी वायरस का ज्यादा संक्रामक और घातक बताया जाने वाला म्यूटेंट ओमीक्रोन एक बार फिर से विश्व की सांसें थामे है। उल्लेखनीय है कि कोरोना के इस नए म्यूटेंट से कम खतरनाक माना गया कोरोना वायरस का पिछला स्वरूप दुनिया भर में 50 लाख से ज्यादा लोगों की जान लील चुका है। लेकिन आज, उस पुराने स्वरूप के साथ ही इस नए स्वरूप से दुनिया और भयभीत हो चली है। दक्षिण अफ्रीका, जहां इस कोरोना म्यूटेंट का सबसे पहले पता चला है, के साथ ही तमाम देशों में स्वास्थ्य एजेंसियां सावधान हो गई हैं।

कुछ दिन पहले दक्षिण अफ्रीका के वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस के इस शायद ज्यादा संक्रामक नए वेरिएंट ओमीक्रोन के पाए जाने की खबर दी थी। उसके बाद एक एक दिन करके अनेक यूरोपीय देशों को इसने अपनी गिरफ्त में ले लिया है। भारत सहित तमाम देशों की सरकारों को अब इसे शुरू में ही काबू करने की चिंता व्याप गई है। एहतियात के कदम उठाए जा रहे हैं। 26 नवम्बर को ही ब्रिटेन में ओमीक्रोन संक्रमण के दो मामले देखने में आए थे, जिसके फौरन बाद 27 नवम्बर को वहां मास्क पहनने के नियम कड़े कर दिए गए थे और बाहर से आने वाले यात्रियों से जुड़े नियमों को सख्त किया गया था। इधर जर्मनी तथा इटली में भी 27 नवम्बर को ओमीक्रोन कोरोना वायरस मिलने की पुष्टि हुई है। 

समाचारों के अनुसार, बेल्जियम, हांगकांग, तथा इस्राएल पहुंच रहे कुछ यात्रियों को भी कोरोना वायरस के इस नए वेरिएंट से संक्रमित पाया गया है। कोरोना जैसे संक्रामक रोगों के विशेषज्ञ डॉ. एंथनी फॉसी का कहना है कि हो सकता है अमेरिका में भी इस वेरिएंट के मरीज पहले से मौजूद हों। उन्होंने एक चैनल को साक्षात्कार में बताया कि हालांकि अमेरिका में अभी तक इसका कोई मामला नहीं देखने में आया है, लेकिन आसपास ऐसे वायरस के होने से यह तो तय है कि यहां भी उसका खतरा बना हुआ है। 

कुछ जानकारों का कहना है कि वायरस के नए वेरिएंट पर किसी वैक्सीन का असर नहीं होगा। इस बात से दुनिया के भारत जैसे वे देश भी चिंतित हैं जिनके यहां एक बड़ी आबादी वैक्सीन लगवा चुकी है। कई देश लॉकडाउन पर फिर से विचार करने लगे हैं, तो दूसरे और कड़े उपायों पर गौर कर रहे हैं। कई देशों ने फिलहाल दक्षिण अफ्रीका से आने वाली तमाम उड़ानों पर रोक लगाई है। उधर दक्षिण अफ्रीका से कुछ नेताओं का कहना है कि हमने नए वेरिएंट के बारे में खबर दी है क्या इस वजह से हमें 'कठघरे' में खड़ा किया जा रहा है। 

 

दुनिया के कई देशों ने दक्षिण अफ्रीका के साथ ही अनेक अफ्रीकी देशों पर पाबंदियां लगा दी हैं। ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, ब्राजील, ईरान, यूरोपीय संघ, थाईलैंड, जापान तथा अमेरिका ने पिछले दिनों दक्षिण अफ्रीकी देशों पर नए वेरिएंट का खतरा देखते हुए कड़ी रोक लगा दी है। 

 

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने अपने देश में कोरोना वायरस के नए वेरिएंट के संक्रमण की पुष्टि होने पर कहा है कि इस संबंध में सावधानी हेतु कदम उठाए जाने की जरूरत है। जॉनसन ने कहा है कि बाहर के यात्रियों के देश में आने के दूसरे दिन आरटी-पीसीआर जांच कराना त​था रिपोर्ट में संक्रमित न होने की पुष्टि होने तक उसे क्वारंटीन में रखना जरूरी है।

ब्रिटेन ने नया फैसला लेते हुए बोत्सवाना, इस्वातिनी (पुराना नाम स्वाजीलैंड), लेसेथो, नामीबिया, दक्षिण अफ्रीका तथा जिम्बाब्वे के साथ ही कल से अंगोला, मालावी, मोजाम्बिक तथा जाम्बिया को भी लाल सूची में डालना तय कर लिया है। अब इन देशों से ब्रिटेन में आने वाले यात्रियों के लिए क्वारंटीन के कड़े नियमों का पालन करना जरूरी होगा।

इतना ही नहीं, दुनिया के कई देशों ने दक्षिण अफ्रीका के साथ ही अनेक अफ्रीकी देशों पर पाबंदियां लगा दी हैं। ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, ब्राजील, ईरान, यूरोपीय संघ, थाईलैंड, जापान तथा अमेरिका ने पिछले दिनों दक्षिण अफ्रीकी देशों पर नए वेरिएंट का खतरा देखते हुए कड़ी रोक लगा दी है। हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन इस मामले में कुछ अटपटे सुझाव दे रहा है और कह रहा है कि इसके संक्रमण के बारे लगाई जा रही अटकलों पर अभी जांच करके ही कुछ कहा जा सकता है। ध्यान रहे, इस संगठन ने कोरोना वायरस के पहले चरण के वक्त भी शैतान चीन की ढाल बनते हुए कोरोना के संक्रमण रहित होने की झूठी बातें फैलाई थीं। कई देशों द्वारा उड़ानों पर रोक लगाए जाने के बीच इटली तथा जर्मनी में भी ओमीक्रोन के मामले देखने में आए हैं। 
 

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