देहरादून में भारतीय सेना की मध्य कमान द्वारा ‘मध्य क्षेत्र में ‘इन्फ्रा़स्ट्रक्चर के विकास’ पर 25 व 26 नवंबर को देहरादून में दो दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी में सेना एवं सिविल प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी एवं आईआईटी रुढ़की, एफआरआई देहरादून, एलबीएसएए मसूरी, वाडिया हिमालयन भूगर्भ संस्थान और यूपीईएस के भूगर्भशास्त्री, वैज्ञानिक, इंजीनियर, बुद्धिजीवियों ने भाग लिया। इसमें हिमाचल प्रदेश एवं उत्तराखंड राज्यों के सतत् इन्फ्रा़स्ट्रक्चर के विकास के लिए एक विस्तृत रोड मैप तैयार किया गया।
लेफ्टिनेंट जनरल योगेंद्र डिमरी, एवीएसएम, वीएसएम, जीओसी-इन-सी मध्य कमान ने संगोष्ठी में प्रमुख संबोधन दिया एवं सभी प्रतिभागियों के साथ अपने विचारों को साझा किया। संगोष्ठी में कैप्टन (डॉ.) शेखर दत्त, सेना मेडल (सेवा निवृत्त), आईएएस, पूर्व राज्यपाल छत्तीसगढ़ तथा पूर्व रक्षा सचिव, राधा रतूड़ी, आईएएस, अवर प्रमुख सचिव, उत्तराखंड, दिलीप जावलकर, आईएएस, सचिव पर्यटन, उत्तराखंड, डॉ. रजत चैटर्जी, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिग तथा प्रोफेसर कमल जैन, विभागाध्यक्ष सिविल इंजीनियरिंग, आईआईटी रुढ़की ने भाग लिया, जिसमें हिमालयन भूगर्भीय ढांचागत विकास परियोजनाओं पर सघन चर्चा की गई एवं दोनों सीमावर्ती राज्यों के सम्पूर्ण विकास पर गहन रूप से जोर दिया गया।
संगोष्ठी में चर्चा के दौरान निकल कर आए बिन्दुओं के माध्यम से आने वाले समय में सिविल-सैन्य सहयोग में बढ़ोत्तरी होगी, जिससे सम्पूर्ण प्रशासनिक दृष्टिकोण के आधार पर क्षेत्र का सतत् विकास होगा। इस संगोष्ठी ने निकट भविष्य में इस प्रकार की और चर्चाओं के लिए संभावनाओं के द्वार खोल दिए हैं। विभिन्न सरकारी एजेंसियों की साझी जागरुकता के जरिए राष्ट्रीय संसाधनों के अनुकूलतम उपयोग को बढ़ावा मिल सकेगा।
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